Uttarakhand Weather Update: कुमाऊं में चोटियों पर हिमपात, गढ़वाल को भारी वर्षा से राहत, तीन दिन हल्की वर्षा के आसार
रविवार को प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में मुख्यत आसमान साफ रहा। पर्वतीय क्षेत्रों में आंशिक रूप से बादल छाए रहे। वहीं कुमाऊं में पिथौरागढ़ में उच्च हिमालय के समुद्रतल से 12 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हुआ है।
जागरण संवाददाता, देहरादून: Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में मानसून के तेवर कुछ नरम पड़े हैं। चार दिन बाद रविवार को प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में धूप खिली। भारी वर्षा से राहत के चलते पर्वतीय क्षेत्रों में दुश्वारियां कुछ कम हुई हैं। इस बीच कुमाऊं में ऊंची चोटियों पर हल्का हिमपात भी हुआ। पिछले तीन दिन में कुमाऊं में दो और गढ़वाल में एक दौर का हिमपात हो चुका है। इससे प्रदेशभर में तापमान में गिरावट दर्ज की गई है।
ज्यादातर हिस्सों में मौसम रह सकता है सामान्य
मौसम विभाग के अनुसार अगले तीन दिन प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों में मौसम सामान्य रह सकता है। कहीं-कहीं हल्की से मध्यम बौछार पड़ने के आसार हैं।
रविवार को प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों में मुख्यत: आसमान साफ रहा। पर्वतीय क्षेत्रों में आंशिक रूप से बादल छाए रहे। वहीं, कुमाऊं में पिथौरागढ़ में उच्च हिमालय के समुद्रतल से 12 हजार फीट से अधिक ऊंचाई वाले क्षेत्रों में हिमपात हुआ है। जिले की दारमा घाटी में चोटियों पर एक फीट के आसपास हिमपात हुआ है।
चोटियों पर भी बर्फ गिरने से तापमान में गिरावट
आदि कैलास, ओम पर्वत और मिलम दुंग की चोटियों पर भी बर्फ गिरने से तापमान में गिरावट आई है। बीती रात हुई वर्षा से विकासखंड मुनस्यारी के पत्थरकोट गांव में एक मकान ध्वस्त हो गया। हालांकि, किसी तरह की जन और पशु हानि नहीं हुई है। उधर, चीन सीमा को जोड़ने वाला तवाघाट-लिपुलेख मार्ग 10वें दिन भी नहीं खुल सका। इससे चीन सीमा पर व्यास घाटी के सात गांवों का संपर्क कटा हुआ है।
फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब की यात्रा भी सुचारू
इधर, देहरादून समेत पूरे गढ़वाल में धूप खिली रही। इससे पर्वतीय क्षेत्रों में राहत महसूस की गई। ज्यादातर राजमार्गों पर आवाजाही सुचारू है। फूलों की घाटी और हेमकुंड साहिब की यात्रा भी सुचारू हो गई है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के मुताबिक सोमवार को प्रदेश में मुख्यत: आसमान साफ रहने से लेकर आंशिक रूप से बादल छाए रह सकते हैं। कहीं-कहीं गरज के साथ बौछारें पड़ने की आशंका है।