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    Uttarakhand News: 3 साल के इंतजार के बाद मिलेंगे खेल रत्न व द्रोणाचार्य पुरस्कार, मिलेंगे पांच-पांच लाख रुपये

    By Nishant kumarEdited By: Shivam Yadav
    Updated: Wed, 22 Mar 2023 11:48 PM (IST)

    राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के पदक विजेताओं को खेल नीति के तहत दो करोड़ आठ लाख रुपये दिए जाएंगे। खिलाड़ी व प्रशिक्षक लंबे समय से पुरस्कारों का इंतजार कर रहे थे। वर्ष 2018 के बाद से पुरस्कार नहीं मिले थे।

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    तीन साल के इंतजार के बाद मिलेंगे खेल रत्न व द्रोणाचार्य पुरस्कार

    देहरादून, जागरण संवाददाता: तीन वर्ष के लंबे इंतजार के बाद खेल विभाग ने देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार, देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार और लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार की घोषणा की है। देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार और लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार के विजेताओं को पांच-पांच लाख रुपये, देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार के विजेताओं को तीन-तीन लाख रुपये दिए जाएंगे। 

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    साथ ही राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं के पदक विजेताओं को खेल नीति के तहत दो करोड़ आठ लाख रुपये दिए जाएंगे। खिलाड़ी व प्रशिक्षक लंबे समय से पुरस्कारों का इंतजार कर रहे थे। वर्ष 2018 के बाद से पुरस्कार नहीं मिले थे।

    पुरस्कार विजेताओं पर एक नजर

    लक्ष्य सेन (बैडमिंटन)

    अल्मोड़ा के लक्ष्य सेन बैडमिंटन में अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी हैं। लक्ष्य सेन बैडमिंटन एकल वर्ग, मिश्रित युगल व टीम इवेंट में हिस्सा लेते हैं। लक्ष्य के पिता डीके सेन ही उनके बचपन से कोच रहे हैं। लक्ष्य सेन 2009 से बैडमिंटन खेल रहे हैं। वर्ष 2019-20 के लिए लक्ष्य सेन को देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार दिया जा रहा है।

    लक्ष्य की उपलब्धियां

    कामनवेल्थ गेम्स 2022 में स्वर्ण पदक, थामस एंड उबर कप 2022 में स्वर्ण पदक, आल इंग्लैंड ओपन 2022 में रजत पदक, योनेक्स इंडिया ओपन 2022 में स्वर्ण पदक, वर्ल्ड चैंपियनशिप 2021 में कांस्य पदक, फ्रेंच ओपन 2021 में रजत पदक, सनराइज बांग्लादेश इंटरनेशनल 2019 में स्वर्ण, स्काटिस ओपन 2019 में स्वर्ण, आइरिश ओपन 2019 में स्वर्ण, डच ओपन 2019 में स्वर्ण, बेलजियन इंटरनेशनल 2019 में स्वर्ण, यूथ ओलिंपिक 2018 में स्वर्ण।

    चंदन सिंह (एथलेटिक्स)

    नैनीताल के चंदन सिंह अंतरराष्ट्रीय स्तर के एथलीट हैं। चंदन सिंह वर्ष 2008 से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। चंदन सिंह को वर्ष 2020-21 के लिए देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार से नवाजा जा रहा है।

    चंदन की उपलब्धियां

    एशियन रेस वाकिंग चैंपियनशिप 20 किमी 2013 में रजत पदक, एशियन रेस वाकिंग चैंपियनशिप 20 किमी 2015 में कांस्य पदक, 57वीं इंटर स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप 2014 में स्वर्ण पदक, 67वीं इंटर सर्विसेज एथलेटिक चैंपियनशिप 2016 में रजत पदक, 69वीं इंटर सर्विसेज एथलेटिक चैंपियनशिप 2019 में स्वर्ण।

    डीके सेन (बैडमिंटन )

    अल्मोड़ा निवासी डीके सेन भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच हैं। डीके सेन अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन के पिता और बचपन के कोच भी हैं। डीके सेन को 35 साल कोचिंग का अनुभव है। इनके मार्गदर्शन में लक्ष्य सेन ने कई अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते हैं। उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें वर्ष 2019-20 के लिए देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा जा रहा है।

    कमलेश कुमार तिवारी (ताइक्वांडो)

    बागेश्वर निवासी कमलेश कुमार तिवारी ताइक्वांडो के कोच व निर्णायक हैं। कमलेश कुमार वियतनाम में आयोजित सीनियर एशियाई ताइक्वांडो चैंपियनशिप में भारतीय टीम के कोच रहे हैं। उनके प्रशिक्षु गजेंद्र परिहार, महेंद्र परिहार, हेमंत गढ़िया, अनिल देव, भूपेश रावत व नवीन परिहार ने अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिता में पदक जीते हैं। उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें वर्ष 2020-21 के लिए देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा जा रहा है।

    संदीप कुमार डुकलान (तीरंदाजी)

    कोटद्वार निवासी संदीप कुमार डुकलान तीरंदाजी खिलाड़ी व कोच हैं। उनके निर्देशन में भारतीय टीम ने अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में कई पदक जीते हैं। उनकी इस उपलब्धि के लिए उन्हें वर्ष 2021-22 के लिए देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार से नवाजा जा रहा है।

    सुरेश चंद्र पांडे (एथलेटिक्स )

    अल्मोड़ा निवासी सुरेश चंद्र पांडे अंतरराष्ट्रीय मैराथन व क्रास कंट्री चैंपियन रहे हैं। प्रशिक्षक के रूप में उनके निर्देशन में उत्तराखंड के कई खिलाड़ी अंतरराष्ट्रीय फलक पर चमके हैं। इनमें महेश सिंह फर्त्याल, हीरा सिंह राैतेला, हरीश कोरंगा, दरवान सिंह, मोहन सिंह कापड़ी, अवधेश कुमार व सुमेर सिंह हैं। उनकी इस उपलब्धि के लिए वर्ष 2021-22 के लिए उन्हें लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से नवाजा जा रहा है।