Move to Jagran APP

पहाड़ों पर मानसून में खतरनाक हो जाते हैं रपटे, यहां पढ़ें बाढ़ से कैसे है यह अलग

Uttarakhand News उत्‍तराखंड में मानसून के दौरान काजवे (रपटे) काफी खतरनाक हो जाते हैं। यह कई बार दुर्घटनाओं को न्यौता देती है। प्रदेश में इस समय लोनिवि ने 956 काजवे चिह्नित किए हुए हैं। आइए जानते हैं रपटे आखिर किसे कहते हैं।

By Sunil NegiEdited By: Published: Sat, 16 Jul 2022 07:21 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jul 2022 07:21 PM (IST)
उत्‍तराखंड में मानसून के दौरान काजवे (रपटे) काफी खतरनाक हो जाते हैं। फाइल फोटो

जागरण संवाददाता, उत्तरकाशी: इन दिनों पहाड़ों से लेकर मैदानी क्षेत्र में बाढ़ और रपटे खासी चर्चाओं में हैं। रपटों पर कई दुर्घटनाएं भी घटित हो चुकी हैं। लेकिन, बाढ़ और रपटे दोनों अलग-अलग हैं तथा दोनों में बड़ा अंतर भी है।

loksabha election banner

उत्तराखंड लोनिवि के सेवानिवृत अधिशासी अभियंता आरएस खत्री कहते हैं कि जब सड़कों का निर्माण होता है तो मार्ग पर कई स्थान ऐसे होते हैं जहां केवल वर्षाकाल में भी पानी, बोल्‍डर और कीचड़ आता है। इन्हें वर्षाकाल की छोटी नदियां भी कह सकते हैं।

इन स्थानों पर विभाग बजट के अनुसार रपटा (काजवे) बनाता है। जिससे वर्षाकाल में पानी बढ़ने से सड़क के काजवे का नुकसान न हो और पानी भी बिना रुकावट के आगे बढ़ सके। वह कहते हैं कि हरिद्वार से लेकर नजीबाबाद और कोटद्वार को जोड़ने वाले मार्ग पर पहले बहुत अधिक रपटे थे।

इन रपटों पर बजट की कमी के कारण पुल नहीं बन पाए थे। वर्षाकाल में यह मार्ग इन रपटों पर बाधित हो जाता था। कई दुर्घटनाएं भी इन रपटों में घटित हुई। लेकिन तत्कालीन केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री बीसी खंडूड़ी ने पर्याप्त बजट आवंटित कर इन रपटों पर पुल बनवाए।

उत्तरकाशी के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल कहते हैं कि बाढ़ ऐसी प्राकृतिक आपदा है जो अत्यधिक वर्षा होने से नदियों का जल स्तर सामान्य से अधिक बढ़ जाता है। जिसका पानी आसपास के आबादी क्षेत्र में फैल जाता है।

पहाड़ों में वर्षाकाल की नदियों में बाढ़ की स्थिति दूसरी होती है। यहां अत्यधिक ढलान होने के कारण भू-कटाव भी अधिक होता हैं और नुकसान भी, जबकि मैदानी क्षेत्र में जो वर्षाकाल की नदियां होती हैं उन नदियों में जलस्तर बढ़ जाता है।

उन नदियों को पार करने के लिए जो सड़क के रपटे होते हैं वह भी बाधित हो जाते हैं। रपटे में जलस्तर अधिक होने की स्थिति में किसी तरह का जोखिम नहीं लेना चाहिए। जब स्थिति स्थिति सामान्य हो तबभी रपटों को पार करना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.