Uttarakhand Tourism: पयर्टन के लिए उत्तराखंड को मिला वन टू वाच पुरस्कार, लंदन ने अवार्ड से नवाजा
यूटीडीबी को पर्यटन के क्षेत्र में अपने प्रयासों और योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्लोबल फोरम वर्ल्ड टूरिज्म रिस्पांसिबल अवार्ड्स (डब्ल्यूटीएम) लंदन ने वन टू वाच पुरस्कार से नवाजा है। पर्यटन विभाग की ओर से अपर निदेशक पूनम चंद ने मंगलवार को वर्चुअल रूप से यह पुरस्कार प्राप्त किया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) को पर्यटन के क्षेत्र में अपने प्रयासों और योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ग्लोबल फोरम वर्ल्ड टूरिज्म रिस्पांसिबल अवार्ड्स (डब्ल्यूटीएम) लंदन ने 'वन टू वाच' पुरस्कार से नवाजा है। पर्यटन विभाग की ओर से अपर निदेशक पूनम चंद ने मंगलवार को वर्चुअल रूप से यह पुरस्कार प्राप्त किया।
पुरस्कार समारोह में आयोजकों ने लाकडाउन के दौरान राज्य में फंसे देश-विदेश के पर्यटकों को सुरक्षित उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए पर्यटन विभाग की सराहना की गई। विभाग की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने पर्यटन विभाग को उसके प्रयासों के लिए बधाई दी और कहा कि इस सम्मान के लिए हम डब्ल्यूटीएम के आभारी हैं।
उन्होंने कहा कि हम ऐसी कार्य संस्कृति विकसित करने का प्रयास कर रहे हैं, जो सुदूर क्षेत्र में अंतिम पायदान पर बैठे व्यक्ति तक विकास का प्रकाश पहुंचाने में मददगार साबित हो। कहा कि प्रधानमंत्री के आदर्श वाक्य 'सबका साथ, सबका विकास' का पालन करते हुए स्वरोजगार के लिए वीर चंद्र सिंह गढ़वाली और दीनदयाल उपाध्याय जैसी योजनाओं के साथ विभिन्न पर्यटन सर्किटों के विकास के माध्यम से समेकित विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर ने कहा कि उत्तराखंड पर्यावरण के अनुकूल पर्यटन को बढ़ावा देने और अपने कर्मचारियों व स्थानीय समुदायों के विकास को प्रतिबद्ध है। यह सम्मान पाकर हम सम्मानित महसूस कर रहे हैं।
सीएम ने किया डा. कुसुम की पुस्तक का विमोचन
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने आवास पर डा. कुसुम रानी नैथानी की गढ़वाली बाल कहानी संग्रह 'बोण का किस्सा' का विमोचन किया। पुस्तक की तारीफ करते हुए सीएम ने कहा कि बच्चों के लिए भी क्षेत्रीय भाषा में अच्छे साहित्य की जरूरत है। उम्मीद है कि डा. नैथानी भविष्य में बच्चों के लिए लगातार गढ़वाली में उत्कृष्ट साहित्य का प्रकाशन करती रहेंगी। पुस्तक में बच्चों के लिए विभिन्न विषयों जैसे पर्यावरण, वन संरक्षण, अंधविश्वास निवारण व सामान्य जनजीवन से जुड़ी 21 कहानियां हैं।
गढ़वाली भाषा में डा. कुसुम नैथानी का यह दूसरा कहानी संग्रह है। वे अब तक हिंदी में छह सौ से अधिक बाल कहानियां, चार बाल कहानी संग्रह, दो गढ़वाली व एक बाल उपन्यास प्रकाशित कर चुकी हैं। शैलेश मटियानी उत्तराखंड राज्य पुरस्कार व राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित पूर्व प्रधानाचार्य डा. कुसुम रानी नैथानी बच्चों के लिए विगत 13 वर्षों से पाक्षिक बाल समाचार पत्र बालपक्ष का भी संपादन कर रही हैं। इस अवसर पर प्रो. उमेश चंद्र नैथानी, डा. दुर्गेश पंत, सुनील डोभाल, अनिल जोशी, सत्य प्रकाश रावत आदि मौजूद रहे।