रोडवेज बस से डीजल चुराने में दो बर्खास्त, लुधियाना बस अड्डे पर उत्तराखंड के टनकपुर डिपो की बस का मामला
पंजाब में लुधियाना बस अड्डे की है जिसमें डीजल टैंक में पाइप लगाकर डीजल चुराकर बगल में खड़ी पंजाब की निजी बस में डालने की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान पंजाब रोडवेज के कर्मियों ने वीडियो बना इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया।
जागरण संवाददाता, देहरादून: रोडवेज बस से डीजल चुराने का एक और वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। बस उत्तराखंड परिवहन निगम के टनकपुर डिपो की है। घटना पंजाब में लुधियाना बस अड्डे की है, जिसमें डीजल टैंक में पाइप लगाकर डीजल चुराकर बगल में खड़ी पंजाब की निजी बस में डालने की तैयारी चल रही थी। इसी दौरान पंजाब रोडवेज के कर्मियों ने वीडियो बना इंटरनेट मीडिया पर वायरल कर दिया।
एजीएम टनकपुर से जवाब-तलब
वीडियो परिवहन निगम मुख्यालय तक पहुंचने पर महाप्रबंधक दीपक जैन ने एजीएम टनकपुर से जवाब-तलब किया और बस पर तैनात चालक व परिचालक को बर्खास्त करने का आदेश दिया। वीडियो दोपहर का है। टनकपुर डिपो की साधारण बस (यूके04पीए-1135) पंजाब के लुधियाना बस अड्डे पर खड़ी है। इसके बगल में दोनों तरफ निजी बसें खड़ी हैं और डीजल की चोरी कर रहे शख्स का मोबाइल पर किसी ने वीडियो बना लिया।
वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल
वीडियो में उत्तराखंड रोडवेज का चालक बस में भीतर बैठकर खुद डीजल चोरी करा रहा है। शनिवार को वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई व रोडवेज के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के विभिन्न व्हाट्सअप ग्रुप पर पहुंच गई। महाप्रबंधक दीपक जैन ने बताया कि वीडियो के संबंध में एजीएम टनकपुर से स्पष्टीकरण तलब करते हुए जांच बैठा दी गई है। संबंधित बस पर तैनात विशेष श्रेणी चालक भगवान राम एवं परिचालक रिंकू कांडपाल को बर्खास्त करने के आदेश दिए गए हैं।
टनकपुर-पिथौरागढ़ का बुरा हाल
परिवहन निगम में बस से डीजल चोरी करने के मामले में टनकपुर और पिथौरागढ़ डिपो का बुरा हाल है। इन डिपो में पहले भी लगातार इस तरह के मामले आते रहे हैं। अभी जून में ही टनकपुर डिपो से दिल्ली जा रही बस में गजरौला में डीजल चोरी का वीडियो भी वायरल हुआ था। उससे पूर्व गत दिसंबर में पिथौरागढ़ डिपो की एक बस से डीजल की चोरी का मामला सामने आया था। रोडवेज कर्मचारियों की मानें तो अमृतसर, लुधियाना व चंडीगढ़ जाने वाली इन डिपो की अधिक बसें रात्रि सेवा की हैं और ज्यादातर चालक बस को जानबूझकर 50 किमी से नीचे की रफ्तार पर चलाते हैं, ताकि डीजल की कम खपत हो। इसमें जो डीजल अतिरिक्त रहता है, चोरी कर बेचा जाता है।