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    Uttarakhand News : ऊर्जा निगम की SOP जारी, समय पर समस्‍या नहीं सुलझाई तो उपभोक्‍ता को देना होगा 10 गुना भुगतान

    By Jagran NewsEdited By: Nirmala Bohra
    Updated: Wed, 02 Nov 2022 10:09 PM (IST)

    Uttarakhand News बुधवार को जारी एसओपी के अनुसार विनियम में उल्लेखित सेवा के समय के अनुसार कार्य न करने पर उपभोक्ताओं को दोगुना भुगतान करना होगा। आइए जानते हैं ऊर्जा निगम के लिए जारी की एसओपी के मुख्य बिंदु

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    Uttarakhand News : आयोग के सदस्य (तकनीकी) एमके जैन (बायें) साथ में आयोग के कार्यवाहक अध्यक्ष डीपी गैरोला (दाएं)। जागरण

    टीम जागरण, देहरादून: Uttarakhand News : उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) ने एक तीर से दो निशाने साधे हैं। आयोग ने 15 साल बाद न सिर्फ बिजली उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले हर्जाने की राशि मे अच्छी खासी बढ़ोत्तरी की है, बल्कि इससे ऊर्जा निगम को बिजली आपूर्ति से संबंधित सेवाओं के प्रति अप्रत्यक्ष रूप से जिम्मेदार बनाने का भी काम किया है। क्योंकि, सेवाओं में कमी पर अब ऊर्जा निगम को सामान्यतः दो गुना व कुछ मामलों में 10 गुना तक अधिक हर्जाना भरना पड़ेगा।

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    राशि पहले के मुकाबले 10 गुना तक बढ़ाई

    बुधवार को पत्रकारों से रूबरू आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला ने कहा कि हर्जाने की राशि मे सर्वाधिक बढ़ोत्तरी घरेलू उपकरणों के फुंकने/खराब होने के मामलों में कई गई है। यह राशि पहले के मुकाबले 10 गुना तक बढ़ाई गई है।

    वहीं, लाइन/पोल/ट्रांसफार्मर की शिफ्टिंग को सेवाओं को पहली बार हर्जाने के दायरे में लाया गया है। आयोग ने विभिन्न सेवाओं के लिए कार्य निष्पादन के मानक विनिमय-2022 का गठन करते हुए न सिर्फ समयसीमा तय की है, बल्कि तय समय के भीतर समाधान न होने पर हर्जाने की राशि भी तय की है।

    विलंब में एकल उपभोक्ता या एक से अधिक उपभोक्ताओं के प्रभावित होने पर जुर्माने की राशि अलग-अलग तय की है। हर्जाने की राशि को लेकर किसी तरह का संशय न रहे, इसके लिए स्पष्ट नियम बनाए गए हैं। साथ ही स्पष्ट किया गया है कि नियमों की अनदेखी करने पर ऊर्जा निगम के विरुद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

    पत्रकार वार्ता में आयोग के सदस्य (तकनीकी) एमके जैन भी उपस्थित रहे। शिकायत के पंजीकरण व हर्जाने के लिए करें आनलाइन व्यवस्थाआयोग के अध्यक्ष के डीपी गैरोला के मुताबिक ऊर्जा निगम को निर्देश दिए गए हैं कि शिकायत के पंजीकरण व हर्जाने के लिए आनलाइन व्यवस्था की जाए। इस काम के लिए ऊर्जा निगम को नौ माह का समय दिया गया है। यह व्यवस्था इस अवधि के भीतर चरणबद्ध तरीके से की जाएगी।

    ऊर्जा निगम की प्रमुख सेवाएं और हर्जाने की राशि

    नए एलटी कनेक्शन :

    • जहां आपूर्ति लाइन में विस्तार, नई लाइन बिछाने या नए सबस्टेशन चालू करने की आवश्यकता नहीं है, वहां कनेक्शन देने के लिए 15 दिन का समय तय किया गया है।
    • इसी तरह आपूर्ति लाइन के विस्तार के मामले में 60 दिन, नए 11/0.4 केवी सबस्टेशन की आवश्यकता की स्थिति में 90 दिन व 33/11 केवी के सबस्टेशन की स्थिति में 150 दिन की समयसीमा तय की गई है।
    • तय समय के भीतर कनेक्शन न मिलने पर प्रतिदिन विलंब पर अधिकतम 500 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा।
    • यह राशि आवेदक की ओर से जमा प्रति हजार रुपये पर पांच रुपये होगी और यह कुल जमा राशि तक सीमित रहेगी।
    • एचटी/ईएचटी कनेक्शन के मामले में 60 दिन का समय तय किया गया है।
    • इसमें विलंब होने पर 500 रुपये प्रतिदिन का जुर्माना लगेगा, जो आवेदक की जमा राशि तक सीमित रहेगा।

