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Electricity Tariff: उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने 9.64 % तक का किया इजाफा, लेकिन फ‍िर भी हाथ लगी निराशा

Uttarakhand Electricity Rate उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने ऊर्जा निगम के टैरिफ वृद्धि प्रस्ताव का अध्ययन कर नया टैरिफ जारी कर दिया है। ऊर्जा निगम का प्रस्तावित लाभांश भी करीब छह करोड़ कम कर दिया गया है। ऐसे मेंऊर्जा निगम को निराशा हाथ लगी है।

By Jagran NewsEdited By: Nirmala BohraPublished: Fri, 31 Mar 2023 11:12 AM (IST)Updated: Fri, 31 Mar 2023 11:12 AM (IST)
Electricity Tariff: उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने 9.64 % तक का किया इजाफा, लेकिन फ‍िर भी हाथ लगी निराशा
Uttarakhand Electricity Rate: आयोग ने कुल वार्षिक टैरिफ में 9.64 प्रतिशत तक का इजाफा किया है।

जागरण संवाददाता, देहरादून: Uttarakhand Electricity Rate: उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने ऊर्जा निगम के टैरिफ वृद्धि प्रस्ताव का अध्ययन कर नया टैरिफ जारी कर दिया है। निगम की प्रस्तावित शुद्ध राजस्व आवश्यकता में 493.88 करोड़ रुपये की कमी की है।

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साथ ही ऊर्जा निगम का प्रस्तावित लाभांश भी करीब छह करोड़ कम कर दिया गया है। ऐसे में ऊर्जा निगम को निराशा हाथ लगी है। वार्षिक विद्युत टैरिफ में निगम की ओर से 16 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि की मांग की गई थी, जबकि आयोग ने कुल वार्षिक टैरिफ में 9.64 प्रतिशत तक का इजाफा किया है।

वार्षिक राजस्व आवश्यकता 9900.54 करोड़

नियामक आयोग के अध्यक्ष डीपी गैरोला व सदस्य तकनीकी एमके जैन ने पत्रकार वार्ता कर टैरिफ की जानकारी दी। ऊर्जा निगम की ओर से प्रस्तुत किए गए आंकड़ों के परीक्षण के आधार पर नियामक आयोग की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए वर्ष 2021-22 के सहीकरण को सम्मिलित करते हुए वार्षिक राजस्व आवश्यकता 9900.54 करोड़ निर्धारित की गई है। जबकि, निगम की ओर से यह 10394.42 करोड़ रुपये प्रस्तावित थी।

आयोग की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 14854.84 मिलियन यूनिट की अनुमानित बिक्री पर वर्तमान टैरिफ के आधार पर कुल राजस्व 9029.69 करोड़ का अनुमान आकलन किया गया। जिसके फलस्वरूप 870.85 करोड़ का राजस्व अंतर आया। इस राजस्व अंतर की वसूली के लिए वार्षिक टैरिफ में 9.64 प्रतिशत की वृद्धि अनुमोदित की गई।

विद्युत वितरण हानि 13.25 प्रतिशत अनुमोदित

नियामक आयोग की ओर से वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए विद्युत वितरण हानि 13.25 प्रतिशत अनुमोदित की गई, जो कि बीते वित्तीय वर्ष में 13.50 प्रतिशत अनुमोदित थी। इसके अलावा आयोग की ओर से वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत वितरण हानि 13 प्रतिशत निर्धारित की गई है।

अनुमानित विक्रय एवं वितरण हानि के अंतर को समायोजित करते हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए कुल 17366.87 मिलियन यूनिट बिजली की आवश्यकता होगी। इसके अतिरिक्त केवल वित्तीय वर्ष 2023-24 की आवश्यकता के लिए 420 मिलियन यूनिट अतिरिक्त ऊर्जा खरीदनी होगी।

राजस्व वसूली और लाइन लास कम करने पर रहेगा जोर

नियामक आयोग की ओर से विद्युत टैरिफ ऊर्जा निगम के प्रस्ताव (16.96 प्रतिशत) के सापेक्ष किए गए (9.64 प्रतिशत) वृद्धि के अनुमोदन से ऊर्जा निगम की चुनौतियां बढ़ गई हैं। ऊर्जा निगम के प्रबंध निदेशक अनिल कुमार ने कहा कि प्रदेश में बिजली की मांग को पूरा करने के लिए बाजार से महंगी दरों पर विद्युत खरीद की जा रही है।

प्रदेश में कुल मांग का महज 25 प्रतिशत विद्युत उत्पादन हो रहा है और 75 प्रतिशत बिजली केंद्र या अन्य माध्यमों से खरीदी जा रही है। ऐसे में राष्ट्रीय एक्सचेंज से कई गुना महंगी दरों पर विद्युत खरीद के कारण ऊर्जा निगम पर वित्तीय भार बढ़ रहा है।

कहा कि नए विद्युत टैरिफ की समीक्षा की जा रही है। फिलहाल ऊर्जा निगम शत-प्रतिशत राजस्व वसूली और लाइन लास कम करने पर जोर देगा। ताकि, घाटे को कम किया जा सके।


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