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Uttarakhand Black Fungus: ब्लैक फंगस की दवा के वितरण को एसओपी जारी, जानिए

Uttarakhand Black Fungus शासन ने ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा एंफोटेरेसिन-बी के वितरण को लेकर मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी कर दी है। यह दवा केवल जिला कोविड अस्पताल और सरकारी मेडिकल कालेज अथवा संस्थाओं को ही आवंटित की जाएगी।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 19 May 2021 06:35 AM (IST)Updated: Wed, 19 May 2021 06:35 AM (IST)
ब्लैक फंगस की दवा के वितरण को एसओपी जारी।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। Uttarakhand Black Fungus शासन ने ब्लैक फंगस (म्यूकोरमाइकोसिस) के इलाज में इस्तेमाल होने वाली दवा एंफोटेरेसिन-बी के वितरण को लेकर मानक प्रचालन कार्यविधि (एसओपी) जारी कर दी है। यह साफ किया गया है कि यह दवा केवल जिला कोविड अस्पताल और सरकारी मेडिकल कालेज अथवा संस्थाओं को ही आवंटित की जाएगी। संबंधित अस्पताल और संस्थाएं इसकी मांग दिन में दो बार कर सकते हैं। दवा के लिए गढ़वाल मंडल में दून मेडिकल कालेज के मेडिसन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. नारायण जीत सिंह और कुमाऊं मंडल में हल्द्वानी मेडिकल कालेज के मेडिसन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. एसआर सक्सेना के समक्ष आवेदन करना होगा। 

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प्रदेश में ब्लैक फंगस के मामले बढऩे लगे हैं। इसके इलाज के लिए शासन पहले ही दवाओं का प्रोटोकाल जारी कर चुका है। इसके इलाज में एक दवा इस्तेमाल होती है, जिसका नाम एंफोटेरेसिन-बी है। उत्तराखंड में इस दवा को बनाने की इकाई सिडकुल हरिद्वार में है, मगर अभी तक इसकी मांग न होने के कारण उक्त इकाई ने इसका उत्पादन बंद किया हुआ है। ऐेसे में उत्तराखंड सरकार ने केंद्र से एंफोटेरेसिन-बी की 50 डोज मांगी हैं। 

सरकार ने इसके साथ ही दवा बनाने वाली इकाई से भी दवा फिर से बनाने का काम शुरू करने को कहा है। फिलहाल बाजार में दवा की कमी को देखते हुए इसका वितरण केवल जिला कोविड अस्पताल, सरकारी मेडिकल कालेज और संस्थानों में ही करने का निर्णय लिया गया है। सचिव स्वास्थ्य डा. पंकज कुमार पांडेय द्वारा जारी एसओपी के अनुसार दवा के लिए अस्पताल अथवा मेडिकल कालेज के डाक्टर मरीज के संबंध में पूरी जानकारी एक निश्चित प्रारूप में भरकर शासन द्वारा गढ़वाल व कुमाऊं में अधिकृत किए गए विभागाध्यक्षों के समक्ष आवेदन करेंगे। 

इसके अलावा शासन ने गढ़वाल व कुमाऊं में इसके लिए अलग-अलग नोडल अधिकारी भी तैनात किए किए हैं, जो इस दवा को रखने और वितरण करने का काम करेंगे। ये डाक्टर यह सुनिश्चित करेंगे कि दवा का वितरण संपूर्ण धनराशि प्राप्त होने के बाद ही हो।

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