चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्सचालू सत्र से नहीं
प्रदेश के करीब 120 बीएड कालेजों में चालू शिक्षा सत्र में दो वषी
जागरण संवाददाता, देहरादून : प्रदेश के करीब 120 बीएड कालेजों में चालू शिक्षा सत्र में दो वर्षीय बीएड कोर्स ही चलेगा। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की ओर से शुरू होने वाले चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आइटीईपी) के लिए आवेदन फिलहाल शुरू नहीं हो पाया है।
एनसीटीई ने इसी वर्ष नवंबर में चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम की अधिसूचना जारी की थी। इस प्रोग्राम के अंतर्गत ऐसे इच्छुक संस्थान जो निर्धारित शर्ते पूरी करते हों, वह चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स को आवेदन कर सकते थे। एनसीटीई ने तीन दिसंबर 2018 से इसके लिए आवेदन पोर्टल भी खोल दिया था, लेकिन यह पोर्टल दो दिन बाद ही लॉक भी हो गया। जिससे गढ़वाल विवि, श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विवि व कुमाऊं विवि से संबद्ध करीब 120 बीएड कॉलेज में से कोई भी आवेदन प्रक्रिया शुरू नहीं कर पाए।
एसोसिएशन ऑफ सेल्फ फाइनेंस कॉलेज संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील अग्रवाल ने बताया कि एनसीटीई द्वारा अग्रिम आदेशों तक पोर्टल बंद किया गया है। जबकि आवेदन की तिथि 31 दिसंबर तक रखी गई थी। एनसीटीई के अनुसार इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स के लिए प्रत्येक बीएड कॉलेज को आवेदन करना था, जिसके बाद पैनल का निरीक्षण होगा, फिर उसे अनुमति प्रदान की जाएगी। प्रत्येक कॉलेज को अलग-अलग आवेदन करना होगा है।
उन्होंने बताया कि एनसीटीईके नए नियमों के अनुसार उन्हीं कॉलेजों में इंटीग्रेटेड कोर्स संचालन की अनुमति होगी, जिसमें कम्पोजिट विषय भी पढ़ाए जाते हैं। इन संस्थानों में बीए, बीएससी, बीकॉम की कक्षाओं का संचालन भी होना चाहिए। एनसीटीई के चार वर्षीय इंटीग्रेटेड कोर्स को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देशों का इंतजार किया जा रहा है। अग्रिम आदेशों के बाद ही प्रदेश के बीएड कॉलेज जो शर्ते पूरी करते हैं वह आवेदन कर सकते हैं। हालांकि चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड कोर्स शुरू होने के बाद भी प्रदेश में दो वर्षीय बीएड कोर्स संचालित होंगे। इसकी मान्यता पर कोई असर नहीं पडे़गा।
'राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) की ओर से शुरू होने वाले चार वर्षीय इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (आइटीईपी) को सभी बीएड कॉलेज आवेदन नहीं कर सकते हैं। जिन कॉलेज में बीए, बीएससी व बीकॉम आदि कोर्स पहले से ही संचालित हो रहे हैं वे ही संस्थान आवेदन कर सकते हैं। एनसीटीई ने नियमों में परिवर्तन करने के लिए ही शायद दो दिन बाद ही पोर्टल बंद कर दिया है।'
- आरती दीक्षित, प्रबंध निदेशक, डीडब्ल्यूटी संस्थान