जीएसटी प्रतिपूर्ति अवधि बढ़ाने की उत्तराखंड ने केंद्र सरकार से की पैरवी
उत्तराखंड ने जीएसटी प्रतिपूर्ति के लिए केंद्र सरकार से 2022 तक निर्धारित अवधि को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष वैट से जीएसटी अपनाने में राज्य को हुए नुकसान का उल्लेख भी किया।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड ने जीएसटी प्रतिपूर्ति के लिए केंद्र सरकार से 2022 तक निर्धारित अवधि को आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है। कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के समक्ष वैट से जीएसटी अपनाने में राज्य को हुए नुकसान का उल्लेख भी किया। उन्होंने कहा कि केंद्र से प्रतिपूर्ति जारी रहने से इस छोटे पर्वतीय राज्य को राहत मिलेगी।
जीएसटी लागू होने से जिन राज्यों को वैट की तुलना में नुकसान उठाना पड़ा है, उन्हें केंद्र सरकार पांच वर्ष, यानी वर्ष 2022 तक क्षतिपूर्ति दे रही है। उत्तराखंड को भी केंद्र से यह क्षतिपूर्ति मिल रही है। वैट की जगह जीएसटी लागू होने से राज्य की कर आमदनी प्रभावित हुई है। कोरोना संकट काल में राज्य को ज्यादा नुकसान उठाना पड़ रहा है। शुक्रवार को नई दिल्ली में जीएसटी काउंसिल की बैठक में राज्य का प्रतिनिधित्व कर रहे कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने विस्तार से पक्ष रखा।
वर्चुअल माध्यम से बैठक में शामिल हुए कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल कोविड-19 महामारी से निपटने के लिए खरीदे जाने वाले उपकरणों और दवाइयों के लिए जीएसटी की जीरो रेटिंग लागू करने की पैरवी की। उन्होंने बताया कि जीएसटी काउंसिल की इस संबंध में दस दिन बाद फिर बैठक होगी। बैठक में राज्य के फीडबैक पर केंद्र का रुख साफ होने की उम्मीद है। बैठक में वित्त अपर सचिव इकबाल अहमद भी शामिल हुए।
जीओएम में सुबोध उनियाल करेंगे राज्य का प्रतिनिधित्व
केंद्र सरकार की ओर से जीएसटी को लेकर गठित सात राज्यों के मंत्रियों के समूह (जीओएम) में उत्तराखंड का प्रतिनिधित्व कृषि मंत्री सुबोध उनियाल करेंगे। केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से इस संबंध में आदेश जारी किए गए हैं। मंत्रियों के इस समूह के समन्वयक उड़ीसा के वित्त मंत्री निरंजन पुजारी बनाए गए हैं। सदस्यों में दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को लिया गया है। केरल के वित्त मंत्री केएन बालागोपाल, मध्य प्रदेश के वित्त मंत्री जगदीश देवदा, उत्तरप्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना और उत्तराखंड से कृषि मंत्री सुबोध उनियाल भी बतौर सदस्य शामिल किए गए हैं।
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