त्यूणी राजकीय अस्पताल में अल्ट्रासांउड मशीन लगाने की मांग
राजकीय अस्पताल त्यूणी में जरूरी संसाधनों की कमी से मरीज बेहाल है। जिससे लोगों को स्वास्थ्य समस्या से जूझना पड़ता है। अस्पताल में अल्ट्रासांउड मशीन लगाने की मांग की गई है।
त्यूणी, जेएनएन। साठ गांव के एकमात्र सबसे बड़े राजकीय अस्पताल त्यूणी में जरुरी संसाधनों की कमी से ग्रामीण मरीज बेहाल है। जिससे दूर-दराज के लोगों को स्वास्थ्य समस्या से जूझना पड़ता है। संसाधनों की कमी से सीमांत क्षेत्र के लोगों को सौ से डेढ़ सौ किमी दूर विकासनगर व देहरादून की दौड़ लगानी पड़ती है।
अस्पताल के प्रभारी चिकित्साधिकारी ने ओएनजीसी अस्पताल के सीएमएस को प्रस्ताव भेज सीएसआर फंड से त्यूणी अस्पताल को अल्ट्रासांउड मशीन समेत अन्य जरुरी सामान उपलब्ध कराने की मांग की है। मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ओएनजीसी अस्पताल देहरादून को दिए गए प्रस्ताव में राजकीय अस्पताल त्यूणी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र राणा ने कहा जौनसार-बावर की सीमांत तहसील से जुड़े करीब साठ गांवों और सीमावर्ती बंगाण क्षेत्र के हजारों लोगों की स्वास्थ्य सेवा का भार त्यूणी अस्पताल पर है।
यहां प्रतिदिन 100-150 की ओपीडी होती है। जबकि महीने में औसतन दस से बारह केस डिलीवरी के आते हैं। कई गांवों की स्वास्थ्य सेवा का जिम्मा संभाले त्यूणी अस्पताल में अल्ट्रासांउड व डिजिटल एक्सरे की व्यवस्था नहीं होने से दूर-दराज के लोगों को मीलों दूर हिमाचल के रोहडू अस्पताल और 100-150 दूर विकासनगर व देहरादून के चक्कर काटने पड़ते हैं। जिससे कई मरीज आर्थिक तंगहाली के चलते अपना उपचार नहीं करा पाते हैं। अस्पताल में फर्नीचर की कमी से नर्सिग स्टाफ और ग्रामीण मरीजों को बड़ी परेशानी झेलनी पड़ती है।
ग्रामीण जनता की सुविधा को ओएनजीसी, डिजिटल सारथी व शेड्स आफ हैप्पीनेस फांउडेशन के संयुक्त प्रयास से कुछ दिन पहले त्यूणी में दो दिवसीय निश्शुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया गया था। जिसमें करीब दो हजार मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। लोगों की स्वास्थ्य समस्या देख प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. नरेंद्र राणा ने सीएमएस डॉ. दीवान सिंह रावत को त्यूणी अस्पताल में जरुरी स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने की मांग की है। वहीं, ओएनजीसी अस्पताल के सीएमएस डॉ. दीवान सिंह रावत ने मामले में कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
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