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उद्योग जगत की हस्तियों को भाया उत्तराखंड

नैसर्गिक सौंदर्य और प्राकृतिक संसाधनों के मामले में धनी उत्तराखंड देश के उद्योग जगत की हस्तियों को खूब भाया।

By JagranEdited By: Published: Tue, 09 Oct 2018 03:01 AM (IST)Updated: Tue, 09 Oct 2018 03:01 AM (IST)
उद्योग जगत की हस्तियों को भाया उत्तराखंड
उद्योग जगत की हस्तियों को भाया उत्तराखंड

राज्य ब्यूरो, देहरादून: नैसर्गिक सौंदर्य और प्राकृतिक संसाधनों के मामले में धनी उत्तराखंड देश के उद्योग जगत की हस्तियों को खूब भाया। फिर चाहे अडानी समूह हो या रिलायंस अथवा रसना समेत दूसरे औद्योगिक घराने, सभी ने उत्तराखंड में न सिर्फ निवेश की इच्छा जाहिर की है, बल्कि यहां की विकास में अपने स्तर से हर तरह से सहयोग देने की बात भी कही है।

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इन्वेस्टर्स समिट के समापन पर सोमवार को भी उद्योगपतियों का उत्साह देखते ही बनता था। रसना प्रा.लि.के चेयरमैन प्रियूज खंबाटा ने अहमदाबाद में रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री रावत से हुई मुलाकात का जिक्र करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने जिस तरह पक्ष रखा, उससे हमें लगा कि अगर इन्वेस्टर्स समिट में शामिल नहीं हुए तो बड़ा नुकसान हो जाएगा। नीतियों के संबंध में जो सुझाव दिए गए थे, उन पर न सिर्फ काम हुआ, बल्कि 10 नीतियां भी बनाई गई। इनमें से कुछ नीतियां तो गुजरात व महाराष्ट्र में भी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि एरोमा सेक्टर से भी किसानों की आय दोगुनी हो सकती है। यहां के एरोमा को 'उत्तराखंड खुशबू' के तौर पर पहचान दिलाने की दिशा में रसना गु्रप पहल करेगा।

डिक्सन टेक्नोलॉजी (इंडिया) लि.के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन सुनील वाच्छानी ने कहा कि उत्तराखंड में उनकी कंपनी वाशिंग मशीन समेत होम एप्लायंस की निर्माण क्षमता दोगुनी करने जा रही है। यह भी कहा कि इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर पर ध्यान देने की जरूरत है और अब वक्त आ गया है कि राज्य में इस क्षेत्र में निवेश के लिए उद्यमी आगे आएं। वर्धमान स्पेशल स्टील लि.के वायस चेयरमैन और प्रबंध निदेशक सचित जैन ने कहा कि राज्य में बेहतर वातावरण और राजनीतिक स्थिरता के साथ ही नीति व नीयत साफ है। एमिटी यूनिवर्सिटी के चांसलर डॉ.असीम चौहान ने स्कूली शिक्षा, स्किल डेवलपमेंट और रिसर्च के क्षेत्र में राज्य में कार्य करने की इच्छा जाहिर की।

भेल का उत्तराखंड से गहरा नाता

भारत हैवी इलेक्ट्रिकल्स लि. (भेल) के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक अतुल सोबती ने कहा कि भेल का उत्तराखंड से गहरा नाता है। यहां का पॉलिसी फ्रेमवर्क, शानदार कनेक्टिविटी, पर्याप्त स्किल, समृद्ध संस्कृति, राजनीतिक इच्छाशक्ति यहां निवेश को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने सीएसआर के तहत भेल की ओर से कराए जा रहे कार्याें की जानकारी भी दी।


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