उत्तराखंड में आबकारी नीति में हो सकता है एक और संशोधन, लॉकडाउन खत्म होने का इंतजार
इस बार आबकारी से सरकार राजस्व मिलने की उम्मीद पाले हुए है। यही कारण भी है कि इस बार आबकारी के अनुमानित राजस्व में तकरीबन 20 फीसद बढ़ोत्तरी प्रस्तावित की गई है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में इस बार आबकारी से सरकार राजस्व मिलने की उम्मीद पाले हुए है। यही कारण भी है कि इस बार आबकारी के अनुमानित राजस्व में तकरीबन 20 फीसद बढ़ोत्तरी प्रस्तावित की गई है। बीते वर्ष आबकारी का राजस्व 3050 करोड़ रुपये था, जो इस वर्ष बढ़ाकर 3600 करोड़ किया गया है। प्रदेश में कार्मिकों की हड़ताल और लॉकडाउन केबावजूद दुकानों के आवंटन में सरकार को अभी तक 1700 करोड़ से अधिक का राजस्व मिलना तय है। हालांकि, इस वर्ष अभी भी 157 दुकानों का आवंटन होना शेष है। इन दुकानों का आवंटन कैसे हो, इसका निर्णय कैबिनेट को लेना है। इसके लिए लॉकडाउन समाप्त होने का इंतजार किया जा रहा है।
प्रदेश में इस वर्ष सरकार ने शराब व बियर की 627 दुकानों को आवंटित करने का निर्णय लिया है। बीते वर्ष यह संख्या 619 थी। इस वर्ष सरकार ने ऑनलाइन आवेदन के स्थान पर पुराना लॉटरी सिस्टम लागू किया। इसका नतीजा यह हुआ कि सरकार को इन दुकानों के आवेदन और नवीनीकरण शुल्क से ही 38 करोड़ रुपये मिले। बीते वर्ष यह प्राप्ति केवल 2.83 करोड़ रुपये थी। इसी माह नीलाम हुई दुकानों का आवंटन हो चुका है। इससे सरकार को तकरीबन 1700 करोड़ रुपये मिलना तय हो गया है। हालांकि, लॉकडाउन के कारण पुराना स्टॉक समाप्त करने की बाध्यता न रखते हुए सरकार ने आबकारी के व्यवसायियों को राहत दी है।
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इससे सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ है, लेकिन शुरुआती दौर में जिस तरह से सरकार को राजस्व मिला है उससे महकमा खासा संतुष्ट भी है। इसके अलावा इस बार देहरादून व हरिद्वार को छोड़ शेष जिलों में विभाग को दुकानों के आवंटन में खासा अच्छा रिस्पांस भी मिला है। अब महकमे की नजरें शेष बची 157 दुकानों के आवंटन पर टिकी हुई हैं। इनका आवंटन कैसे होगा, इसके लिए विभाग पहले प्रस्ताव तैयार करेगा और फिर कैबिनेट के जरिये इसे पारित कराया जाएगा। आबकारी आयुक्त सुशील कुमार का कहना है कि अब आबकारी से संबंधित सभी निर्णय लॉकडाउन खोलने के बाद ही लिए जाएंगे।
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