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Uttarakhand Bharti Scam: डेढ़ साल में आठ परीक्षाओं में गड़बड़ी आई सामने, पांच रद, 66 आरोपित किए गिरफ्तार

Uttarakhand Bharti Scam राज्य में भर्ती घोटाले थम नहीं रहे। डेढ़ साल के भीतर उत्तराखंड में आठ भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी पकड़ी गई है। इन भर्ती परीक्षाओं में धांधली के लिए 66 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

By Soban singhEdited By: Nirmala BohraPublished: Sat, 04 Feb 2023 10:45 AM (IST)Updated: Sat, 04 Feb 2023 10:45 AM (IST)
Uttarakhand Bharti Scam: डेढ़ साल में आठ परीक्षाओं में गड़बड़ी आई सामने, पांच रद, 66 आरोपित किए गिरफ्तार
Uttarakhand Bharti Scam: यूकेपीएससी की परीक्षाओं में भी नकल माफिया की सेंध के दो मामले सामने आ चुके हैं।

सोबन सिंह गुसांई, देहरादून: Uttarakhand Bharti Scam: राज्य में भर्ती घोटाले थम नहीं रहे। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (यूकेएसएसएससी) के बाद अब एक माह के भीतर राज्य लोक सेवा आयोग (यूकेपीएससी) की परीक्षाओं में भी नकल माफिया की सेंध के दो मामले सामने आ चुके हैं।

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कुल मिलाकर डेढ़ साल के भीतर उत्तराखंड में आठ भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी पकड़ी गई है। इनमें से पांच परीक्षाएं तो रद करनी पड़ गईं। शेष तीन में अभी जांच चल रही है।

अनुभाग अधिकारी संजीव कुमार फरार

वर्ष 2015 से अब तक यूकेएसएसएससी और यूकेपीएससी की ओर से 3314 पदों के लिए आयोजित की गई इन भर्ती परीक्षाओं में धांधली के लिए 66 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

इस धांधली के जिन सूत्रधारों को उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स और एसआइटी ने गिरफ्तार किया है, उनमें यूकेएसएसएससी के पूर्व अध्यक्ष डा. आरबीएस रावत, पूर्व सचिव मनोहर सिंह कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया और यूकेपीएससी के निलंबित अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी भी शामिल हैं।

इस मामले में यूकेपीएससी का एक अन्य अनुभाग अधिकारी संजीव कुमार फरार है। इससे साफ है कि नकल माफिया की पैठ न केवल सत्ता के गलियारों तक है, बल्कि भर्ती परीक्षा की आयोजक संस्थाओं में भी उनकी अच्छी साठगांठ है।

जिन परीक्षाओं में गड़बड़ी पकड़ी गई है, उनमें दो कांग्रेस तो छह भाजपा के शासनकाल में कराई गईं। उत्तराखंड में सक्रिया नकल माफिया का नेटवर्क उत्तर प्रदेश तक फैला हुआ है, जो संगठित तरीके से परीक्षाओं के पर्चे लीक कर सरकार को चुनौती देते आ रहे हैं।

धांधली के चलते ये भर्ती परीक्षाएं हुईं रद

वीपीडीओ: राज्य में छह मार्च 2016 को ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीपीडीओ) के 196 पदों के लिए भर्ती परीक्षा हुई थी। यह परीक्षा यूकेएसएसएससी ने कराई थी, जिसका परिणाम 26 मार्च 2016 को घोषित किया गया। कुछ समय पहले पता चला कि इस परीक्षा में अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की गई थी। इस प्रकरण में यूकेएसएसएससी के पूर्व अध्यक्ष डा. आरबीएस रावत, पूर्व सचिव मनोहर सिंह कन्याल, पूर्व परीक्षा नियंत्रक राजेंद्र सिंह पोखरिया सहित छह को गिरफ्तार किया जा चुका है। एसटीएफ इसकी जांच कर रही है।

स्नातक स्तरीय: यूकेएसएसएससी ने चार और पांच दिसंबर 2021 को यह भर्ती परीक्षा आयोजित की थी। विभिन्न विभागों में स्नातक स्तरीय 933 पदों को भरने के लिए कराई गई इस परीक्षा का पेपर लीक हो गया था। इस मामले में नकल माफिया हाकम सिंह, केंद्रपाल और प्रश्नपत्र छापने व परीक्षा की अन्य जिम्मेदारियों संभाल रही आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस के मालिक राजेश चौहान समेत 43 आरोपितों को एसटीएफ ने गिरफ्तार किया।

