महाराष्ट्र से 62 प्रवासियों को लेकर ऋषिकेश पहुंचे ट्रक को किया सीज
महाराष्ट्र के नासिक से 62 प्रवासियों को लेकर एक ट्रक ऋषिकेश तक पहुंच गया। पुलिस ने इस ट्रक को सीज कर चालक को गिरफ्तार कर लिया है।
ऋषिकेश, जेएनएन। लॉकडॉउन में अपने घर पहुंचने वालों की इच्छा का कुछ लोग गलत फायदा उठा रहे हैं। साथ ही सीमा पर चौकसी के नाम पर केवल खानापूर्ति की जा रही है। ऐसा ही मामला मुनिकीरेती ऋषिकेश में देखने को मिला। महाराष्ट्र के नासिक से 62 प्रवासियों को लेकर एक ट्रक ऋषिकेश तक पहुंच गया। जब पुलिस ने ट्रक को रोक कर जांच की तो ट्रक के अंदर लोगों को जानवरों की तरह ठूंसकर बैठाया गया था। पुलिस ने इस ट्रक को सीज कर चालक को गिरफ्तार कर लिया है। कोरोना जांच को लेकर बरती जा रही चौकसी पर भी इस घटना से सवाल खड़े कर दिए हैं। पांच राज्यों की सीमा पार कर बिना पास के यह ट्रक लोगों को लेकर यहां तक कैसे पहुंच गया।
शनिवार दोपहर को ऋषिकेश के मुनिकीरेती कैलाश गेट बॉर्डर पर एक ट्रक पहुंचा। कैलाश गेट चौकी प्रभारी उप निरीक्षक विकेंद्र कुमार ने जांच के लिए ट्रक को रोका तो उसके अंदर 62 लोगों को ठूंस कर बैठाया गया था। चालक जो स्वयं ट्रक का मालिक है उससे पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वह उत्तर प्रदेश से नासिक महाराष्ट्र माल छोड़ने गया था।
वहां उसे उत्तराखंड के लोग 62 लोग मिले। उन्होंने जब उत्तराखंड जाने की इच्छा जताई तो उसने प्रति सवारी साढ़े तीन हजार रुपये तय कर ट्रक में इन सभी को बैठा दिया और कहीं पर भी बाहर न निकलने की हिदायत दी। उसके बाद वे लोग महाराष्ट्र राजस्थान, मध्य प्रदेश, दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमाओं को पार यहां तक पहुंच गए।
चालक ने बताया कि इस दौरान उनकी कहीं भी थर्मल स्क्रीनिंग और आवश्यक जांच पड़ताल नहीं हुई। जब वह ऋषिकेश के हरिद्वार रोड मंडी तिराहा पहुंचे तो पुलिस ने उन्हें जाने नहीं दिया। उसके बाद चालक ट्रक लेकर कैलाशगेट मुनीकीरेती तक पहुंच गया था।
यह भी पढ़ें: पास नहीं मिला तो अहमदाबाद से एक लाख से ज्यादा खर्च कर आए हरिद्वार, अब यहीं हैं फंसे
चौकी प्रभारी उप निरीक्षक विकेंद्र कुमार ने बताया कि ट्रक चालक भीमसेन पुत्र रामस्वरूप निवासी गांव चनपा हाथरस उत्तर प्रदेश को गिरफ्तार कर वाहन सीज कर लिया गया है। इसमें बैठे सभी प्रवासियों को पूर्णानंद इंटर कॉलेज मुनिकीरेती में थर्मल स्क्रीनिंग और आवश्यक जांच पड़ताल के बाद अन्य बसों के जरिए रवाना किया गया।