प्लास्टिक के बर्तन में दिया जा रहा नवजात को दूध
दून मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (दून महिला अस्पताल) के
जागरण संवाददाता, देहरादून: दून मेडिकल कॉलेज के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग (दून महिला अस्पताल) के निक्कू वार्ड में नवजात को प्लास्टिक के बर्तन में दूध पिलाया जाता है। उत्तराखंड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष ऊषा नेगी ने इस पर आपत्ति जताई है।
वे मंगलवार सुबह मंदिर में मिले नवजात को देखने के लिए पहुंची थीं। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से नवजात को एक हफ्ते तक निक्कू में ही रखे जाने के लिए कहा। उन्होंने चाइल्ड लाइन और सीडब्यूसी को सूचित करने के लिए भी निर्देशित किया। अस्पताल में नवजात के लिए दूध बना रही नर्स को उन्होंने फटकार लगाई। इस पर अस्पताल स्टाफ ने संसाधन की कमी होने का दावा किया। इस पर ऊषा नेगी ने बच्चों के लिए दूध तैयार करने के लिए इस्तेमाल हो रहे माइक्रोवेव और प्लास्टिक के बर्तन का इस्तेमाल न करने को कहा। उन्होंने कहा माइक्रोवेव में इस्तेमाल प्लास्टिक के बर्तन स्वास्थ्य केलिए नुकसानदायक हैं। इसे अब लोग घरों में भी इसका इस्तेमाल नहीं करते है। नवजात को प्लास्टिक के बर्तन में दूध पिलाना स्वास्थ्य के लिहाज से भी सही नहीं है। उन्होंने दून मेडिकल कॉलेज चिकित्सालय के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केके टम्टा को व्यवस्था को सुचारू करने के लिए निर्देशित किया। विक्षिप्त गर्भवती का जाना हाल
अस्पताल में सेलाकुई से एक गर्भवती विक्षिप्त महिला को भर्ती कराया है। आयोग की अध्यक्ष ने महिला का हाल जाना और अस्पताल के स्टाफ को उसकी उचित देखभाल के लिए कहा। महिला को सोमवार एक एनजीओ की संचालिका पूजा बहुखंडी ने भर्ती कराया था। वे महिला को सेलाकुईं से 108 एंबुलेंस की मदद से अस्पताल में लाई थीं। यह विक्षिप्त महिला सेलाकुई पुल के नीचे एक वृद्ध व्यक्ति (बाबा) के साथ रह रही थी। एनजीओ संचालिका ने तहरीर में कहा है कि आरोपित पक्ष ने अजन्मे बच्चे का सौदा भी कर लिया था। उन्होंने 22 हजार रुपये में एक परिवार को बच्चा सौंपना का वायदा किया था।