पूर्व सीएम हरीश रावत ने उत्तराखंड सरकार को लिया आड़े हाथ, कहा- धान की खरीद से खींचे हाथ
सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत उत्तराखंड के किसानों के समर्थन में अपने निवास ओल्ड मसूरी रोड शहनशाही आश्रम के निकट सोमवार दो घंटे सांकेतिक उपवास पर बैठे। इस दौरान उन्होंने सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत उत्तराखंड के किसानों के समर्थन में अपने निवास ओल्ड मसूरी रोड, शहनशाही आश्रम के निकट सोमवार दो घंटे सांकेतिक उपवास पर बैठे। इस दौरान उन्होंने सरकार पर कई गंभीर आरोप भी लगाए।
पूर्व सीएम हरीश रावत ने प्रदेश भाजपा सरकार पर हमला बोला है। उनका कहना है कि उत्तराखंड में किसानों का धान बड़ी मात्र में खरीद की प्रतीक्षा कर रहा है। सरकार ने धान की सरकारी खरीद काफी समय पहले बंद कर दी है। आरोप लगाए कि एफसीआइ के खरीद केंद्र दूर हैं। बहाना बनाया जा रहा है कि किसान औने-पौने दामों पर राइस मिल मालिकों के पास अपना धान बेच रहे हैं, जबकि सच्चाई यह है कि एफसीआइ सेंटर और सरकार की ओर से सीधी खरीद के दोनों विकल्प जब किसानों के पास नहीं होंगे तो उन्हें अपना धान मजबूरी में कम कीमत पर बेचना पड़ेगा। इसके लिए सरकार जिम्मेदार है। उपवास के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए जारी नियमों का पालन भी किया।
किसानों के समर्थन में उतरा उत्तराखंड महिला मंच
वहीं, महिला मंच भी किसान आंदोलन के समर्थन में उतर गया है। मंच की महिलाओं ने गांधी पार्क के सामने एक दिवसीय धरना आयोजित कर किसानों की मांगे पूरी करने की अपील केंद्र सरकार से की है। मंच की प्रांतीय संयोजक कमला पंत ने कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की सभी मांगे पूरी नहीं की तो मंच को उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
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