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    नैनीताल-मसूरी के बाद पर्यटकों को भाया उत्‍तराखंड का ये पहाड़ी शहर, अंग्रेजों ने बसाया; हर वीकेंड पर लग रहा जाम

    Chakrata जौनसार-बावर का प्रमुख नगर या कहें मुख्यालय चकराता ब्रिटिश काल में बसाया गया महत्वपूर्ण कैंट है। चकराता उत्तराखंड के उन चंद बेहद खूबसूरत क्षेत्रों में से है जो अपनी नैसर्गिक सुंदरता के साथ ही अपनी लोक परंपराओं और संस्कृति के कारण भी देश-दुनिया को अपनी ओर खींचते हैं।

    By Nirmala BohraEdited By: Nirmala BohraUpdated: Sat, 10 Jun 2023 12:28 PM (IST)
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    Chakrata: जौनसार-बावर का प्रमुख नगर या कहें मुख्यालय चकराता ब्रिटिश काल में बसाया गया महत्वपूर्ण कैंट है।

    टीम जागरण, देहरादून: Hill Station Chakrata: नैनीताल और मसूरी की तरह ही देहरादून के नजदीक मौजूद यह पहाड़ी शहर पर्यटकों की पसंद बनता जा रहा है। इसलिए तो यहां हर वीक‍ेंड पर जाम के हालात पैदा हो रहे हैं। जी हां, हम बात कर रहे हैं चकराता की।

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    ब्रिटिश काल में बसाया गया महत्वपूर्ण कैंट

    चकराता उत्तराखंड के उन चंद बेहद खूबसूरत क्षेत्रों में से है, जो अपनी नैसर्गिक सुंदरता के साथ ही अपनी लोक परंपराओं और संस्कृति के कारण भी देश-दुनिया को अपनी ओर खींचते हैं। जौनसार-बावर का प्रमुख नगर या कहें मुख्यालय चकराता ब्रिटिश काल में बसाया गया महत्वपूर्ण कैंट है।

    समुद्र तल से 2118 मीटर की ऊंचाई पर यमुना और टोंस नदी के बीच चकराता 1866 में बसाया गया था। ब्रिटिश सरकार ने 1869 में इसे कैंट बोर्ड के अधीन किया। देहरादून जिला मुख्यालय से करीब 95 किलोमीटर दूर स्थित चकराता के आसपास घने जंगल और हिमाच्छादित पहाड़ियां इसके रूप को और भी निखारती हैं। महाभारत काल और पांडवों से जुड़े इस क्षेत्र की अनेक कथाएं लोक में प्रचलित हैं।

    गर्मी से राहत पाने के लिए पर्यटक इन दिनों अपना रुख पहाड़ी पर्यटन स्थलों पर कर रहे हैं। शुक्रवार शाम को यहां भारी संख्या में पर्यटक पहुंचे, जिससे जाम की स्थिति बन गई। घंटों तक पर्यटक जाम में फंसे रहे। छावनी बाजार गुलजार हो गया।

    चकराता छावनी बाजार के शहीद चौक से लेकर चुंगी तक और गुरुद्वारा चौक तक पर्यटकों का जमावड़ा देखने को मिला। सैलानियों की आमद से स्थानीय कारोबारियों के चेहरे खुशी से खिल उठे। पर्यटकों ने सड़क किनारे ही अपने वाहन पार्क किए। राष्ट्रीय राजमार्ग मसूरी चकराता पर चिरमिरी सनसेट प्वाइंट तक गाड़ियों की लंबी कतार देखने को मिली। क्योंकि सैकड़ों की संख्या में पर्यटक चिरमिरी सनसेट प्वाइंट में सूर्यास्त का नजारा देखने पहुंचे थे।

    होटल, रिसार्ट, होम स्टे फुल, कई पर्यटक लौटे निराश

    पर्यटन स्थल चकराता में रात बिताने की मंशा से गए कई पर्यटकों को निराश होकर लौटना पड़ा। सभी होटल, रिसार्ट, होम स्टे फुल होने पर पर्यटकों को कमरे नहीं मिल पाए। स्थानीय व्यापारी नैन सिंह राणा, अशोक कुमार गोयल, राजेंद्र चौहान, प्रताप चौहान, राजेंद्र अरोड़ा, अमित अरोड़ा, नितेश असवाल, रघुवीर सिंह चौहान, पीयूष जोशी, मिक्की जोशी, रोहन राणा, जयवीर चौहान, दिनेश चौहान आदि का कहना है कि पर्यटकों की आमद से ही स्थानीय व्यापार को लाभ होता है।

    चकराता में कहां घूमें?

    • टाइगर फॉल्स
    • चिलमरी नेक
    • देवबन बर्ड वाचिंग
    • जमुना एडवेंचर पार्क
    • मुंडाली
    • किमोना जलप्रपात

    कैसे पहुंचें चकराता?

    • चकराता का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट देहरादून एयरपोर्ट है। एयरपोर्ट से चकराता जाने के लिए प्राइवेट टैक्सी की सुविधा बड़े ही आसानी से मिल जाती है।
    • चकराता का नजदीकी रेलवे स्टेशन भी देहरादून है। यहां से चकराता जाने के लिए प्राइवेट टैक्सी की सुविधा मिल जाती है।
    • देश के किसी भी बड़े शहरों से चकराता हिल स्टेशन के बीच कोई भी सीधा बस नहीं चलती है। इसके लिए आपको देहरादून आना होगा और यहां से टैक्‍सी या प्राइवेट बस से चकराता जाना होगा।

    रूट

    दिल्ली – अगरौला – मंडौला – बागपत – बड़ौर – ऐलम – बलवा – सिल्वर – ननौता – गवालीरा – ताजपुरा – बेहात – मिर्जापुर पोल – विकासनगर – कलसी – सहिया – चकराता।