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उत्तराखंड बोर्ड के दसवीं और बारहवीं के छात्रों को राहत, अब 25 तक जमा होंगे परीक्षा फॉर्म

उत्तराखंड बोर्ड के 10 वीं व 12वीं के संस्थागत और व्यक्तिगत परीक्षार्थियों को सरकार ने फिर राहत दी है। वे अब 25 नवंबर तक विद्यालयों में परीक्षा आवेदन पत्र जमा कर सकेंगे। विलंब शुल्क के साथ आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि एक दिसंबर रखी गई है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Mon, 09 Nov 2020 08:19 PM (IST)Updated: Mon, 09 Nov 2020 11:28 PM (IST)
उत्तराखंड बोर्ड के दसवीं और बारहवीं के छात्रों को राहत।

देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड बोर्ड के 10 वीं और 12वीं के संस्थागत और व्यक्तिगत परीक्षार्थियों को सरकार ने फिर राहत दी है। वे अब 25 नवंबर तक विद्यालयों में परीक्षा आवेदन पत्र जमा कर सकेंगे। विलंब शुल्क के साथ आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि एक दिसंबर रखी गई है। 

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कोरोना संक्रमण से बचाव को प्रदेश में शिक्षण संस्थान बंद रखे गए हैं। बीती दो नवंबर से विद्यालयों में सिर्फ 10 वीं व 12वीं की बोर्ड कक्षाओं के संचालन को अनुमति दी गई है। सरकार ने इन परीक्षार्थियों को हो रही परेशानी ध्यान में रखकर आवेदन पत्रों को जमा करने की अवधि दूसरी दफा बढ़ाई है। शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम ने सोमवार को 2021 की बोर्ड परीक्षा के संबंध में आदेश जारी किए।

इसमें विद्यालयों से खंड शिक्षाधिकारी कार्यालय में आवेदन पत्र जमा करने की अंतिम तिथि पांच दिसंबर तय की गई है। इसीतरह खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय से मुख्य शिक्षाधिकारी कार्यालय में आवेदन पत्र 10 दिसंबर तक जमा होंगे। मुख्य शिक्षा अधिकारी कार्यालय से बोर्ड कार्यालय में 15 दिसंबर तक जमा कराए जाएंगे।

विश्वविद्यालयों के टॉपर किए जाएंगे पुरस्कृत 

विश्वविद्यालयों में हर वर्ष पहले तीन टॉपर को पुरस्कृत किया जाएगा उच्च शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ धन सिंह रावत ने मेधावियों को पुरस्कृत करने की कार्ययोजना को जल्द अंतिम रूप देने के निर्देश विभाग को दिए हैं। उन्होंने बताया कि पुरस्कार की राशि जल्द तय की जाएगी। प्रदेश में हर वर्ष हाईस्कूल और इंटर बोर्ड परीक्षाओं के टॉपर को सरकार पुरस्कृत करती है। अब राज्य विश्वविद्यालयों के टॉपर भी सम्मान के हकदार बन जाएंगे। अभी सरकारी विश्वविद्यालयों के सबसे ज्यादा अंक लाने वाले मेधावियों को पुरस्कृत करने की योजना नहीं है। 

उच्च शिक्षा में अच्छे अंक लाने की प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए सरकार उक्त कदम उठा रही है। सभी विश्वविद्यालयों के तीन-तीन टॉपरों को पुरस्कृत करने की योजना है। पुरस्कार राशि 50 हजार रुपये तक रखी जा सकती है। विश्वविद्यालय के बाद कॉलेजों के स्तर पर भी ऐसे कार्यक्रम शुरू करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकारी डिग्री कॉलेजों में छात्र निधि को उपयोग में लाने के लिए सरकार नियमावली बना चुकी है। उक्त छात्र निधि कॉलेेजों में चिह्नित 14 मूलभूत सुविधाओं पर खर्च होगी। इनमें पुस्तकालय, इंटरनेट, फर्नीचर, स्मार्ट क्लास, प्रयोगशाला उपकरण, पेयजल, विद्युतीकरण, खेल सामग्री, ई-पुस्कालय आदि सुविधाएं शामिल हैं।

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