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काम के बंटवारे में झलका मिशन 2022, सीएम ने पोर्टफोलियो वितरण में किया जोखिम लेने से गुरेज

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पांच दिन के होमवर्क के बाद अपनी मंत्री परिषद के 11 मंत्रियों के लिए विभागों का पिटारा खोल दिया। महज आठ महीने बाद प्रदेश में चुनाव होने हैं इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री ने सहयोगियों को कार्य के बटवारे में कोई जोखिम लेने की कोशिश नहीं की।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 17 Mar 2021 08:08 AM (IST)Updated: Wed, 17 Mar 2021 08:08 AM (IST)
काम के बंटवारे में झलका मिशन 2022, सीएम ने पोर्टफोलियो वितरण में किया जोखिम लेने से गुरेज
काम के बंटवारे में झलका मिशन 2022।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने पांच दिन के होमवर्क के बाद अपनी मंत्री परिषद के 11 मंत्रियों के लिए विभागों का पिटारा खोल दिया। महज आठ महीने बाद प्रदेश में चुनाव होने हैं, इसके मद्देनजर मुख्यमंत्री ने सहयोगियों को कार्य के बटवारे में कोई जोखिम लेने की कोशिश नहीं की। नए मंत्रिमंडल में शामिल सातों पुराने मंत्रियों का सम्मान बरकरार रखा गया। वहीं विकास कार्यों को तेजी से अंजाम देने की चुनौती देखते हुए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने विभागों के बोझ के मामले में खुद को पूर्ववर्ती त्रिवेंद्र सिंह रावत के मुकाबले काफी हल्का तो किया, लेकिन अहम विभागों की कमान अपने हाथों में ही रखी है। 

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2022 के विधानसभा चुनाव से महज कुछ महीनों पहले मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी संभालने वाले तीरथ सिंह रावत ने मंत्रियों के पोर्टफोलियो वितरण के साथ अपनी आगामी चुनौतियों से निपटने का खाका सामने रख दिया है। कम समय में विकास कार्यों को अंजाम देने की चुनौती को देखते हुए नए मुख्यमंत्री ने विभागों के बटवारे में पूरी सावधानी बरती है। पिछली सरकार के कार्यकाल में प्रारंभ की गईं विकास योजनाएं आगे जारी रखी जाएंगी। यही वजह है कि त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में रहे सातों मंत्रियों के पास उनके पुराने विभाग बरकरार रखे गए हैं। 

नए मुख्यमंत्री ने इसमें बदलाव नहीं कर पिछली सरकार में असंतुष्ट चल रहे और महत्वपूर्ण फैसलों में विश्वास में नहीं लेने का आरोप लगाते रहे मंत्रियों को अब परफारमेंस साबित करने का मौका दे दिया है। क्षेत्रीय व जातीय संतुलन साधापोर्टफोलियो वितरण में मंत्रियों के अनुभव, जनाधार, पार्टी से जुड़ाव को तरजीह देने के साथ क्षेत्रीय व जातीय संतुलन को साधा गया है। भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में शुमार और प्रदेश संगठन का नेतृत्व कर चुके बंशीधर भगत को अच्छे विभागों की फेहरिस्त के साथ विधायी व संसदीय कार्य की चुनौतीपूर्ण जिम्मेदारी देकर मुख्यमंत्री ने चौंकाया भी है। 

बतौर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष जिला विकास प्राधिकरणों के खिलाफ पैरवी कर चुके भगत अब बतौर विभागीय मंत्री इस मामले में सरकार की नई रणनीति को अंजाम देते दिखेंगे। पार्टी के अन्य वरिष्ठ विधायक बिशन सिंह चुफाल को पेयजल विभाग के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन को जमीन पर उतारने का जिम्मा सौंपा गया है।

पूर्व सैनिक को सैनिक कल्याण

सैनिक बहुल उत्तराखंड में पूर्व सैनिक एवं मंत्रिमंडल के सहयोगी गणेश जोशी को ही सैनिक कल्याण का दायित्व मुख्यमंत्री ने सौंपा है। तीन राज्यमंत्रियों (स्वतंत्र प्रभार) को नई जिम्मेदारी भी मिली है। 

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पिछली सरकार में उच्च शिक्षा विभाग में की गई मेहनत का प्रतिफल डा धन सिंह रावत को आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास जैसा बड़े विभाग के रूप में मिला है। यह विभाग पिछले चार साल मुख्यमंत्री के पास ही रहा है। रेखा आर्य को दुग्ध विकास के रूप में अतिरिक्त विभाग मिला है। उनके पास पुशपालन जैसा समान प्रकृति का विभाग पहले भी रहा है। स्वामी यतीश्वरानंद को गन्ना विकास व चीनी उद्योग देकर मुख्यमंत्री ने इस विभाग को हरिद्वार की झोली में डाल दिया है।

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