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बजट में उत्तराखंड के पर्यटन क्षेत्र को भी बूस्टर डोज, सरकार ने किए हैं विशेष प्रविधान

पर्यटन आर्थिकी का एक बड़ा जरिया है। लिहाजा प्रदेश सरकार का फोकस पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने पर है। बजट में भी प्रदेश सरकार ने इसके लिए विशेष प्रविधान किए हैं। इस वर्ष पर्यटन के लिए सरकार ने 236 करोड़ रुपये का बजट रखा है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Fri, 05 Mar 2021 11:05 AM (IST)Updated: Fri, 05 Mar 2021 11:05 AM (IST)
पर्यटन विकास और रोजगार पर फोकस। फाइल फोटो

विकास गुसाईं, गैरसैंण। उत्तराखंड में पर्यटन आर्थिकी का एक बड़ा जरिया है। लिहाजा प्रदेश सरकार का फोकस पर्यटन सुविधाओं को बढ़ाने पर है। बजट में भी प्रदेश सरकार ने इसके लिए विशेष प्रविधान किए हैं। इस वर्ष पर्यटन के लिए सरकार ने 236 करोड़ रुपये का बजट रखा है। इससे पर्यटन क्षेत्र में अवस्थापना सुविधाओं का विकास किया जाएगा। मकसद यह कि अधिक से अधिक पर्यटन सुविधाएं बढ़ाकर पर्यटकों को आकर्षित किया जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन में मदद मिले। 

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प्रदेश सरकार पर्यटन विकास और रोजगार की अपार संभावनाओं को देखते हुए टिहरी को प्रमुख टूरिस्ट डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करने में जुटी हुई है। टिहरी झील के समग्र विकास के लिए केंद्र सरकार ने भी 1120 करोड़ की बाह्य सहायतित परियोजना को सैद्धांतिक सहमति दी है। पर्यटकों को आकृषित करने के लिए रोपवे को कनेक्टिविटी का माध्यम बनाने का प्रयास किया जा रहा है। इसके तहत देहरादून से मसूरी तक रोप-वे बनाया जा रहा है। पीपीपी मोड पर बनने वाले इस रोपवे में 300 करोड़ की लागत आने की संभावना है। 

यह रोपवे विश्व के सबसे पांच लंबे रोपवे में एक होगा। इसी प्रकार कद्दूखाल से सुरकंडा देवी, ठुलीगाड से पूर्णागिरी देवी रोपवे बनाया जा रहा है। इसके साथ ही केदारनाथ, नैनीताल, भैरवगढ़ी और कालेश्वर मंदिर में रोपवे विकसित करने के लिए विभिन्न चरणों में कार्यवाही गतिमान है। ग्रामीण व पर्वतीय क्षेत्रों से पलायन रोकने के उद्देश्य से दीन दयाल होम स्टे विकास योजना प्रारंभ की गई है। तीन साल में 2857 होम स्टे पंजीकृत किए गए हैं। प्रदेश में ट्रेकिंग मार्ग को बढ़ावा देने के लिए ट्रेक मार्गों पर होम स्टे के निर्माण और साज-सज्जा के लिए ट्रेकिंग ट्रंक्शन सेंटर होम स्टे अनुदान योजना शुरू की गई है। 

वीर चंद्र सिंह गढ़वाली पर्यटन स्वरोजगार योजना के अंतर्गत सरकार ने लग्जरी, इलेक्ट्रिक, वातानुकूलित बसों की खरीद को 50 फीसद और अधिकतम 15 लाख रुपये प्रति वाहन सब्सिडी देना प्रारंभ किया है। ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय कन्वेंशन सेंटर तथा वेलनेस सिटी के विकास को तकनीकी कंसलटेंट से प्लान तैयार किया जा रहा है। इन्वेस्टर समिट के अवसर पर पर्यटन क्षेत्र में किए गए अनुबंधों में से अब तक 12 अनुबंधों पर निर्माण संबंधी कार्यवाही आरंभ की गई है, जिसमें 1109 करोड़ रुपये के पूंजीनिवेश से 2080 व्यक्तियों को रोजगार का अवसर उपलब्ध होगा।

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