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Uttarakhand News : विदेश दौरे पर थे कैबिनेट मंत्री, निजी सचिव ने कर डाले फर्जी साइन, अब दर्ज हुआ मुकदमा

Uttarakhand News लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज के लोक संपर्क अधिकारी कृष्ण मोहन की तहरीर पर डालनवाला कोतवाली में मंत्री के निजी सचिव आइपी सिंह और लोनिवि के विभागाध्यक्ष अयाज अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Thu, 08 Dec 2022 02:16 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2022 02:16 PM (IST)
Uttarakhand News : विदेश दौरे पर थे कैबिनेट मंत्री, निजी सचिव ने कर डाले फर्जी साइन, अब दर्ज हुआ मुकदमा
Uttarakhand News : कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के निजी सचिव पर मुकदमा दर्ज किया गया है।

टीम जागरण, देहरादून : Uttarakhand News : लोक निर्माण मंत्री सतपाल महाराज के फर्जी डिजीटल हस्ताक्षर कर मंत्री के निजी सचिव ने ही अयाज अहमद को विभागाध्यक्ष बनाने का अनुमोदन कर दिया।

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मंत्री के लोक संपर्क अधिकारी कृष्ण मोहन की तहरीर पर डालनवाला कोतवाली में मंत्री के निजी सचिव आइपी सिंह और लोनिवि के विभागाध्यक्ष अयाज अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को दी तहरीर में पीआरओ ने बताया कि मई महीने में अयाज अहमद को विभागाध्यक्ष बनाने की फाइल मंत्रालय में आई। मंत्री सतपाल महाराज की ओर से आवेदन स्वीकृति होने की स्थिति में फाइल को अनुमोदन के लिए मुख्यमंत्री को भेजी जानी थी।

इसी दौरान मंत्री विदेश दौरे पर चले गए, जिस कारण अयाज अहमद का आवेदन लंबित रखा गया। कैबिनेट मंत्री के निजी सचिव आइपी सिंह 15 मई 2022 को बिना अनुमति मंत्री के सरकारी आवास पर पहुंचे और आदेश पर फर्जी डिजिटल सिग्नेचर कर दिए।

आरोपित ने फाइल मुख्यमंत्री के बजाय पीडब्ल्यूडी विभाग के प्रमुख सचिव को भेज दी। पीडब्ल्यूडी के विभागाध्यक्ष अयाज अहमद का विभागाध्यक्ष के पद के लिए आइपी सिंह ने ही अनुमोदन कर दिया। लंबी जांच के बाद डालनवाला कोतवाली में दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। विभागाध्यक्ष अयाज अहम के खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू की गई है।

लाखों हड़पने के मामले में महिला व नगर निगम पार्षद गिरफ्तार

वहीं कोटद्वार नगर निगम में फर्जी दस्तावेजों के जरिए लाखों की धनराशि हड़पने के मामले में पुलिस ने मामले में आरोपित एक महिला व नगर निगम के एक पार्षद को गिरफ्तार कर दिया है। मामले में नामजद आरोपित लेखाकार अभी फरार है।

बताते चलें कि बीते अक्टूबर माह में नगर आयुक्त किशन सिंह नेगी ने कोतवाली में तहरीर दी थी। तहरीर में कहा गया था कि निगम की बैलेंस शीट तैयार करने के दौरान यह बात सामने आई कि निगम में कूटरचित चैक बनाकर 23.89 लाख के सरकारी धन का गबन किया गया।

नगर निगम में एक महिला ठेकेदार को 2021 में पंजीकृत किया गया। इस ठेकेदार को उस कार्य का भुगतान किया गया, जिस कार्य का भुगतान 2019 में किशोर कुमार को किया जा चुका था।

भुगतान से पूर्व फर्जी तरीके से इस महिला ठेकेदार का नाम 2019 की निविदादाता सूची में अंकित किया गया। साथ ही अवर अभियंता के फर्जी हस्ताक्षरों से बिल तैयार कर 17 लाख से अधिक का भुगतान कर दिया गया।

एक अन्य मामले में अखिलेश कुमार के नाम से एक चैक काटा गया, जिसका भुगतान की बैंक से कैश में लिया गया। जबकि नगर निगम में अखिलेश कुमार के नाम से कोई ठेकेदार पंजीकृत नहीं है।

तहरीर में यह भी कहा गया है कि मो. आसिफ के नाम से भी दो चैक काटे गए, जिनका भुगतान भी सीधे बैंक से लिया गया। जबकि मो. आसिफ ने उन्हें किसी भी तरह का भुगतान होने से इंकार किया। पुलिस ने दी गई तहरीर के आधार पर आरोपितों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया।

मामले में गुरुवार को पुलिस ने नामजद आरोपित सुमिता के साथ ही नगर निगम में वार्ड संख्या चार के पार्षद कुलदीप कुमार को गिरफ्तार कर दिया है। मामले में आरोपित नगर निगम लेखाकार पंकज अभी फरार है, जिसकी पुलिस तलाश में जुटी है।


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