    लोड बढ़ाने या कम करने के आवेदन पर : एलटी संयोजनों के लिए 15 दिन व एचटी संयोजनों के लिए 30 दिन का समय तय। विलंब पर अधिकतम 50 हजार रुपये का जुर्माना (प्रतिदिन 50 रुपये के आधार पर गणना)

    ऊर्जा आपूर्ति की बहाली :

    • फ्यूज उड़ने/एमसीबी ट्रिपिंग पर शहरी क्षेत्र के लिए चार घंटे, ग्रामीण क्षेत्रों के लिए आठ घंटे व मोटर मार्ग विहीन पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 12 घंटे का समय तय।
    • विलंब होने की दशा में प्रति घंटे 20 रुपये (एकल उपभोक्ता) व एक से अधिक उपभोक्ता पर प्रति उपभक्ता प्रति घंटे 10 रुपये हर्जाना।
    • लाइन टूटने पर उसे जोड़ने के लिए शहरी क्षेत्र के लिए छह घंटे, ग्रामीण क्षेत्र के लिए 12 व मोटर मार्ग विहीन पर्वतीय क्षेत्रों के लिए 24 घंटे तय।
    • यहां भी फ्यूज उड़ने की भांति 20 व 10 रुपये प्रति घंटे के हिसाब से हर्जाना भरना होगा।

    एलटी लाइन में खराबी पर : शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के लिए 12 व मोटरमार्ग विहीन क्षेत्रों के लिए 24 घंटे का समय तय और हर्जाने की राशि फ्यूज उड़ने के मामले की तरह समान रहेगी।

    वोल्टेज में उतार-चढ़ाव से इलेक्ट्रानिक उपकरण फुंकने पर :

    • यदि वोल्टेज में उतार-चढ़ाव से किसी उपभक्ता के इलेक्ट्रानिक उपकरण को क्षति पहुंची है (यदि पड़ोस में एक से अधिक उपभोक्ता के उपकरणों को भी क्षति हुई हो) तो उस स्थिति में मरम्मत या उपकरण बदलने की स्थिति में अलग-अलग हर्जाने का प्रविधान किया गया है।
    • पंखे, ब्लैक एंड व्हाइट टीवी, मिक्सी, ग्राइंडर, टोस्टर व अन्य पोर्टेबल उपकरण के लिए अधिकतम 1000 रुपये का मरम्मत खर्च दिया जाएगा।
    • 43 इंच तक के कलर टीवी, सेमी-आटोमेटिक वाशिंग मशीन, 200 लेटर तक क्षमता के फ्रिज, माइक्रोवेव व चिमनी के लिए मरम्मत खर्च 3000 रुपये तय किए गए हैं।
    • वहीं, 43 इंच से अधिक से कलर टीवी, फूल आटोमेटिक वाशिंग मशीन, कंप्यूटर, एसी, डिशवाशर व 200 लीटर से अधिक क्षमता के फ्रिज के लिए यह राशि 5000 रुपये अधिकतम रहेगी।
    • हालांकि, इसके लिए ऊर्जा निगम से खराब हुए उपकरण का भौतिक सत्यापन 72 घंटे के भीतर कराना होगा।

    बिलिंग की शिकायतों के लिए तत्काल से लेकर 30 दिन का समय :

    • बिलिंग संबंधी शिकायतों का निपटारा समय पर न करने की दशा में बिलिंग राशि का अधिकतम 10 प्रतिशत या 500 रुपये (जो भी कम हो) का हर्जाना भरना होगा।
    • वहीं, अधिकतम राशि की गणना 20 रुपये प्रतिदिन पर की जाएगी।
    • बिलिंग की शिकायत यदि कार्यालय में जाकर की गई है तो उसका समाधान तत्काल करना होगा।
    • डाक से प्राप्त शिकायतों के लिए समयसीमा तीन दिन तय की गई है।
    • यदि शिकायत में कोई अतिरिक्त जानकारी अपेक्षित है तो समयसीमा 30 दिन रहेगी।

    इन सेवाओं में विलंब पर भी हर्जाना

    पहले बिल में गड़बड़ी, स्थानांतरण पर अंतिम बिल, वितरण लाइन/प्रवर्तक/कैपिसिटर की मरम्मत, कनेक्शन कटवाने, सिक्योरिटी प्राप्त करने, लाइन, पोल आदि शिफ्टिंग समेत लाइनों के उच्चीकरण आदि सेवाओं के लिए भी समयसीमा व हर्जाने की राशि तय की गई है।