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उत्तराखंड चुनाव 2022: टिकट फाइनल होने से पहले कांग्रेस में क्यों है असंतोष, नेताओं की नाराजगी से बढ़ी चिंता

कांग्रेस में धड़ेबंदी और अंतर्कलह तेज हो गया है। दिल्ली में मौजूद पार्टी के दिग्गज नेता चहेतों को टिकट दिलाने के लिए आमने-सामने आ गए हैं। वहीं टिकट कटने के अंदेशे से नेताओं में बढ़ रही नाराजगी ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Mon, 17 Jan 2022 12:49 PM (IST)Updated: Mon, 17 Jan 2022 12:49 PM (IST)
Uttarakhand Election 2022: टिकट फाइनल होने से पहले कांग्रेस में क्यों है असंतोष।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Election 2022 कांग्रेस में टिकट तय करने की कसरत के अंतिम दौर में पहुंचने के साथ ही धड़ेबंदी व अंतर्कलह तेज हो गया है। दिल्ली में मौजूद पार्टी के दिग्गज नेता चहेतों को टिकट दिलाने के लिए आमने-सामने आ गए हैं। वहीं टिकट कटने के अंदेशे से नेताओं में बढ़ रही नाराजगी ने पार्टी की चिंता बढ़ा दी है। प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद मैदानी से लेकर पर्वतीय क्षेत्रों में असंतोष को थामना किसी चुनौती से कम नहीं होगा।

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प्रदेश में टिकटों की लड़ाई बड़ी कलह का रूप न धरे, इसे लेकर कांग्रेस ने सावधानी बरती। टिकट के लिए प्रत्याशियों का पैनल तैयार करने की जिम्मेदारी से इस बार प्रदेश चुनाव समिति ने कन्नी काट ली। समिति ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर यह जिम्मेदारी प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी और केंद्रीय चुनाव समिति के हवाले कर दी। हालांकि 70 सीटों पर पहले प्रत्याशियों के पैनल तैयार करने का काम प्रदेश चुनाव समिति को करना था। सभी 70 सीटों पर जिलों से 478 दावेदारों के नाम आए थे। इनमें से प्रत्याशियों का पैनल तैयार करने के लिए समिति ने मेहनत नहीं की तो इसकी बड़ी वजह चुनाव के मौके पर अंतर्कलह को काबू में रखना ही माना गया।

हरीश रावत व प्रीतम सिंह आमने-सामने

दिल्ली में प्रदेश स्क्रीनिंग कमेटी टिकटों को लेकर दो दौर के बाद अब तीसरी दौर की बैठक कर रही है। पिछले तीन दिनों से स्क्रीनिंग कमेटी पूर्व मुख्यमंत्री व प्रदेश कांग्रेस चुनाव अभियान समिति के अध्यक्ष हरीश रावत, प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह के साथ सीटवार आम सहमति से प्रत्याशियों के चयन की कवायद कर रही है। 45 से 50 सीटों पर सहमति बनने के बाद शेष सीटों पर भी सहमति बनना तकरीबन तय माना जा रहा था। केंद्रीय चुनाव समिति के साथ स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में एक बार फिर धड़ेबाजी खुलकर सामने आ गई। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह टिकटों को लेकर आमने-सामने आ गए।

खींचतान से उलझा प्रत्याशी चयन

चुनाव से ऐन पहले इस धड़ेबाजी पर काबू पाना कांग्रेस नेतृत्व के लिए भी आसान नहीं रहने वाला है। दरअसल प्रत्याशियों की सूची में अब एक-दूसरे की ओर से दखल बढ़ गया है। यह धड़ेबाजी टिकट तय होने के बाद बड़े असंतोष का कारण बन सकती है। पार्टी नेतृत्व भी इसे भांप चुका है। यही वजह है कि दोनों पक्षों को आम सहमति से ही टिकट तय करने की हिदायत दी गई है। दिग्गजों के बीच बढ़ती खींचतान ने प्रत्याशियों के चयन को उलझा दिया है। बीते रोज प्रदेश महिला कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष सरिता आर्य टिकट कटने के अंदेशे से ही विद्रोही तेवर अपना चुकी हैं। टिकट की घोषणा के बाद ऐसे तेवरों से पार्टी को कई स्थानों पर जूझना पड़ सकता है।

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