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Uttarakhand News: फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले सेंटर का पर्दाफाश, 10 हजार रुपये में बेच रहे थे प्रमाणपत्र

देहरादून पुलिस ने धारा पुलिस चौकी के ठीक सामने एमडीडीए कांप्लेक्स से एक फर्जी सर्टिफिकेट तैयार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। कार्यालय में 10वीं व 12वीं कक्षा की फर्जी डिग्री तैयार की जाती थी। यह डिग्रियां आठ से 10 हजार रुपये में बेची जा रही थी।

By Soban singhEdited By: Shivam YadavWed, 01 Feb 2023 01:02 AM (IST)
Uttarakhand News: फर्जी सर्टिफिकेट बनाने वाले सेंटर का पर्दाफाश, 10 हजार रुपये में बेच रहे थे प्रमाणपत्र
डिग्रियां आठ से 10 हजार रुपये में बेची जा रही थी।

देहरादून, जागरण संवाददाता: देहरादून पुलिस ने धारा पुलिस चौकी के ठीक सामने एमडीडीए कांप्लेक्स से एक फर्जी सर्टिफिकेट तैयार करने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। कार्यालय में 10वीं व 12वीं कक्षा की फर्जी डिग्री तैयार की जाती थी। यह डिग्रियां आठ से 10 हजार रुपये में बेची जा रही थी। पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार किया है, जबकि दूसरे की गिरफ्तारी के लिए टीमें मुजफ्फरनगर भेजी गई हैं।

पुलिस के अनुसार, एमडीडीए कांप्लेक्स में लंबे समय से एक कार्यालय चल रहा था जहां पर 10वीं व 12वीं के फर्जी सर्टिफिकेट तैयार किए जा रहे हैं। गिरोह ने एक नेशनल काउंसिल फार रिसर्च एजूकेशन नाम से ट्रस्ट बनाया हुआ था। इसी के नाम से वह सर्टिफिकेट जारी करते थे। पुलिस को इसकी सूचना मिली तो मंगलवार देर शाम पुलिस ने कार्यालय में दबिश दी और कंप्यूटर अपने कब्जे में लेकर जांच शुरू की। इस दौरान पुलिस ने आरोपी राम किशोर निवासी गाजीपुर बनारस यूपी को गिरफ्तार किया।

जांच में सामने आया कि ट्रस्ट किसी भी बोर्ड से एफिलिएटिड नहीं था। आरोपियों ने फर्जी सर्टिफिकेट तैयार किए थे। इन्हें स्कैन करके वह कंप्यूटर के माध्यम से किसी के भी नाम से सर्टिफिकेट तैयार कर देते थे। पुलिस को कंप्यूटर से बड़ी संख्या में फर्जी सर्टिफिकेट भी मिले हैं। बताया जा रहा है कि गिरोह केवल बिहार व अरुणाचल प्रदेश के रहने वाले युवाओं के ही सर्टिफिकेट तैयार कर रहा था।

खुद पांचवीं पास है गिरफ्तार आरोपी

पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि आरोपी राम किशोर खुद पांचवीं पास है। उसने अपना भी 12वीं का सर्टिफिकेट फर्जी बनाया हुआ है। अब तक वह कई नौजवानों के फर्जी सर्टिफिकेट तैयार कर चुका है। पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है। इसके अलावा उसके एक साथी के मुजफ्फरनगर में होने की जानकारी मिली है। पुलिस उसके बारे में भी छानबीन कर रही है।

कईयों ने पाई सरकारी नौकरी

पुलिस की मानें तो पूछताछ में अब तक यह पता चला है कि आरोपी ने जिन नौजवानों के फर्जी दस्तावेज बनाए हैं उनमें से आधा दर्जन युवकों की तो बिहार में सरकारी नौकरी भी लग चुकी है। ऐसे में पुलिस मामले की गंभीरता से जांच कर रही है। संभावना जताई जा रही है कि फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर उत्तराखंड में कुछ युवकों ने नौकरी पाई है।

हरिद्वार पुलिस ने भी किया गिरोह का पर्दाफाश

मंगलवार को हरिद्वार पुलिस ने भी बेरोजगारों को सरकारी नौकरी के नाम पर ठगने वाले फर्जी गिरोह और भर्ती सेंटर का पर्दाफाश किया। लक्सर क्षेत्र में फर्जी सेंटर का संचालन किया जा रहा था। फर्जी भर्ती सेंटर गिरोह के चार आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी जिला जज कोर्ट, आयकर और स्वास्थ्य विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर फर्जी नियुक्ति पत्र जारी करते थे। जिसके एवज में बेरोजगारों से पांच से लेकर आठ लाख रुपए तक वसूलते थे।

फर्जी बीएएमएस डिग्री बेचने की भी चल रही है जांच

फर्जी बीएएमएस डिग्री के आधार पर क्लीनिक खोलने की जांच भी पुलिस की ओर से की जा रही है। इस मामले में पुलिस ने मुजफ्फरनगर से गिरोह का पर्दाफाश किया था जोकि लाखों रुपये लेकर फर्जी बीएएमएस की डिग्री जारी करता था। इस मामले में नेहरू कालोनी पुलिस अब तक आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरोह का मुख्य सरगना इमलाख अब भी लापता चल रहा है।