मौसम की बेवक्त की मेहरबानी से फसलें बन रही पानी, पढ़िए पूरी खबर
मौसम के बिगड़े मिजाज किसानों की चिंता बढ़ा रहे हैं। पकी हुई फसल बारिश और ओलावृष्टि से खराब हो रही है। जबकि फरवरी और मार्च में रबी की फसल बारिश के लिए तरस रही थी। आज भी उत्तराखंड में बारिश हुई।
जागरण संवाददाता, देहरादून। मौसम के बिगड़े मिजाज किसानों की चिंता बढ़ा रहे हैं। पकी हुई फसल बारिश और ओलावृष्टि से खराब हो रही है। जबकि, फरवरी और मार्च में रबी की फसल बारिश के लिए तरस रही थी। पिछले मानसून से ही मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ है। लगातार बारिश कम होने से कुछ इलाकों में सूखे का संकट भी मंडरा रहा है। लेकिन, इसका सबसे ज्यादा नुकसान अब हो रहा है।
रबी की फसल पक चुकी है और कई जगह कटाई भी शुरू हो गई है। ऐसे में आसमान से बारिश और ओलावृष्टि किसानों की चिंता बढ़ा रहे हैं। यही नहीं मैदानों में तेज हवाओं के कारण भी खड़ी फसलों को नुकसान पहुंच रहा है। अक्टूबर के बाद से खेतों में कम बारिश के कारण नमी कम रही और फसल की गुणवत्ता पर भी असर पड़ा है। ऐसे में अब किसान किसी प्रकार का नुकसान झेलने की स्थिति में नहीं हैं।
उधर, कृषि निदेशक गौरी शंकर का कहना है कि पिछले चार माह में कम बारिश से पहाड़ी क्षेत्रों में फसल प्रभावित हुई है। हालांकि, ज्यादा नुकसान की आशंका नहीं है। लेकिन, अब हो रही बारिश और ओलावृष्टि से जरूर फसलों को असर पड़ सकता है।
फलों पर ओलावृष्टि की मार
उत्तराखंड के कई जिलों में पिछले कुछ में भारी ओलावृष्टि हुई है। इसका फलों के पेड़ों पर प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल रहा है। यहां जौनसार-बावर में प्लम, खुमानी, सेब, आड़ू के पेड़ों को नुकसान पहुंचा है। जबकि, मैदानों में आम और लीची की बौर भी ओलावृष्टि और तेज हवाओं से नष्ट हो गईं।
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