विवि के छात्र संभालें नवाचार व स्टार्टअप की जिम्मेदारी
विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को नवाचार और स्टार्टअप शुरू करने की जिम्मेदारी उठाने को आगे आना चाहिए।
जागरण संवाददाता, देहरादून : विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं को नवाचार और स्टार्टअप शुरू करने की जिम्मेदारी उठाने को आगे आना चाहिए। भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में बनाए रखने में उच्च शिक्षा प्राप्त कर रहे युवाओं और वैज्ञानिकों की अहम भूमिका है। दुनिया के विवि के स्टूडेंट्स स्टार्टअप शुरू कर विश्व के समाने अपने हुनर का प्रदर्शन कर रहे हैं। यह बात उत्तराखंड तकनीकी विवि (यूटीयू)में आयोजित दो दिवसीय कौशल विकास राष्ट्रीय संगोष्ठी के समापन अवसर पर टाटा मोटर्स पुणे के वरिष्ठ विशेषज्ञ श्रीधर पांडुरंग जोशी ने छात्रों को संबोधित करते हुए कही।
यूटीयू में 'टेक्निकल एजुकेशन क्वालिटी इंप्रूवमेंट प्रोग्राम' (टीईक्यूआइपी-3) के अंतर्गत कौशल विकास पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने अपने अनुभव साझा किए। सोमवार को सेमीनार के अंतिम दिन मुख्य वक्ता श्रीधर जोशी ने ने बताया कि वह पिछले 42 वर्षो से टाटा मोटर्स से जुड़े हैं। बताया कि छात्रों को अपनी कमजोरियों पर किस तरह विजय प्राप्त करनी है। इसके लिए उन्हें टिप्स दिए। बताया कि आज के समय में औद्योगिक क्षेत्र में किस प्रकार के युवाओं की आवश्यकता है और कंपनी किस तरह की उम्मीद रखती है, इसके अनुरूप मानव संसाधन तैयार किए जाने की जरूरत है। विवि के कुलपति प्रो.नरेंद्र एस चौधरी ने राष्ट्रीय संगोष्ठी में प्रतिभाग करने वाले विशेषज्ञों का अभिनंदन किया और श्रीधर जोशी को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। विश्व बाजार से मुकाबले की करें तैयारी
संगोष्ठी में आए विशेषज्ञों ने छात्रों को नसीहत दी कि वह विश्व बाजार में मुकाबले के लिए खुद को तैयार करें। आरंभ कंसलटेंसी की विशेषज्ञ प्रतिक्षा चौहान ने युवाओं को स्किल के विकास का रोजगार मिलने पर कितना असर पड़ता है इस बारे में बताया। उन्होंने कहा कि अब सरकारी एवं निजी क्षेत्र में स्किल एवं गुणवत्ता की डिमांड है। इसलिए विवि को ऐसे मानव संसाधन तैयार करना होगा जो स्किल के रूप में दक्ष हों। विशेषज्ञ चैरियन हार्डी ने प्रौद्योगिकी और आइटी सेक्टर में वर्तमान में कौशल पेशेवरों की जरूरत बताया। गुड़गांव स्थित कनवर्जेस संस्थान के निदेशक इंद्रभूषण सिंह ने छात्रों से कहा कि वह केवल प्लेसमेंट लायक की तैयारी न करें बल्कि उद्योगों के अनुरूप कौशल के रूप में खुद को प्रस्तुत करें। दिल्ली स्थित लीनएप कंपनी के सीईओ गौरव सोनी ने छात्रों को कंपनियों में नियुक्त करने की चुनौतियों एवं उनको अवसर प्रदान कर उचित प्रशिक्षित किस प्रकार किया जाए इस बारे में मार्गदर्शन किया। डाटा काउच के फाउंडर भावुक चावला ने नई औद्योगिक क्रांति के बारे में छात्रों को अवगत करवाया। कहा कि भारत के उत्पादों का आज विश्व बाजार में मुकाबला है। इसमें खरे उतरने वाली बहुराष्ट्रीय कंपनियों में अच्छे अवसर एवं पैकेज दिए जा रहे हैं।
इन्होंने किया संगोष्ठी में प्रतिभाग
संगोष्ठी के समन्वयक डॉ.एचएस भदौरिया, डॉ.अमित अग्रवाल, डॉ.निशांत सक्सेना, मनोज चौधरी, सौरभ चौहान, अकांक्षा रघुवंशी, प्रीति रतूड़ी, मुकेश बहुगुणा, ख्वाजा उमर बशीर, डॉ.संदीप चौधरी, नेहा थापा, कुलदीप रावत आदि मौजूद रहे।