सूबे में बंद पड़े विद्युत कनेक्शनों को काटेगा ठीकेदार
सूबे में सालों से बंद पड़े एसबी और एनबी बिजली कनेक्शनों को स्थायी तौर पर काटने का ठेका दिया जा रहा है।
जागरण संवाददाता, देहरादून : सूबे में सालों से बंद पड़े एसबी और एनबी बिजली कनेक्शनों को स्थायी तौर पर काटने का ठेका दिया जा रहा है। उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) ने कर्मचारियों की कमी का हवाला देते हुए इसकी निविदा जारी की है। हालांकि इन उपभोक्ताओं से वसूली की जिम्मेदारी ऊर्जा निगम के कर्मियों की ही होगी। उधर, इस निर्णय से कर्मचारियों में उबाल है।
ऊर्जा निगम में 1,08,814 एनबी (नो बिलिंग) और एसबी (स्टॉप बिलिंग) विद्युत कनेक्शन हैं। इन पर तकरीबन सात सौ करोड़ के बिजली बिल का बकाया है। एनबी कनेक्शन में ऐसे उपभोक्ताओं को माना जाता है जो कनेक्शन लेने के बाद गायब हो जाते हैं। कनेक्शन नहीं कटवाते हैं ऐसे में इन पर मासिक शुल्क का बोझ बढ़ता रहता है। वहीं एसबी में ऐसे उपभोक्ता को माना जाता है जो छह माह से ज्यादा बिल नहीं देते हैं, ऐसे में यूपीसीएल का सर्वर उन्हें खुदबखुद एसबी श्रेणी में ले लेता है। इधर, यूपीसीएल प्रबंधन ने इन कनेक्शनों को स्थायी तौर पर काटने के लिए ठेका देने का फैसला किया है। यानी यूपीसीएल सात सौ करोड़ के बकाया वाले बंद पड़े कनेक्शनों को स्थायी तौर पर काटने के लिए सवा सात करोड़ खर्च करेगा। इस बाबत निविदा जारी कर दी गई है। आम तौर पर यह काम ऊर्जा निगम के कर्मी ही काम करते हैं। प्रबंधन का तर्क है कि स्टाफ की कमी की वजह से इसका ठेका दिया जा रहा है। वहीं कनेक्शन काटने का काम भी ठेके पर देने से कर्मियों में उबाल है। कर्मचारी संगठनों का आरोप है कि कनेक्शन काटने का ठेका दिया जा रहा है, जबकि वसूली कर्मियों से ही कराई जाएगी जो कि धन का दुरुपयोग है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि ऊर्जा निगम में निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए हर काम ठेके पर दिया जा रहा है।
यूपीसीएल के ऑपरेशन निदेशक अतुल अग्रवाल ने बताया कि ऊर्जा निगम में कर्मचारियों की कमी है, इस वजह से ठेका दिया जा रहा है।
इस तरह हैं कनेक्शनों की संख्या
क्षेत्र,कनेक्शनों की संख्या
गढ़वाल,45,483
हरिद्वार,20,713
रुद्रपुर,18,813
हल्द्वानी,23,805