पुलवामा शहीदों को याद कर नम हुई आंखें
जागरण संवाददाता देहरादून देहरादून पुलवामा हमले की पहली बरसी पर सीआरपीएफ के दून स्थित सेक्टर मुख्यालय में शहीदों को श्रद्धाजलि अर्पित की गई। इस दौरान शहीद एएसआइ मोहन लाल रतूड़ी की पत्नी को भी सम्मानित किया गया। घटना का जिक्र छिड़ा तो शहीद की पत्नी सहित तमाम लोगों की आंखें नम हो गई।
- पुलवामा हमले की पहली बरसी पर सीआरपीएफ के दून मुख्यालय में शहीदों को दी श्रद्धांजलि
- शहीद एएसआइ मोहन लाल रतूड़ी की पत्नी को भी सम्मानित
जागरण संवाददाता, देहरादून: पुलवामा हमले की पहली बरसी पर सीआरपीएफ के दून स्थित सेक्टर मुख्यालय में शहीदों को श्रद्धाजलि अर्पित की गई। इस दौरान शहीद एएसआइ मोहन लाल रतूड़ी की पत्नी को भी सम्मानित किया गया। घटना का जिक्र छिड़ा तो शहीद की पत्नी सहित तमाम लोगों की आंखें नम हो गई।
बीते वर्ष 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ था। जिसमें 40 जवान शहीद हो गए थे। इनमें उत्तरकाशी बनकोट गाव के मूल निवासी मोहन लाल रतूड़ी भी शहीद हुए थे। रतूड़ी का परिवार कावली रोड पर एमडीडीए कॉलोनी में रहता है। शहादत को एक वर्ष पूरा होने पर सीआरपीएफ के हरिद्वार बाईपास स्थित सेक्टर मुख्यालय में श्रद्धाजलि सभा हुई। यहा शहीद मोहन लाल रतूड़ी की पत्नी सरिता रतूड़ी ने भी शहीदों ने श्रद्धाजलि दी। इस दौरान राज्य सहकारी संघ के अध्यक्ष बृजभूषण गैरोला बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि कोई भी देश तब तक सुरक्षित है जब तक वीर जवान अपने प्राणों की बाजी लगा उसकी सेवा में तत्पर हैं। सीमा पर तैनात वीर सैनिक अपने प्राणों की परवाह न करते हुए हर पल अपने कर्तव्य का पालन कर रहे हैं। ऐसे वीर जवानों की शहादत के लिए स्वयं ही हम नतमस्तक हो जाते हैं और मन श्रद्धा से भर जाता है। कहा कि हमें इन वीरों की शहादत को हमेशा हृदय में समाहित रख कर स्वयं भी अपने देश के प्रति कुछ कर्तव्य निभाने का साहस हमें रखना चाहिए। शहीदों के परिवारजनों के साथ सदैव कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहने का प्रण लेना चाहिए।
सीआरपीएफ के डीआइजी दिनेश उनियाल ने कहा कि सशस्त्र बलों ने इस घटना को सबक के तौर पर लिया है। कहा कि इसके बाद न केवल सेना और अर्द्ध सैन्य बलों के बीच सामंजस्य बेहतर हुआ, बल्कि सशस्त्र बलों व आमजन के बीच भी फासला कम हुआ है। पुलवामा हमले के बाद जिस एकजुटता के साथ देश खड़ा हुआ उसने जवानों को भी हौसला दिया है। उन्होंने कहा कि 14 फरवरी को लोग किसी न किसी को अपना मानकर वेलनटाइन डे मनाते हैं। कहा कि इसे मनाने वाले शहीद को अपना मानकर यह दिन मनाएं तो यह देश के लिए गर्व की बात होगी। शहीद रतूड़ी के दामाद सर्वेश नौटियाल ने कहा कि शहादत के बाद शहीद रतूड़ी के परिवार को जो सम्मान और दुख की इस घड़ी में आगे बढ़ने में सहयोग मिला, इसके लिए वह सभी के आभारी हैं। श्रद्धांजलि सभा का समापन शहीदों की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन रख किया गया।
श्रद्धांजलि सभा में डीआइजी विमल बिष्ट, कमाडेंट किशोर प्रसाद, कमाडेंट संजीव रंजन, सहायक कमाडेंट संतोष सुमन समेत बड़ी संख्या में सीआरपीएफ अफसर, आसपास के अन्य दफ्तरों के अधिकारी-कर्मचारी, राजकीय बालिका इंटर कॉलेज अजबपुर के शिक्षक और छात्र व क्षेत्रीय लोग शामिल रहे।