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रजत जयंती पर नए स्वरूप में दिखेगा उत्तराखंड: मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश -उत्तराखंड के बॉर्डर पर प्रदेश की पहली डबल लेन सुरंग का लोकार्पण किया। यह सुरंग भारत रत्न इंजीनियर एम. विश्वेश्वरैय्या के नाम समर्पित की गई। 57 करोड़ के बजट से सुरंग निर्धारित समय से आठ माह पहले नौ करोड़ की बचत से तैयार की गई।

By JagranEdited By: Published: Sat, 06 Oct 2018 09:53 PM (IST)Updated: Sat, 06 Oct 2018 09:53 PM (IST)
रजत जयंती पर नए स्वरूप में दिखेगा उत्तराखंड: मुख्यमंत्री
रजत जयंती पर नए स्वरूप में दिखेगा उत्तराखंड: मुख्यमंत्री

जागरण संवाददाता, देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड के बॉर्डर पर प्रदेश की पहली डबल लेन सुरंग का लोकार्पण किया। यह सुरंग भारत रत्न इंजीनियर एम. विश्वेश्वरैय्या के नाम समर्पित की गई। 57 करोड़ के बजट से सुरंग निर्धारित समय से आठ माह पहले नौ करोड़ की बचत से तैयार की गई। सुरंग बनने से यहां लगने वाले लंबे जाम से उत्तर प्रदेश और दिल्ली आने-जाने वाले यात्रियों को राहत मिलेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड स्थापना की रजत जयंती पर प्रदेश उन्नत और समृद्ध राज्यों की फेहरिस्त में शामिल होगा।

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राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 72-ए के डाटकाली में शनिवार को मुख्यमंत्री ने डबल लेन सुरंग का लोकार्पण करते हुए कहा कि जब प्रोजेक्ट तय समय से पहले तैयार होते हैं, उनका लाभ आर्थिक और सामाजिक रूप में मिलता है। मुख्यमंत्री ने सुरंग बनाने वाली कंपनी भारत कंस्ट्रक्शन को भी बधाई दी। इस दौरान सीएम ने कहा कि निवेशक सम्मेलन ऐतिहासिक होगा। निवेशकों ने जो रुचि दिखाई है, उसका लाभ राज्य के विकास और प्रगति में मिलेगा। उन्होंने कहा कि जब 2025 में राज्य रजत जयंती मना रहा होगा तो उस समय आंदोलनकारियों के सपनों के अनुरूप समृद्ध और उन्नत राज्य देखने को मिलेगा। इस मौके पर भाजपा प्रदेश महामंत्री नरेश बंसल, विधायक धर्मपुर विनोद चमोली, रुद्रप्रयाग विधायक भरत चौधरी, एसीएस ओम प्रकाश, लोनिवि के एचओडी आरसी पुरोहित, एनएच के चीफ इंजीनियर हरिओम शर्मा, एसई राजेश शर्मा, महानगर अध्यक्ष विनय गोयल, मंडल महामंत्री महेश पांडेय समेत अन्य मौजूद रहे। सेल्फी प्वाइंट बनेगी सुरंग: मुख्यमंत्री ने एनएच को सुरंग के दोनों प्रवेश द्वार पर उत्तराखंड की सांस्कृतिक झलक दिखाने वाले सौंदर्यीकरण कार्य करने के निर्देश दिए। कहा कि देवभूमि आने वाले पर्यटक, यात्रियों के लिए यह सेल्फी प्वाइंट के रूप में नजर आए। इसके अलावा सुरंग के स्लोप कार्य करने के भी निर्देश दिए गए।

समय के साथ डेढ़ किमी कम हुई दूरी: सुरंग बनने से दूरी और समय कम हुआ है। यहां पुरानी सुरंग को जाने वाली सड़क घुमावदार और संकरी होने से समय ज्यादा लगता है। सुरंग एक लेन की होने से यहां अक्सर जाम लगा रहता है। जबकि, सुरंग एक छोर से दूसरे छोर तक सीधी बनी है। इससे सुरंग से आने-जाने में डेढ़ किमी की दूरी कम हो जाएगी।

सांसद की अनुपस्थिति रही चर्चाओं में: पहले मोहकमपुर और फिर डाटकाली में भी हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक शामिल नहीं हो पाए। दोनों जगह लोकार्पण वाले पत्थर में उनका नाम शामिल था। मगर, उनकी अनुपस्थिति चर्चाओं में रही। हालांकि उनके नजदीकी लोगों का कहना था कि वह शहर से बाहर हैं।

सुरंग पर एक नजर

स्वीकृत लागत-71.93 करोड़

निविदा की लागत-56.01 करोड़

कार्य शुरू हुआ-03.05.2017

कार्य पूरा होना था-02.05.2019

सुरंग की लंबाई-340 मीटर

सुरंग की चौड़ाई-7.50 मीटर

दोनों तरफ फुटपाथ-डेढ़ मीटर

सुरंग के बाहर अप्रोच रोड-360 मीटर सवा तीन करोड़ पड़ेगा वित्तीय बोझ

मुख्यमंत्री ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दाम कम करने का कड़ा फैसला लिया गया। इससे राज्य को सवा तीन करोड़ का वित्तीय घाटा होगा। उन्होंने कहा कि राज्य में प्रति वर्ष 90 करोड़ लीटर डीजल और 40 करोड़ लीटर पेट्रोल की खपत है। हालांकि मुख्यमंत्री ने इस घाटे को दूसरे प्रोजेक्ट और योजनाओं से पूरा करने की बात कही। उन्होंने कहा कि खनन से 400 से राजस्व बढ़कर 800 करोड़ हो गया है। अकेले वन विकास निगम से खनन से 100 करोड़ की आय होने की संभावना है।


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