एसटीएफ की कार्रवाई से वन महकमे में हड़कंप
हरिद्वार के चिडि़यापुर क्षेत्र में उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा छापा मारकर बावरिया गिरोहों से ताल्लुक रखने वाले कई लोगों को हिरासत में लेने की खबर से वन महकमे में हड़कंप मचा है।
राज्य ब्यूरो, देहरादून: हरिद्वार के चिडि़यापुर क्षेत्र में उत्तर प्रदेश एसटीएफ द्वारा छापा मारकर बावरिया गिरोहों से ताल्लुक रखने वाले कई लोगों को हिरासत में लेने की खबर से वन महकमे में हड़कंप मचा है। हैरत यह कि माहभर से मिल रही सूचनाओं के बाद भी वन महकमा हाथ मलता रह गया और उप्र एसटीएफ ने इन्हें यहां आकर दबोच भी लिया। बताया जा रहा कि हिरासत में लिए गए लोगों में विधिनाथ उर्फ मेहंदी भी शामिल है, जो पूर्व में यहां भी वन्यजीव अपराधों में शामिल रहा है। सूरतेहाल, इस मामले में विभाग की इंटेलीजेंस व गश्त के दावों की कलई भी खुलकर सामने आ गई है। साथ ही उसकी कार्यशैली सवालों के घेरे में है।
चिड़ियापुर वह क्षेत्र है, जिससे लैंसडौन व हरिद्वार वन प्रभागों के साथ ही राजाजी टाइगर रिजर्व और उप्र के बिजनौर वन प्रभाग के हिस्से लगे हैं। शिकारी और तस्कर इस सीमावर्ती क्षेत्र का लाभ उठाकर उप्र व उत्तराखंड के जंगलों में अपनी करतूतों को अंजाम देते आए हैं। इस लिहाज से यह क्षेत्र बेहद संवेदनशील माना जाता है। सूत्रों की मानें तो दिसंबर के आखिर में इस इलाके में कुख्यात बावरिया गिरोहों से जुड़े तत्वों के सक्रिय होने की सूचनाएं मिली थीं। इसे देखते हुए दोनों राज्यों के वन महकमों के साथ ही उप्र एसटीएफ भी सक्रिय हो गई थी।
चर्चा है कि इस बीच बात सामने आई कि वन्यजीव अपराध के एक मामले में एक आरोपित की 17 जनवरी को बिजनौर में तारीख है। इसके बाद एसटीएफ उसके पीछे लग गई थी। उसके अपने साथियों के साथ इस क्षेत्र में आने की सूचना के बाद एसटीएफ ने जाल बिछाया और उसे व उसके साथियों को हिरासत में ले लिया।
वहीं, एसटीएफ की इस कार्रवाई को लेकर वन मकहमे को न उगलते बन रहा और न निगलते। प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव मोनिष मल्लिक के अनुसार एसटीएफ की ओर से कार्रवाई की जानकारी तो आई है, लेकिन किसे और कहां से हिरासत में लिया गया, इसकी जानकारी नहीं है। अलबत्ता, राज्य की इस क्षेत्र से लगी सीमा पर चौकसी बढ़ा दी गई है।
खाल व मांस बरादमगी में भी है शामिल
सूत्रों के अनुसार एसटीएफ द्वारा जिन लोगों को हिरासत में लेने की बात कही जा रही है, उनमें एक का नाम 22 मार्च को दूधिया ब्लॉक में हुई गुलदार की खाल और बाघ के मांस की बरामदगी प्रकरण में भी आया है। उसके खिलाफ उत्तराखंड में पूर्व में वन्यजीव अपराध के मामले दर्ज हैं।