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Uttarakhand By Election: कांग्रेस ने बनाया मुद्दा, भाजपा उपचुनाव को लेकर आश्वस्त

Uttarakhand By Election उत्तराखंड में रिक्त चल रही विधानसभा की दो सीटों और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के विधानसभा का सदस्य बनने के मद्देनजर निकट भविष्य में होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने संवैधानिक संकट को मुद्दा बनाया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 08:03 AM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 08:03 AM (IST)
Uttarakhand By Election: कांग्रेस ने बनाया मुद्दा, भाजपा उपचुनाव को लेकर आश्वस्त।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand By Election उत्तराखंड में रिक्त चल रही विधानसभा की दो सीटों और मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के विधानसभा का सदस्य बनने के मद्देनजर निकट भविष्य में होने वाले उपचुनाव को लेकर कांग्रेस ने संवैधानिक संकट को मुद्दा बनाया है। उसका कहना है कि अब जबकि मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल सालभर से भी कम रह गया है तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार उपचुनाव नहीं हो सकते। भाजपा ने कांग्रेस के इस मुद्दे को खारिज कर दिया है और कहा कि मौजूदा मुख्यमंत्री ने जब शपथ ली, तब विधानसभा का कार्यकाल एक साल से अधिक शेष था। साथ ही कांग्रेस को संविधान के अनुच्छेद 164 का अध्ययन करने की सलाह दी। भाजपा का कहना है कि निर्वाचन आयोग को जल्द उपचुनाव की घोषणा करनी चाहिए। चुनाव के लिए पार्टी की पूरी तैयारी है।

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प्रदेश में वर्तमान में विधानसभा की गंगोत्री व हल्द्वानी सीटें रिक्त चल रही हैं। इसके साथ ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को भी संवैधानिक बाध्यता के अनुसार शपथ लेने के छह माह के भीतर विधानसभा की सदस्यता लेनी है। उनका सौ दिन का कार्यकाल पूरा हो चुका है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि मुख्यमंत्री कौन सी सीट से चुनाव लड़ेंगे। इस बीच केंद्रीय निर्वाचन आयोग ने पांच मई को विभिन्न राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों में संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के उपचुनाव फिलहाल स्थगित रखने का निर्णय लिया। हालांकि, इसमें उत्तराखंड का जिक्र नहीं था।

आयोग ने यह भी स्पष्ट किया कि संबंधित राज्यों से कोरोना महामारी की स्थिति के संबंध में इनपुट लेने के बाद इस मामले में भविष्य में उचित समय पर निर्णय लिया जाएगा। इसके बाद कांग्रेस ने प्रदेश में उपचुनाव के मद्देनजर संवैधानिक संकट को मुद्दा बनाते हुए इसे हवा दी। कांग्रेस नेता एवं पूर्व कैबिनेट मंत्री नवप्रभात के बाद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने इस मामले में भाजपा पर निशाना साधा। उनका कहना है कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 151 के प्रविधान के अनुसार यदि किसी राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए सालभर से कम का वक्त शेष रह गया हो तो वहां उपचुनाव नहीं हो सकते। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत छह महीने के भीतर विधानसभा का सदस्य बनने का अवसर गवां चुके हैं।

चुनाव से घबराई हुई है कांग्रेस

भाजपा ने कांग्रेस की ओर से उछाले जा रहे मुद्दे को पूरी तरह खारिज किया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक ने मंगलवार को कहा कि सल्ट सीट के उपचुनाव में मुंह की खाने के बाद कांग्रेस चुनाव से घबराई हुई है। उन्होंने कहा कि उपचुनाव को लेकर राज्य में कहीं कोई संवैधानिक संकट नहीं है। कौशिक ने कहा कि 10 मार्च को राज्यपाल ने मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत को शपथ दिलाई। संविधान के अनुच्छेद 164 की धारा चार में मंत्रियों के संबंध में स्पष्ट है कि यदि कोई विधानमंडल का सदस्य नहीं है तो उसे शपथ लेने के छह माह के भीतर सदन का सदस्य बनना है। जहां तक लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम की बात है तो मौजूदा मुख्यमंत्री ने जब शपथ ली, तब विधानसभा का कार्यकाल एक साल से अधिक शेष था। लिहाजा, उसका यह प्रविधान राज्य में होने वाले उपचुनाव में लागू नहीं होगा।

...तो गंगोत्री से चुनाव लड़ेंगे तीरथ

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष कौशिक ने मीडिया से बातचीत में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के गंगोत्री सीट से उपचुनाव लड़ने के संकेत दिए। यह सीट भाजपा विधायक गोपाल रावत के निधन के कारण रिक्त हुई है। कौशिक ने कहा कि प्रदेश में विधानसभा की सीट भी खाली है। आयोग को उपचुनाव की घोषणा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि उपचुनाव के लिए भाजपा की तैयारी पूरी है। जल्द ही इस सिलसिले में संयोजक घोषित किए जाएंगे।

आयोग जारी करता है उपचुनाव की अधिसूचना

राज्य निर्वाचन अधिकारी सौजन्या के अनुसार केंद्रीय निर्वाचन आयोग रिक्त होने वाली सीट के उपचुनाव के लिए अधिसूचना जारी करता है। राज्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय द्वारा गंगोत्री विधानसभा सीट के रिक्त होने की सूचना आयोग को भेजी जा चुकी है। इसके अलावा विधानसभा से सूचना प्राप्त होते ही हल्द्वानी सीट रिक्त होने की सूचना भी भेज दी जाएगी।

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