UKSSSC Paper Leak Case: आरोपित अभिषेक को रिमांड पर लेकर लखनऊ गई एसटीएफ
UKSSSC Paper Leak Case भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में एसटीएफ अभिषेक को रिमांड पर लेकर लखनऊ गई है। आरोपित से उसके साथियों के बारे में की पूछताछ जाएगी। बता दें कि आरोपित ने ही पेपरों की फोटो खींची थी।
जागरण संवाददाता, देहरादून : UKSSSC Paper Leak Case विभिन्न सरकारी विभागों में स्नातक स्तर के पदों की भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने के मामले में गिरफ्तार किए गए आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारी अभिषेक वर्मा को एसटीएफ ने तीन दिन की रिमांड पर लिया है। आरोपित को एसटीएफ लखनऊ लेकर गई है।
एसटीएफ अन्य कड़ियां जोड़ने में जुटी
सूत्रों के अनुसार, वहां आरोपित से इस प्रकरण में उसके साथ लिप्त अन्य व्यक्तियों के बारे में पूछताछ करने के साथ पेपर लीक करने के एवज में मिली नकदी आदि की बरामदगी की जानी है। एसटीएफ अभिषेक की निशानदेही पर अन्य कड़ियां जोड़ने में जुटी है।
27 जुलाई को गिरफ्तार हुआ था आरोपित
उत्तराखंड पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने आरोपित अभिषेक वर्मा को बीती 27 जुलाई को गिरफ्तार किया था। अब तक अभिषेक को ही इस प्रकरण का मास्टरमाइंड माना जा रहा है। अभिषेक ने ही पेपर के तीनों सेट की फोटो अपने मोबाइल से खींचकर टेलीग्राम एप के माध्यम से आगे भेजी थी।
अभिषेक लखनऊ स्थित प्रिंटिंग प्रेस आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड का कर्मचारी है। इसी प्रिंटिंग प्रेस के पास भर्ती परीक्षा के पेपर की प्रिंटिंग की जिम्मेदारी थी। अभिषेक पेपर का सेट बनाकर उसे सील करने का कार्य करता था।
इसी दौरान उसने तीनों पालियों के लिए तैयार किये गये पेपर की फोटो खींची। आरोपित के मोबाइल से उक्त फोटो बरामद हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार एसटीएफ आरोपित अभिषेक को आरएमएस टेक्नो साल्यूशंस इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय लेकर जाएगी। पेपर लीक होने का मामला उजागर होने के बाद अभिषेक वर्मा का नाम सामने आया था।
36 लाख में बेचा था पेपर
इस पर एसटीएफ की एक टीम लखनऊ गई तो पता चला कि अभिषेक ने हाल ही में लखनऊ के सीतापुर स्थित अपने गांव शेरपुर में मकान का निर्माण कराने, लखनऊ में मकान का पुनर्निमाण कराने व नई कार खरीदने में करीब 30 लाख रुपये खर्च किए हैं। जबकि, अभिषेक को कंपनी की ओर से वेतन के रूप में सिर्फ 21 हजार रुपये दिए जाते हैं।
भूमिका संदिग्ध लगने पर उसे गिरफ्तार किया गया। इसके बाद उसने पूछताछ में बताया कि 36 लाख रुपये में पेपर बेचा था।