कैबिनेट में आ सकता है उपनल कर्मियों का मानदेय, पढ़िए पूरी खबर
उपनल के जरिये संविदा पर कार्यरत कर्मियों को बढ़ा हुआ मानदेय देने का मसला जल्द ही कैबिनेट में आ सकता है।
देहरादून, राज्य ब्यूरो। उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम लिमिटेड (उपनल) के जरिये संविदा पर कार्यरत कर्मियों को बढ़ा हुआ मानदेय देने का मसला जल्द ही कैबिनेट में आ सकता है। मुख्यमंत्री घोषणा के क्रम में उपनल द्वारा अकुशल और अर्धकुशल कर्मचारियों के संबंध में भेजे गए प्रस्ताव का शासन में अध्ययन किया जा रहा है। जिसे जल्द अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है।
प्रदेश में इस समय 20 हजार से अधिक उपनल के जरिये संविदा पर कार्यरत कार्मिक विभिन्न विभागों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उपनल कर्मियों को चार श्रेणियों में विभाजित किया गया है। इसके तहत अकुशल, अर्द्धकुशल, कुशल और उच्च कुशल श्रेणी शामिल हैं। इन्हें श्रेणी के हिसाब से ही मानदेय दिया जाता है। लंबे समय से उपनल कर्मी मानदेय बढ़ाने का अनुरोध कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस पर मुख्यमंत्री ने पीआरडी और उपनल कर्मियों का मानदेय बढ़ाने की घोषणा की थी।
इस घोषणा में न्यूनतम मानदेय 500 रुपये प्रतिदिन करने की बात कही गई। इससे शुरूआत में थोड़ी गफलत की स्थिति बनी। कारण यह कि उपनल कर्मियों को प्रतिदिन नहीं बल्कि मासिक कार्य के हिसाब से मानदेय दिया गया था। ऐसे में शासन से राय लेने के बाद उपनल ने अकुशल और अर्द्धकुशल कार्मिकों के मानदेय का प्रस्ताव बना कर शासन को भेजा है। दरअसल, इन दोनों के मानदेय को प्रतिदिन के हिसाब से गणना कर देखा जाए तो वह 500 रुपये से कम है।
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सूत्रों की मानें तो हाल ही में होमगार्ड का मानदेय 600 रुपये करने के दृष्टिगत उपनल ने जो प्रस्ताव बनाया है उसमें अकुशल को मासिक 15 हजार और अर्द्धकुशल को मासिक 18 हजार रुपये दिए जाने की सिफारिश की गई है। उपनल के इस प्रस्ताव पर अभी फिलहाल वित्त विभाग अध्ययन कर रहा है। इसके बाद ही इसे मंजूरी दी जाएगी।
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