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उत्तराखंड की नारसन चेकपोस्ट के सभी कार्मिकों का हुआ तबादला, जानिए पूरा मामला

परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी ने नारसन चेकपोस्ट पर तैनात कर्मचारियों द्वारा अवैध वसूली का प्रकरण सामने आने के बाद पूरे स्टाफ का तबादला कर दिया है। आरोपित दो प्रवर्तन पर्यवेक्षकों को मुख्यालय में अटैच किया गया है।

By Raksha PanthriEdited By: Published: Wed, 24 Feb 2021 07:54 AM (IST)Updated: Wed, 24 Feb 2021 07:54 AM (IST)
उत्तराखंड की नारसन चेकपोस्ट के सभी कार्मिकों का हुआ तबादला।

राज्य ब्यूरो, देहरादून। परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी ने नारसन चेकपोस्ट पर तैनात कर्मचारियों द्वारा अवैध वसूली का प्रकरण सामने आने के बाद पूरे स्टाफ का तबादला कर दिया है। आरोपित दो प्रवर्तन पर्यवेक्षकों को मुख्यालय में अटैच किया गया है। मामले की जांच आरटीओ देहरादून संदीप सैनी को सौंपी गई है। वहीं, हरिद्वार के सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन सुरेंद्र कुमार को रुड़की का भी प्रभार सौंपा गया है। उन्हें चेकपोस्टों पर प्रभावी नियंत्रण रखने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही किसी भी चेकपोस्ट व कार्यालय में अनियमितता पाए जाने पर संबंधित कार्मिक के साथ ही नियंत्रण अधिकारियों की जिम्मेदारी भी तय कर दी गई है। 

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रुड़की के नारसन बार्डर पर ट्रक से अवैध वसूली के मामला जनवरी में सामने आया था। इस दौरान मंगलौर के सर्किल आफिसर ने आरटीओ के दो कर्मचारियों को पुलिस की वर्दी में ट्रकों से अवैध वसूली करते हुए पकड़ा था। जिलाधिकारी हरिद्वार ने एआरटीओ रुड़की को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इस पर विभाग ने चेकपोस्ट पर तैनात वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी दिलवर सिंह गुसाईं को तिमली चेकपोस्ट पर संबद्ध कर दिया था। शेष स्टाफ पर कार्रवाई नहीं हुई थी। अब आयुक्त परिवहन ने चेकपोस्ट पर तैनात परिवहन कर अधिकारी-द्वितीय स्तर के दो अधिकारियों व तीन मिनिस्टीरियल कर्मचारियों को चिड़ियापुर चेकपोस्ट स्थानांतरित कर दिया है। 

वहीं, अन्य प्रवर्तन सिपाहियों और पर्यवेक्षकों को आशारोड़ी, तिमली व कुल्हाल चेकपोस्ट भेजा गया है। इसके साथ ही आयुक्त परिवहन ने सभी संभागीय व उप संभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे राज्य की सीमाओं पर स्थापित चेकपोस्टों पर तैनात कर्मचारियों को जनता के प्रति संवेदनशील बनाएं। अंतरजिला और अंतरराज्यीय मार्गों पर वाहनों की चेकिंग सख्त से की जाए। अवैध संचालन पर कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। प्रवर्तन दल रोस्टर बनाकर नियमित रूप से कार्यवाही करें। संभागीय व सहायक संभागीय अधिकारी नियमित रूप से रोस्टर के अनुसार कार्यालयों का निरीक्षण करें। 

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