नई पेंशन योजना के विरोध में 80 हजार कार्मिकों ने मनाया काला दिवस, राज्य और केंद्र सरकार से की ये मांग
उत्तराखंड के करीब 80 हजार कार्मिकों ने काला दिवस मनाया। कार्मिकों ने बांह पर काली पट्टी बांध और इंटरनेट मीडिया के जरिये विरोध प्रकट किया। साथ ही राज्य और केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की।
जागरण संवाददाता, देहरादून। नई पेंशन योजना के विरोध में उत्तराखंड के करीब 80 हजार कार्मिकों ने काला दिवस मनाया। कार्मिकों ने बांह पर काली पट्टी बांध और इंटरनेट मीडिया के जरिये विरोध प्रकट किया। साथ ही राज्य और केंद्र सरकार से पुरानी पेंशन बहाल करने की मांग की।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के आह्वान पर शनिवार को कार्मिकों ने काला दिवस मनाया। एक जनवरी 2004 को पहली बार देश में पुरानी पेंशन व्यवस्था को खत्म कर बाजार आधारित नई पेंशन व्यवस्था प्रारंभ की गई थी। मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा कि राज्यभर के करीब 80 हजार कार्मिकों ने राज्य प्रभारी विक्रम सिंह रावत, प्रांतीय अध्यक्ष अनिल बड़ोनी और प्रांतीय महासचिव सीताराम पोखरियाल के नेतृत्व में आंदोलन को सफल बनाया। कार्मिकों ने इंटरनेट मीडिया पर अपनी प्रोफाइल ब्लैक रखी, साथ ही कार्मिकों ने काली टोपी, काला मास्क और काली पट्टी पहनकर नई पेंशन योजना का विरोध किया। कार्मिकों ने ट्विटर पर हैश टैग एनपीएस क्विट इंडिया ट्वीट कर ट्रेंड किया। मोर्चा के प्रांतीय पदाधिकारियों ने वेतन विसंगति समिति के अध्यक्ष शत्रुघ्न सिंह से भी वार्ता की थी, लेकिन अभी तक इस ओर कोई निर्णय नहीं लिया गया। जिससे कार्मिकों में आक्रोश है।
आंदोलन को सफल बनाने में प्रांतीय उपाध्यक्ष योगिता पंत, कुमाऊं मंडल प्रभारी योगेश घिल्डियाल, गढ़वाल मंडल अध्यक्ष जयदीप रावत, गढ़वाल मंडल सचिव नरेश कुमार भट्ट, प्रांतीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष डीपी पसबोला, प्रांतीय प्रेस सचिव कमलेश कुमार मिश्र, रणवीर सिंधवाल आदि ने योगदान दिया।
मुख्यमंत्री से की दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाने की मांग
समाजसेवी और यूडीईए के उपाध्यक्ष सचिन वडेरा ने दिव्यांगों की पेंशन बढ़ाने को लेकर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र सौंपा है। उनका कहना है कैबिनेट बैठक में विधवा, बुजुर्गों की पेंशन में दो सौ रुपये की बढ़ोतरी की गई, लेकिन दिव्यांगों को मायूस किया गया। कहा प्रदेश में करीब 80 हजार दिव्यांग हैं, जिनको उपेक्षित किया गया। इस दौरान संगठन की संरक्षक अपूर्वा नौटियाल, अमित डोभाल आदि मौजूद रहे।
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