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Uttarakhand News: भर्ती प्रकरण में हाईकोर्ट की डबल बेंच में जाएगा विधानसभा सचिवालय

Uttarakhand News विधानसभा सचिवालय भर्ती प्रकरण में हाईकोर्ट की डबल बेंच में जाएगा । विधानसभा से हटाए गए कर्मियों के मामले में स्थगनादेश के निर्णय को चुनौती दी जाएगी। इस प्रकरण में विधिक राय लेने के बाद यह कदम उठाने जा रहा है।

By kedar duttEdited By: Sunil NegiPublished: Sat, 19 Nov 2022 10:38 AM (IST)Updated: Sat, 19 Nov 2022 10:38 AM (IST)
Uttarakhand News: भर्ती प्रकरण में हाईकोर्ट की डबल बेंच में जाएगा विधानसभा सचिवालय
भर्ती प्रकरण में स्थगनादेश के निर्णय को अब विधानसभा सचिवालय हाईकोर्ट की डबल बेंच में चुनौती देने जा रहा है।

राज्य ब्यूरो, देहरादून: विधानसभा से हटाए गए 228 तदर्थ कर्मचारियों के मामले में दिए गए स्थगनादेश के निर्णय को अब विधानसभा सचिवालय हाईकोर्ट की डबल बेंच में चुनौती देने जा रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने कहा कि इस प्रकरण में विधिक राय लेने के बाद यह निर्णय लिया गया है। सोमवार अथवा मंगलवार तक इस संबंध में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर दी जाएगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हटाए गए किसी भी कर्मचारी को फिर से ज्वाइनिंग नहीं दी गई है।

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गठित की थी तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति

विधानसभा सचिवालय में पिछले वर्ष हुई 72 तदर्थ नियुक्तियों का मामला तूल पकड़ने के बाद वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच के लिए तीन सिंतबर को तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति गठित की।

सीएम ने विधानसभा अध्यक्ष को लिखा था पत्र

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर भर्ती प्रकरण की जांच कराने और नियम विरुद्ध हुई भर्तियों को निरस्त करने का आग्रह किया था। विशेषज्ञ जांच समिति को इस बात की पड़ताल करने को कहा गया कि विधानसभा में हुई भर्तियों में नियम कानूनों का पालन हुआ अथवा नहीं।

विशेषज्ञ जांच समिति की रिपोर्ट मिलने के बाद विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने 23 सितंबर को 228 तदर्थ नियुक्तियों को रद करने का निर्णय सुनाया। इन नियुक्तियों में वर्ष 2016 की 150, वर्ष 2020 की छह और वर्ष 2021 की 72 नियुक्तियां शामिल हैं।

जांच में पाया गया कि इनके मामले में नियमों का पालन नहीं किया गया। इसके अलावा उपनल के माध्यम से विधानसभा में तैनात 22 कर्मियों को भी वापस लौटा दिया गया था।

यही नहीं, पिछले वर्ष विधानसभा में 32 नियुक्तियों के लिए विवादित एजेंसी को नामित करने के साथ ही उसे तीन दिन में भारी-भरकम राशि दे दिए जाने के मामले में सचिव विधानसभा मुकेश सिंघल को निलंबित कर दिया गया था। हटाए गए कर्मियों को 27 से 29 सितंबर के बीच बर्खास्तगी के पत्र भी थमा दिए गए थे।

विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी

इस बीच हटाए गए कर्मियों ने विधानसभा अध्यक्ष के निर्णय को हाईकोर्ट में चुनौती दी। हाईकोर्ट ने 15 अक्टूबर को इस मामले में स्थगनादेश दे दिया था। तब विधानसभा अध्यक्ष खंडूड़ी ने मामले में विधिक राय लेने की बात कही थी।

शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि विधिक राय लेने के बाद अब स्थगनादेश को हाईकोर्ट की डबल बेंच में चुनौती दी जा रही है। उन्होंने कहा कि हटाए गए कर्मियों ने कोर्ट के स्थगनादेश को प्रस्तुत करते हुए फिर से ज्वाइनिंग का आग्रह विधानसभा से किया था। तब उन्हें विधानसभा की ओर से पत्र दिया गया कि मामले में विधिक राय ली जा रही है। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी कर्मी को ज्वाइनिंग नहीं दी गई है।

निलंबित सचिव के जवाब की प्रतीक्षा

विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि निलंबित किए गए सचिव मुकेश सिंघल को ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण से संबद्ध किया गया है। हाल में उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा गया था। विधानसभा सचिवालय को अभी उनका जवाब नहीं मिला है।

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