Uttarakhand Weather : आज ताजा पश्चिमी विक्षोभ दे सकता है दस्तक, मौसम के तल्ख तेवर से राहत मिलने के आसार
Uttarakhand Weather रविवार को चटख धूप के बीच अधिकतम पारा वर्ष के सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गया। मैदानी इलाकों में तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। मौसम विभाग के मुताबिक आज शाम तक पर्वतीय क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ दस्तक दे सकता है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : Uttarakhand Weather : उत्तराखंड में मौसम के तल्ख तेवर से कल से एक या दो दिन के लिए कुछ राहत मिल सकती है। मौसम विभाग के मुताबिक आज शाम तक पर्वतीय क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ दस्तक दे सकता है। इससे हल्की बारिश की संभावना है।
पिछले तीन दिन से बेहाल किए है पारा
मई की शुरुआत के बाद प्रदेश में कुछ दिन खासकर पर्वतीय जिलों में हल्की से मध्यम बारिश हुई। इससे ज्यादातर इलाकों में गर्मी से फौरी राहत मिली, लेकिन पिछले तीन दिन से पारा बेहाल किए है। रविवार को चटख धूप के बीच अधिकतम पारा वर्ष के सर्वाधिक स्तर पर पहुंच गया। मैदानी इलाकों में तापमान सामान्य से तीन से पांच डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।
गरज के साथ बौछारें पडऩे व झोंकेदार हवा चलने की संभावना
देहरादून समेत ज्यादातर मैदानी इलाकों में अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा रहा तो हरिद्वार और ऊधमसिंह नगर जिले के कई इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया।
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आज ताजा पश्चिमी विक्षोभ उत्तराखंड में दस्तक दे सकता है। इससे मंगलवार को उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में गरज के साथ बौछारें पडऩे व झोंकेदार हवा चलने की संभावना है।
रविवार को यह रहा प्रमुख नगरों का तापमान
नगर- अधिकतम- न्यूनतम
देहरादून- 39.6- 23.4
पंतनगर- 38.5- 26.3
हरिद्वार- 39.4- 25.5
मुक्तेश्वर- 29.0- 16.1
नई टिहरी- 29.4- 17.4
मसूरी-29.5- 16.2
नैनीताल- 29.8- 16.5
(तापमान डिग्री सेल्सियस में है)
इस मानसून में भी डराएगा मसूरी रोड का भूस्खलन जोन
देहरादून-मसूरी रोड पर भूस्खलन जोन का उपचार इस मानसून सीजन तक भी नहीं हो पाएगा। ऐसे में भूस्खलन जोन स्थानीय नागरिकों और पर्यटकों के लिए मुसीबत बन सकता है। वजह यह कि भूस्खलन जोन के उपचार की योजना दो माह से डीपीआर से आगे नहीं बढ़ पाई है।
बीते मानसून सीजन के अलावा अलग-अलग समय पर हुई भारी बारिश से मसूरी रोड पर गलोगी पावर हाउस के पास का भूस्खलन जोन एक्टिव होता रहा है। भूस्खलन के चलते यहां पर सड़क बाधित हो जाती है। इसको लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो सितंबर 2021 को भूस्खलन क्षेत्र का दौरा किया था।
स्वास्तिक कंपनी को यह काम मिला और कंपनी ने डीपीआर भी तैयार कर दी। हालांकि, डीपीआर को विस्तृत बताते हुए इसे अलग-अलग हिस्सों में बांटकर प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। इस पर कंसल्टेंट ने कहा कि यह संभव नहीं हो पाएगा और उपचार एक साथ किया जाना ही उचित होगा। लोनिवि अधिकारियों के निर्देश पर कंसल्टेंट कंपनी स्वास्तिक ने डीपीआर को आइआइटी दिल्ली के पास भेजा।
कंपनी को यह भी निर्देश दिए गए थे कि 15 दिन में परीक्षण रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। तब से अब तक करीब दो माह हो चुके हैं और रिपोर्ट का कहीं पता नहीं है। लोनिवि प्रांतीय खंड के अधिशासी अभियंता डीसी नौटियाल के मुताबिक डीपीआर की परीक्षण रिपोर्ट आने के बाद ही आगे की कार्रवाई शुरू की जा सकेगी। कंसल्टेंट को इस संबंध में रिमाइंडर भेजा जा रहा है। इसी इंतजार में अभी उपचार कार्य का इस्टीमेट भी फाइनल नहीं हो पा रहा है। हालांकि, प्रारंभिक आधार पर माना जा रहा है कि इस काम में करीब चार करोड़ रुपये का खर्च आ सकता है।
100 मीटर ऊंचाई तक से हो रहा भूस्खलन
गलोगी पावर हाउस के पास का भूस्खलन जोन काफी विस्तृत है। इस पहाड़ी से 100 मीटर ऊंचाई और 80 मीटर तक लंबाई वाले भाग से भूस्खलन होता है। इसके अलावा यहां पहाड़ी के बीच से जलस्रोत भी फूट रहा है।