मुख्यमंत्री से वार्ता होने तक जारी रहेगा उपनल कर्मचारियों का आंदोलन, जानिए क्या है मांगे
उपनल कर्मियों के आंदोलन पर विराम लगता नजर नहीं आ रहा। उपनल प्रबंधन के साथ हुई कर्मियों की वार्ता में कोई हल नहीं निकल सका। कर्मचारी शासन व मुख्यमंत्री से वार्ता पर अड़े हुए हैं। मंगलवार को उपनल कर्मचारी महासंघ को उपनल के प्रबंध निदेशक ने वार्ता के लिए बुलाया।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उपनल कर्मियों के आंदोलन पर विराम लगता नजर नहीं आ रहा है। उपनल प्रबंधन के साथ हुई कर्मियों की वार्ता में कोई हल नहीं निकल सका। कर्मचारी शासन व मुख्यमंत्री से वार्ता पर अड़े हुए हैं। मंगलवार को उपनल कर्मचारी महासंघ को उपनल के प्रबंध निदेशक ने वार्ता के लिए बुलाया। उन्होंने कहा कि उपनल कर्मचारियों की मांगों को लेकर कमेटी का गठन किया जाएगा और एक माह के भीतर कमेटी अपनी रिपोर्ट को शासन को प्रस्तुत करेगी, लेकिन उपनल कर्मचारी महासंघ ने स्पष्ट किया कि शासन उन्हें वार्ता के लिए बुलाए और लिखित आश्वासन दे।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष कुशाग्र जोशी ने कहा कि उपनल कर्मचारियों के वेतन से लेकर अन्य सभी नियम शासन तय करता है। उन्होंने उपनल प्रबंधन से समान कार्य समान वेतन के उच्च न्यायालय के आदेश लागू करने की अपील की। कहा कि जब तक शासन या मुख्यमंत्री से वार्ता नहीं होती, आंदोलन समाप्त करने का औचित्य नहीं है। महासंघ के मुख्य संयोजक महेश भट्ट ने बताया कि कि अब आंदोलन को और तेज किया जाएगा, जिसमें विद्युत सेवाओं को भी पूर्ण रूप से बाधित करने का निर्णय लिया गया है।
उधर, उपनल कर्मचारी महासंघ के बैनर तले सहस्रधारा रोड स्थित एकता विहार में कर्मचारियों का धरना नौवें दिन भी जारी रहा। धरना स्थल पर नौवें दिन जितेंद्र नेगी, राजेंद्र सिंह, हयात सिंह पंवार, तेग सिंह, नरेंद्र सिंह, संजय कुमोला, प्रशांत नौटियाल व अभिषेक कैंतुरा क्रमिक अनशन पर बैठे। बताया कि उत्तराखंड जनरल-ओबीसी इंप्लाइज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष ने आंदोलन को समर्थन दिया। धरने में महासचिव हेमंत रावत, सभापति विनोद गोदियाल, पूर्व अध्यक्ष दीपक चौहान, हरीश कोठारी, दिनेश रावत, अभिनव जोशी, मीडिया प्रभारी मनोज सेमवाल, रोहित वर्मा, जितेंद्र गोस्वामी, सुरेंद्र चौधरी आदि शामिल थे।
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