Move to Jagran APP

Uttarakhand News : नए भर्ती होने वाले कार्मिकों को केंद्र से अधिक नहीं मिलेगा वेतन

Uttarakhand Government Job Salary भविष्य में होने वाली नियुक्तियों के वेतनमान सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार ही होंगे। वर्तमान में कार्यरत कार्मिकों पर ये संशोधित वेतनमान लागू नहीं होंगे। उनके लिए वर्तमान व्यवस्था यथावत रहेगी।

By Nirmala BohraEdited By: Published: Tue, 02 Aug 2022 02:08 PM (IST)Updated: Wed, 03 Aug 2022 09:54 AM (IST)
Uttarakhand News : नए भर्ती होने वाले कार्मिकों को केंद्र से अधिक नहीं मिलेगा वेतन
Uttarakhand Government Job Salary: भर्तियों में केंद्र सरकार के समान ही दिया जाएगा वेतन। फाइल फोटो

राज्‍य ब्‍यूरो, देहरादून : Uttarakhand Government Job Salary:  प्रदेश के सरकारी विभागों में भविष्य में होने वाली नियुक्तियों के वेतनमान सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुसार ही होंगे। आयोग से अधिसूचित वेतनमान से अधिक वेतन नहीं दिया जाएगा। वर्तमान में कार्यरत कार्मिकों पर ये संशोधित वेतनमान लागू नहीं होंगे। उनके लिए वर्तमान व्यवस्था यथावत रहेगी। मंत्रिमंडल के निर्णय के अनुसार शासन ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी किया।

loksabha election banner

मंत्रिमंडल ने बीती 27 जुलाई को बैठक में विभिन्न प्रशासकीय विभागों और उनके अधीन स्थापित संस्थाओं व कार्यालयों में किसी भी संवर्ग में सीधी भर्ती, अनुकंपा अथवा अन्य किसी भी माध्यम से भविष्य में होने वाली नियुक्तियों के लिए निर्धारित वेतनमान को केंद्र सरकार के समान ही रखने का निर्णय लिया था। तय किया गया कि सातवें केंद्रीय वेतन आयोग की संस्तुतियों के अनुरूप अधिसूचित वेतनमान से अधिक वेतनमान नए नियुक्त होने वाले कार्मिकों को नहीं दिया जाएगा।

वेतन विसंगति समिति की संस्तुति से कार्यरत कार्मिकों को राहत

शासनादेश में यह भी कहा गया है कि भविष्य में नियुक्त होने वाले कार्मिकों को पदोन्नति के पदों का वेतनमान भी केंद्र के ही समान होगा। मंत्रिमंडल के इस निर्णय को लागू करते हुए मंगलवार को वित्त सचिव ने आदेश जारी किया। वेतन विसंगति समिति ने सरकार को रिपोर्ट सौंपकर इस संबंध में संस्तुति की।

समिति का अंतर्संवर्गीय संतुलन पर है बल

समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राज्य सरकार ने वेतन-भत्तों के निर्धारण में केंद्र सरकार से समता का सिद्धांत स्वीकार किया है। कार्मिकों की मांगों को देखते हुए बीते वर्षों में सरकार के निर्णयों ने विभिन्न संवर्गों के मध्य वेतन निर्धारण को प्रभावित किया। अंतर्संवर्गीय संतुलन को बनाए रखने और राज्य के सीमित संसाधनों को देखते हुए राज्य में कार्मिकों को दिए जा रहे वेतन-भत्तों के निर्धारण में पुनर्विचार किया जाना चाहिए।

कार्यरत कार्मिकों के वेतन में संशोधन नहीं

प्रदेश की कमजोर वित्तीय स्थिति, आय के संसाधन बढ़ाने में विफलता, वेतन-भत्तों, पेंशन के बढ़ते भार और केंद्र से जीएसटी प्रतिपूर्ति पर लगी रोक के चलते सरकार ने आखिरकार कड़ा कदम उठा ही लिया। यद्यपि सरकार ने वेतन विसंगति की संस्तुति को सावधानी के साथ स्वीकार किया है। वर्तमान में कार्यरत कार्मिकों के लिए वेतनमान में किसी तरह का संशोधन नहीं किया गया है। वेतन विसंगति समिति की संस्तुतियों से उन्हें बाहर रखते हुए उनके वेतनमान व देयकों की पूर्ववत व्यवस्था रखी गई है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.