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Uttarakhand Weather: उत्‍तराखंड में जनवरी और फरवरी में 77 फीसद ज्यादा बरसे मेघ

उत्तराखंड में 17 वर्ष बाद इस बार जनवरी-फरवरी में रिकॉर्ड बारिश हुई है। सूबे में एक जनवरी से 26 फरवरी के बीच सामान्य से 77 फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई।

By Sunil NegiEdited By: Published: Thu, 27 Feb 2020 03:43 PM (IST)Updated: Thu, 27 Feb 2020 03:43 PM (IST)
Uttarakhand Weather: उत्‍तराखंड में जनवरी और फरवरी में 77 फीसद ज्यादा बरसे मेघ
Uttarakhand Weather: उत्‍तराखंड में जनवरी और फरवरी में 77 फीसद ज्यादा बरसे मेघ

देहरादून, अशोक केडियाल। 17 वर्ष बाद उत्तराखंड में इस बार जनवरी-फरवरी में रिकॉर्ड बारिश हुई है। सूबे में एक जनवरी से 26 फरवरी के बीच सामान्य से 77 फीसद अधिक बारिश दर्ज की गई। इससे पूर्व इन दो महीनों में वर्ष 2003 में सामान्य से 79 फीसद अधिक बारिश हुई थी।

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मौसम विभाग के अनुसार सामान्यता जनवरी-फरवरी में प्रदेश में 96.4 मिलीमीटर बारिश होती है। लेकिन, इस बार अब तक 170.6 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। इससे पहले वर्ष 2003 में इस मियाद में 172.55 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। उसके बाद यह दूसरा मौका है, जब शीतकाल में इतनी अधिक बारिश हुई है। बारिश के आंकड़े में सबसे ज्यादा बढ़ोत्तरी ऊधमसिंहनगर जिले में हुई। यहां इस अवधि में अमूमन 42 मिलीमीटर के आसपास बारिश होती है, लेकिन इस बार मेघ 168 फीसद ज्यादा यानी 114 मिलीमीटर बरसे। सबसे कम बारिश उत्तरकाशी में हुई। हालांकि, यहां भी बारिश का आंकड़ा सामान्य से सात फीसद ऊपर रहा। राजधानी देहरादून में भी मेघ खूब बरस रहे हैं। यहां अभी तक सामान्य से 112 फीसद अधिक बारिश हुई है।

  • जनवरी-फरवरी में जिलावार बारिश का आंकड़ा  
  • जिला-------------वास्तविक (एमएम में)----सामान्य (एमएम में)---अंतर (फीसद में)
  • ऊधमसिंहनगर------114.7--------------------42.8----------------------168
  • नैनीताल--------------204.6--------------------79.8--------------------156
  • टिहरी-----------------227.8---------------------99.2--------------------130
  • चंपावत---------------167.5---------------------76.9--------------------118
  • देहरादून---------------194.1---------------------91.5--------------------112
  • पौड़ी-------------------174.6---------------------86.1---------------------103
  • पिथौरागढ़-------------199.5---------------------103.1--------------------93
  • अल्मोड़ा---------------154.6---------------------84.7---------------------83  
  • बागेश्वर----------------149.0--------------------84.8,--------------------76
  • हरिद्वार----------------109.4-------------------62.2--------------------76
  • रुद्रप्रयाग----------------183.6-------------------114.6-------------------60
  • चमोली------------------161.7--------------------110.4-------------------46
  • उत्तरकाशी--------------139.9-------------------131.2--------------------07

गौरीशंकर (कृषि निदेशक, उत्तराखंड) का कहना है कि इस वर्ष राज्य की ऊंची चोटियों समेत चौराबाड़ी ग्लेशियर में 29 फीट और गौमुख ग्लेशियर में 21-22 फीट तक बर्फबारी हुई है। शीतकाल में अक्सर बारिश कम होती है, लेकिन इस वर्ष जनवरी-फरवरी में बारिश भी अच्छी हुई है। जो गेहूं, सरसों के साथ सेब समेत सभी शीतोष्ण फलों के लिए वरदान साबित होगी।

बिक्रम सिंह (निदेशक, मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून) का कहना है कि 26 फरवरी को समाप्त हुए सप्ताह के आंकड़े बारिश के लिहाज से बेहतरीन हैं। पिछले 56 दिन में उत्तराखंड में सामान्य से 77 फीसद अधिक बारिश हुई है। हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर और देहरादून जैसे मैदानी जिलों में भी शीतकालीन बारिश के आंकड़े बेहद संतोषजनक हैं। बारिश-बर्फबारी का सीधा लाभ किसानों-बागवानों को मिलेगा।

शहर में खिली धूप, ग्रामीण क्षेत्रों में ओलावृष्टि

प्रदेश में अभी एक सप्ताह तक मौसम का मिजाज बिगड़ा रहने का अनुमान है। बुधवार को शहरी क्षेत्रों में धूप खिली रही, जबकि दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में तड़के हल्की बारिश और ओलावृष्टि हुई। ऋषिकेश और हरिद्वार के कई क्षेत्रों में भी देर रात व तड़के ओलावृष्टि हुई। इससे गेहूं और सरसों की फसल को काफी नुकसान हुआ है। मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक अगले दो दिन प्रदेश के कुछ क्षेत्रों में बादल छाए रहने के साथ हल्की बारिश और चोटियों में हल्की बर्फबारी की संभावना है।

मंगलवार रात बालावाला, नथुआवाला, नकरौंदा, मियांवाला इत्यादि क्षेत्रों में भारी ओलावृष्टि हुई। बालावाला के पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य धनवीर सिंह राणा ने बताया कि ओलावृष्टि से गेहूं, चना, मसूर, मटर इत्यादि की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। किसान इससे काफी निराश हैं। उन्होंने मांग की है कि सरकार किसानों को इसकी क्षतिपूर्ति दे। वहीं, बुधवार को मालदेवता, रायपुर आदि क्षेत्रों में सुबह के समय बारिश हुई। जबकि दून में धूप खिली रही। इस दौरान अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री कम 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।

मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि अभी एक सप्ताह तक राज्य का मौसम बदला हुआ रहेगा। एक मार्च के बाद पारे के ऊपर चढ़ने का अनुमान है।

मसूरी में पूरे दिन ठिठुरते रहे लोग

मंगलवार को देर शाम हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण बुधवार को मसूरीवासी दिनभर ठिठुरते रहे। मसूरी के लिहाज से बुधवार फरवरी का सबसे ठंडा दिन रहा।सुबह आसमान बिल्कुल साफ था, लेकिन धीरे-धीरे कोहरा घिर आया और उत्तर दिशा से ठंडी हवाएं चलने लगीं। जिससे ठिठुरन काफी बढ़ गई। बाजारों में पूरे दिन सन्नाटा पसरा रहा। बीती जनवरी में भी इतनी सर्द हवाएं नहीं चली थीं।

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शहर का तापमान

  • शहर--------------अधिकतम--------------न्यूनतम
  • देहरादून-------------24.0--------------10.6
  • मसूरी----------------12.4--------------4.1
  • टिहरी----------------13.6--------------4.5
  • उत्तरकाशी----------13.9--------------6.1
  • जोशीमठ-------------10.2--------------2.1
  • हरिद्वार--------------24.4-------------12.1
  • अल्मोड़ा--------------13.5--------------5.2
  • नैनीताल--------------10.8--------------7.3
  • मुक्तेश्वर-------------9.8----------------2.6
  • उधमसिंहनगर--------24.2-------------12.1
  • चंपावत--------------11.6----------------3.2
  • पिथौरागढ़------------16.6---------------4.6

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