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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत के निशाने पर पूर्व सीएम, कहा- उपवास के बजाय पश्चाताप करें हरीश रावत

बंशीधर भगत ने कहा कि सचिवालय खोलने के मुद्दे पर उपवास की धमकी देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को अब पश्चाताप करना चाहिए। उन्होंने कहा की कोविड की गाइडलाइन के तहत राज्य के महत्वपूर्ण कार्यालयों और प्रतिष्ठानों में सुरक्षित दूरी का अनुपालन करते हुए कार्य किया जा रहा है।

By Raksha PanthariEdited By: Published: Sat, 12 Dec 2020 10:29 AM (IST)Updated: Sat, 12 Dec 2020 10:29 AM (IST)
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भगत के निशाने पर पूर्व सीएम, कहा- उपवास के बजाय पश्चाताप करें हरीश रावत
बंशीधर भगत बोले, उपवास के बजाय पश्चाताप करें हरीश रावत।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने कहा कि सचिवालय खोलने के मुद्दे पर उपवास की धमकी देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत को अब पश्चाताप करना चाहिए। उन्होंने कहा की कोविड की गाइड लाइन के तहत राज्य के महत्वपूर्ण कार्यालयों और प्रतिष्ठानों में सुरक्षित दूरी का अनुपालन करते हुए कार्य किया जा रहा है, इसलिए इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। बेहतर होता कि रावत अपने कार्यकाल में घोटालों से राज्य की आर्थिक स्थिति को चौपट करने के लिए पश्चाताप करते हुए धरने पर बैठते। 

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भगत ने कहा कि भाजपा शासन में आम फरियादियों के लिए मुख्यमंत्री, मंत्री और जिम्मेदार अधिकारियों के दरवाजे हमेशा खुले हैं। आवश्यक कार्यों के लिए सचिवालय में भी आम आदमी को पास दिए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व प्रदेश में जीरो टॉलरेंस नीति पर चलने वाली सरकार सुशासन और पारदर्शिता के लिए प्रतिबद्ध है। इसी कारण बिचौलिये अब परेशान हैं। पूर्ववर्ती सरकार के समय ऐसे लोग बेखौफ सचिवालय, विधानसभा में आवाजाही करते रहे और नौजवानों के साथ ठगी के कई मामले सामने आए। इसके अलावा तबादले के धंधे पर भी रोक लगी है। भाजपा ने किसान, खेती, बागवानी और युवाओं के हित में कई निर्णय लिए, जो राज्य के विकास में मील का पत्थर साबित होंगे।

सत्र के लिए कौशिक को संसदीय कार्य का जिम्मा

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने 21 दिसंबर से शुरू होने वाले विधानसभा के शीतकालीन सत्र के लिए शहरी विकास मंत्री मदन कौशिक को विधायी एवं संसदीय कार्यों का जिम्मा सौंपा है।इसके अलावा मुख्यमंत्री के विभागों से संबंधित प्रश्नों का उत्तर देने के लिए भी कौशिक को अधिकृत किया गया है। मुख्यमंत्री ने इस संबंध में विधानसभा अध्यक्ष को पत्र भेजकर अनुमति प्रदान करने का आग्रह किया है। गौरतलब है कि विधायी एवं संसदीय कार्य मंत्री प्रकाश पंत का निधन होने के बाद उनके विभाग स्वयं मुख्यमंत्री देख रहे हैं। तब से विधानसभा सत्र के दौरान विधायी व संसदीय कार्यों के लिए मुख्यमंत्री अब तक कैबिनेट मंत्री कौशिक को प्राधिकृत करते आए हैं। 

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