सचिवालय रक्षक : यह भर्ती परीक्षा 33 पदों के लिए आयोजित की गई थी। 26 सितंबर 2021 को हुई इस भर्ती परीक्षा का पेपर भी आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस के कर्मचारी ने यूकेएसएसएससी के अंदर से लीक किया था। इसका पता तब लगा, जब स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की जांच शुरू हुई। इस मामले में एक आरोपित को गिरफ्तार किया गया है।

वन दारोगा: वन दारोगा की भर्ती परीक्षा 16 से 25 जुलाई 2021 तक आनलाइन हुई थी। 316 पदों के लिए हुई इस भर्ती में धांधली से पर्दा तब उठा, जब स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा की जांच की गई। इस भर्ती की जांच करने के लिए यूकेएसएसएससी की ओर से एसटीएफ को पत्र लिखा गया था। इस परीक्षा का पेपर भी लीक हुआ था। इस मामले में चार आरोपित गिरफ्तार किए गए।

लेखपाल : यह भर्ती परीक्षा आठ जनवरी 2023 को राज्य लोक सेवा आयोग ने आयोजित की थी। 536 पदों के लिए हुई भर्ती परीक्षा की जांच में सामने आया कि आयोग के अनुभाग अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने ही इसका पेपर लीक कर दिया। इस मामले की जांच एसआइटी कर रही है। इस प्रकरण में संजीव चतुर्वेदी समेत 12 आरोपितों को गिरफ्तार किया जा चुका है।

इन भर्ती परीक्षाओं की चल रही जांच

दारोगा (सीधी भर्ती) : वर्ष 2015 में हुई उत्तराखंड पुलिस में दारोगा की सीधी भर्ती में भी घपलेबाजी सामने आई। 339 पदों पर हुई इस भर्ती में ओएमआर शीट के साथ छेड़छाड़ तो हुई ही, कई अभ्यर्थी फर्जी दस्तावेजों के सहारे भी पेपर देकर दारोगा बन गए। अब विजिलेंस की जांच के बाद 20 दारोगाओं को निलंबित किया गया है। इस मामले में जांच चल रही है। यह परीक्षा यूकेएसएसएससी ने कराई थी।

एई और जेई भर्ती परीक्षा : राज्य लोक सेवा आयोग ने वर्ष 2022 में जेई के 735 पदों के लिए सात से 10 मई तक और एई के 166 पदों के लिए 23 से 26 मई तक परीक्षा कराई थी। लेखपाल भर्ती पेपर लीक का राजफाश होने के बाद इस भर्ती परीक्षा में भी धांधली की बात सामने आई। अब एसआइटी की जांच में इसकी पुष्टि होने के बाद नौ आरोपितों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस पेपर लीक को भी लेखपाल भर्ती की धांधली में लिप्त गिरोह ने अंजाम दिया था।

आरोपित मुकेश शर्मा की जमानत अर्जी खारिज

ग्राम पंचायत विकास अधिकारी (वीडीपीओ) भर्ती परीक्षा धांधली के आरोपित शिक्षक मुकेश शर्मा की जमानत याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। पौड़ी जिले में पड़ते धुमाकोट में तैनात आरोपित शिक्षक को वर्ष 2016 के भर्ती घपले में 16 सितंबर को गिरफ्तार किया था।

आरोपित की ओर से विजिलेंस कोर्ट में जमानत याचिक लगाई गई। बचाव पक्ष ने कोर्ट में तर्क दिया कि उन्हें झूठा फंसाया गया है। शासकीय अधिवक्ता आशुतोष शर्मा ने परीक्षा घपले में आरोपित के मिलीभगत के तर्क दिए। विजिलेंस कोर्ट के विशेष न्यायधीश चंद्रमणि राय ने आरोपित की जमानत अर्जी खारिज कर दी।

वीपीडीओ भर्ती परीक्षा में विजिलेंस ने वर्ष 2020 में मुकदमा दर्ज किया था। विजिलेंस बीते अगस्त तक एक भी आरोपित को गिरफ्तार नहीं कर पाई, जिसके बाद जांच एसटीएफ को सौंपी गई। एसटीएफ ने मामले में सबसे पहले शिक्षक मुकेश कुमार शर्मा निवासी वसंत विहार, वार्ड एक, काशीपुर जिला ऊधमसिंहनगर को गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप है कि परीक्षा में बैठे अभ्यर्थियों को एकत्र करके एजेंट के पास ले गया था।


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