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Uttarakhand Weather Update: मार्च में जनवरी का एहसास वर्षा-बर्फबारी से लुढ़का पारा, येलो अलर्ट जारी

Uttarakhand Weather Update उत्तराखंड में पिछले चार दिनों से रुक-रुककर वर्षा का दौर जारी है। साथ ही कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि ने मुसीबतें बढ़ा दी हैं। अधिकतर शहरों में तापमान सामान्य से 8 से 10 डिग्री सेल्सियस तक नीचे बना हुआ है।

By Jagran NewsEdited By: Abhishek PandeyWed, 22 Mar 2023 07:34 AM (IST)
Uttarakhand Weather Update: मार्च में जनवरी का एहसास वर्षा-बर्फबारी से लुढ़का पारा, येलो अलर्ट जारी
मार्च में जनवरी का एहसास वर्षा-बर्फबारी से लुढ़का पारा

जागरण संवाददाता, देहरादून : उत्तराखंड में मौसम के करवट बदलने के बाद बीते चार दिन से रुक-रुककर वर्षा-बर्फबारी का दौर जारी है। साथ ही कई क्षेत्रों में ओलावृष्टि ने दुश्वारियां बढ़ा दी हैं। मौसम के बदले मिजाज से तापमान ने भी गोता लगा दिया है। ज्यादातर शहरों का तापमान सामान्य से आठ से 10 डिग्री सेल्सियस तक नीचे बना हुआ है। जिससे पहाड़ से लेकर मैदान तक ठिठुरन बढ़ गई है।

मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट

बदला मौसम मार्च में जनवरी का एहसास करा रहा है। मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिन प्रदेश में आंशिक बादल छाये रहने से लेकर आसमान साफ रह सकता है। कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ ओलावृष्टि को लेकर यलो अलर्ट जारी किया गया है। मैदानी क्षेत्रों में बौछारें पड़ने के भी आसार हैं।

बदरीनाथ और केदारनाथ में हिमपात

पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता और अरब सागर से उठने वाले साइक्लोनिक सर्कुलेशन के उत्तर भारत से गुजरने के कारण उत्तराखंड में मौसम का मिजाज बदला हुआ है। मंगलवार को बदरीनाथ और केदारनाथ में हिमपात हुआ। जबकि, निचले इलाकों में हल्की वर्षा और कहीं-कहीं ओलावृष्टि भी हुई।

देहरादून में रिमझिम वर्षा का क्रम जारी

देहरादून और आसपास के क्षेत्रों में तड़के से रिमझिम वर्षा का क्रम शाम तक बना रहा। हालांकि, शाम को मैदानों में बादल छंटने लगे और हल्की धूप खिली। इस दौरान सभी स्थानों पर तापमान सामान्य से बेहद कम दर्ज किया गया। सुबह और ठंड महसूस की जा रही है। मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह के अनुसार बुधवार को प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में कहीं-कहीं हल्की वर्षा-बर्फबारी हो सकती है।

चार दिन में 60 मिमी से अधिक वर्षा

दून में चार दिन के भीतर ही 60 मिमी से अधिक वर्षा दर्ज की गई है। जबकि, इससे पहले मार्च में महज दो मिमी वर्षा हुई थी। अभी तक प्रदेश में सामान्य से पांच प्रतिशत अधिक वर्षा दर्ज की जा चुकी है।