उत्तराखंड: चालक-परिचालकों को आर्थिक मदद देगी सरकार, तीन माह का टैक्स माफ करने का भी भेजा गया प्रस्ताव
उत्तराखंड सरकार कोरोना के कारण तंगी से जूझ रहे व्यावसायिक वाहनों के चालक-परिचालक व सहायकों को आर्थिक सहायता देने की तैयारी कर रही है। इस क्रम में परिवहन मुख्यालय ने प्रत्येक को 2500-2500 रुपये की धनराशि देने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून। उत्तराखंड सरकार कोरोना के कारण तंगी से जूझ रहे व्यावसायिक वाहनों के चालक-परिचालक व सहायकों को आर्थिक सहायता देने की तैयारी कर रही है। इस क्रम में परिवहन मुख्यालय ने प्रत्येक को 2500-2500 रुपये की धनराशि देने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। इसके साथ ही व्यावसायिक वाहन संचालकों को राहत देने के लिए तीन माह का टैक्स माफ करने का प्रस्ताव भी भेजा गया है।
प्रदेश में कोरोना की दूसरी लहर काफी तेज रही। इसमें बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए। सरकार ने कोरोना से बचाव और रोकथाम के लिए कई कदम उठाए। इसके तहत व्यावसायिक वाहनों को 50 फीसद क्षमता के साथ संचालन करने को कहा गया। वाहन स्वामियों ने किराया दोगुना करने की मांग की, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया। नतीजतन नुकसान को देखते हुए व्यावसायिक वाहनों का संचालन बेहद सीमित हो गया। कोरोना कर्फ्यू लगने के बाद वाहनों का संचालन पूरी ठप हो गया। इससे व्यावसायिक वाहनों से जुड़े चालक, परिचालक व सहायकों के सामने रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया।
वहीं, वाहन संचालकों ने भी वाहन संचालन न होने की स्थिति में टैक्स माफी का अनुरोध प्रदेश सरकार से किया। टैक्स माफ न होने पर वाहन संचालकों ने अब अपने वाहनों को सरेंडर करना शुरू कर दिया है। वाहन संचालकों व इनसे जुड़े व्यक्तियों की समस्याओं को देखते हुए शासन ने परिवहन मुख्यालय से इन्हें राहत देने के संबंध में एक प्रस्ताव बनाकर देने को कहा। इस कड़ी में परिवहन मुख्यालय ने आर्थिक सहायता देने और टैक्स माफ करने का प्रस्ताव शासन को भेज दिया है। इस बार आर्थिक सहायता की दर बढ़ाकर 2500 रुपये रखी गई है।
बीते वर्ष यह दर एक हजार रुपये थी। एक अनुमान के मुताबिक प्रदेश में तकरीबन एक लाख चालक, परिचालक और सहायक हैं। बीते वर्ष सहायता राशि कम होने के कारण केवल 13 हजार ने इसके लिए आवेदन किया था। इस बार सहायता राशि बढ़ाई गई है, इसलिए माना जा रहा है कि तकरीबन 50 हजार लोग इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। इस स्थिति में 12.5 करोड़ का व्ययभार शासन पर पड़ेगा। इसके अलावा टैक्स माफ करने से भी तकरीबन 40 करोड़ रुपये का व्ययभार शासन पर आएगा।
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