नई सरकार से उम्मीद : शिक्षा, रोजगार और खेल का एक पटल पर विकास चाहते हैं उत्तराखंड के युवा
देहरादून के युवा उत्तराखंड में बनने वाली नई सरकार से ऐसी नीतियां चाहते हैं जिसमें शिक्षा में गुणवत्ता हो और आमजन की जेब पर बोझ भी कम पड़े। विगत 14 फरवरी को उत्तराखंड में मतदान हुआ था और आगामी 10 मार्च को मतगणना होने वाली है।
जागरण संवाददाता, देहरादून। युवा वर्ग प्रदेश की नई सरकार से शिक्षा, रोजगार और खेल का एक पटल पर विकास चाहता है। देहरादून के युवा नई सरकार से ऐसी नीतियां चाहते हैं, जिसमें शिक्षा में गुणवत्ता हो और आमजन की जेब पर बोझ भी कम पड़े। युवा उम्मीद जता रहे हैं कि सरकार उनके हितों को समझेगी और उसे अपनी नीतियों में पिरोने का प्रयास करेगी।
युवाओं के विचारों को समझे और सशक्त बनाने की दिशा में काम करे सरकार
देहरादून जिले में युवा वर्ग (18 से 29 वर्ष) की संख्या 31 लाख से अधिक है। प्रदेश में किसी भी दल की सरकार को बनाने में युवा वर्ग की अहम भूमिका होती है। ऐसे में युवाओं को प्रदेश की सरकार से उम्मीद है कि सरकार उनके विचारों को समझे और सशक्त बनाने की दिशा में काम करे। देहरादून जिले के युवाओं को उम्मीद है कि नई सरकार देहरादून के सभी वार्डों में लाइब्रेरी बनाने की पहल करेगी। जिससे युवाओं को एक ही स्थान पर सभी तरह की किताबें मिलेंगी। इसके अलावा खिलाड़ी चाहते हैं कि देहरादून में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खेल मैदान बनाए जाएं, जिससे यहां के खिलाड़ियों को बेहतर सुविधाओं के लिए दूसरे राज्यों का रुख न करना पड़े। इससे खिलाड़ी अपने राज्य में रहकर ही तैयार कर प्रतियोगिताओं में मेडल जीतेंगे।
युवा लोक गायिका अनीशा रांगड़ का कहना है कि गीतों के माध्यम से हम अपनी संस्कृति को बचाने का कार्य कर रहे हैं। अभी तक की सरकारों ने कलाकारों और संस्कृति के लिए कभी कुछ नहीं किया है। नई सरकार से यही उम्मीद है कि हम कलाकारों के विषय में जरूर कुछ सोचे। जिससे कलाकार आर्थिक रूप से मजबूत हों।
युवा उद्यमी बसंत शर्मा का कहना है कि नई सरकार को शिक्षा में गुणवत्ता लाने के साथ-साथ शिक्षा के व्यापार पर नकेल कसने की जरूरत है। इससे आमजन की जेब पर बोझ भी कम होगा और बच्चे पढ़ाई के लिए बाहर जाने का रुख नहीं करेंगे।
एमकेपी पीजी कालेज की स्नातक छात्रा हिमाक्षी कुमारी का कहना है कि नई सरकार से उम्मीद है कि वह युवाओं के हितों की रक्षा करेगी। मसलन शिक्षा, स्वास्थ्य व रोजगार के दिशा में काम करे। दूरदराज के पहाड़ी क्षेत्रों में मातृशक्ति के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं भी कम चुनौती नहीं है। गुणवत्तापरख शिक्षा मिले और आगे करियर संवारने में भी सरकार को मदद करनी होगी।
एमकेपी पीजी कालेज की मनोरमा रावत ने कहा कि युवा बेहतर शिक्षा और रोजगार को लेकर सबसे अधिक संजीदा होते हैं। युवाओं की प्राथमिकता करियर बनने को लेकर रही है। सरकार जिस भी पार्टी की आए वह युवाओं का करियर बनने के लिए चिंतित दिखे। आखिर बेहतर करियर भविष्य की नींव डालती है।
धावक सूरज पंवार ने कहा कि सरकार को खेल व खिलाड़ियों के विकास के लिए ठोस नीति बनानी चाहिए। जिसमें एक तरफ युवा पौध तैयार हो और दूसरी तरफ राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को नौकरी मिल सके। घर में ही उचित खेल संसाधन मिलेगा तो खिलाड़ियों का मनोबल भी बढ़ेगा। साथ ही वह अपने राज्य से पलायन भी नहीं करेगा।