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उत्तराखंड: उच्च प्राथमिक कक्षाओं में कम दाखिले, शिक्षा विभाग कारणों की करेगा जांच-पड़ताल

सरकारी विद्यालयों में उच्च प्राथमिक कक्षाओं में प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं की तुलना काफी कम छात्रों ने दाखिला लिया है। प्राथमिक कक्षाओं में नए छात्रों की पंजीकरण संख्या उच्च प्राथमिक कक्षाओं की तुलना में दोगुना से ज्यादा है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Sun, 19 Sep 2021 07:05 AM (IST)Updated: Sun, 19 Sep 2021 07:05 AM (IST)
उत्तराखंड: उच्च प्राथमिक कक्षाओं में कम दाखिले, शिक्षा विभाग कारणों की करेगा जांच-पड़ताल
उत्तराखंड: उच्च प्राथमिक कक्षाओं में कम दाखिले, शिक्षा विभाग कारणों की करेगा जांच-पड़ताल।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड के सरकारी विद्यालयों में उच्च प्राथमिक कक्षाओं में प्राथमिक और माध्यमिक कक्षाओं की तुलना काफी कम छात्रों ने दाखिला लिया है। प्राथमिक कक्षाओं में नए छात्रों की पंजीकरण संख्या उच्च प्राथमिक कक्षाओं की तुलना में दोगुना से ज्यादा है। उच्च प्राथमिक स्तर पर प्रवेश लेने वालों की संख्या 19 हजार से कम रह गई। छात्रों व अभिभावकों में सरकारी विद्यालयों के प्रति मोहभंग को रोकने की कोशिश में जुटा शिक्षा विभाग कारणों की पड़ताल में जुटा है। 30 सितंबर तक अंतिम डाटा मिलने का इंतजार किया जा रहा है।

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प्रदेश में सरकारी विद्यालयों में उच्च प्राथमिक स्तर पर बच्चों की संख्या बढ़ाना शिक्षा विभाग के लिए चुनौती बना है। 15 दिनी प्रवेशोत्सव में बड़ी संख्या में छात्रों के दाखिला लेने के बावजूद उच्च प्राथमिक कक्षाओं के आंकड़ों ने विभाग को सोचने पर मजबूर कर दिया है। ये हाल तब है, जब इस साल दाखिलों को लेकर शिक्षा विभाग राहत महसूस कर रहा है। पिछले कई सालों से सरकारी विद्यालयों में छात्रसंख्या में लगातार गिरावट दर्ज हो रही है।

चिंतित शिक्षा विभाग ने इस माह के पहले पखवाड़े में छात्रों का दाखिले ढ़ाने के लिए शिद्दत से मुहिम चलाई। रुद्रप्रयाग में 18, पिथौरागढ़ में 160 दाखिले नतीजा ये हुआ कि पूरे प्रदेश में प्राथमिक से माध्यमिक तक नए 1,25,243 छात्रों ने विद्यालयों में प्रवेश लिया। प्राथमिक स्तर पर 38,553 और माध्यमिक स्तर पर 67,750 छात्रों ने प्रवेश लिया। वहीं उच्च प्राथमिक स्तर पर दाखिला लेने वालों की संख्या 18,940 तक सिमट गई। जिलेवार भी इन कक्षाओं में काफी कम दाखिले हुए। नैनीताल में 4074 छात्रों की आमद बढ़ी है। अन्य कोई भी जिला 3000 की संख्या पार नहीं कर पाया। रुद्रप्रयाग 18 और पिथौरागढ़ 160 दाखिलों में अटक गया। पौड़ी, चंपावत, चमोली, उत्तरकाशी, अल्मोड़ा व बागेश्वर में यह संख्या 2000 से नीचे रह गई।

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अंतिम डाटा मिलने पर सामने आएगी तस्वीर

दरअसल, उच्च प्राथमिक स्तर पर पहले से ही छात्रों का ड्रापआउट रेट 5.72 फीसद है। इस बार ज्यादा सुधार की उम्मीद लगाई गई थी। कोरोना की वजह से बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंड लौटे हैं। साथ ही सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती होने से अभिभावकों का भरोसा बढ़ा है। कई निजी विद्यालयों से प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर छात्रों ने सरकारी विद्यालयों का रुख किया है। उच्च प्राथमिक कक्षाओं में स्थिति हटकर है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडेय ने कहा कि छात्रसंख्या के आंकड़ों में इस अंतर के बारे में विभाग से जानकारी मांगी गई है। उन्होंने कहा कि 30 सितंबर तक नए दाखिलों के बारे में अंतिम डाटा मिलने पर कारणों की तह में जाने में मदद मिलेगी।

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