Top Dehradun News of the day, 6th November 2019: 62 के सिर सजा ब्लॉक प्रमुख का ताज, महंगी बिजली खरीद कर जनता पर डाल दिया भारी बोझ, राजाजी टाइगर रिजर्व में छह बिगड़ैल हाथी चिह्नित
दून में तीन खबरें चर्चा में रहीं। 62 के सिर सजा ब्लॉक प्रमुख का ताज महंगी बिजली खरीद कर जनता पर डाल दिया भारी बोझ राजाजी टाइगर रिजर्व में छह बिगड़ैल हाथी चिह्नित।
देहरादून, जेएनएन। देहरादून में तीन खबरें चर्चा में रहीं। पहली, हरिद्वार को छोड़ प्रदेश के शेष 12 जिलों की 89 क्षेत्र पंचायतों में से ब्लाक प्रमुख के 62, ज्येष्ठ उपप्रमुख के 63 और कनिष्ठ उपप्रमुखों के 62 पदों का चुनाव बुधवार को संपन्न हो गया। वहीं, ऊर्जा निगम की माली हालात दिनों दिन कमजोर होते जा रहे हैं। इसका बड़ा कारण ऊर्जा निगम की लचर व्यवस्थाएं हैं, जिसके चलते निगम घाटे में जा रहा है। इधर, राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे हरिद्वार के पथरी क्षेत्र में हाथी के हमले में दो लोगों की मौत की घटना के बाद बिगड़ैल हाथियों को चिह्नित किया जा रहा है।
62 के सिर सजा ब्लॉक प्रमुख का ताज
हरिद्वार को छोड़ प्रदेश के शेष 12 जिलों की 89 क्षेत्र पंचायतों में से ब्लाक प्रमुख के 62, ज्येष्ठ उपप्रमुख के 63 और कनिष्ठ उपप्रमुखों के 62 पदों का चुनाव बुधवार को संपन्न हो गया। प्रमुख के 27, ज्येष्ठ उपप्रमुख के 26 व कनिष्ठ उपप्रमुख के 27 पदों पर पहले ही निर्विरोध निर्वाचन हो चुका है। क्षेत्र पंचायत प्रमुख के सभी पदों पर चुनाव की तस्वीर साफ होने के बाद भाजपा ने दावा किया कि उसके 53 प्रमुख जीते हैं। वहीं, कांग्रेस ने प्रमुख के 28 पदों पर जीत का दावा किया है।
महंगी बिजली खरीद कर जनता पर डाल दिया भारी बोझ
ऊर्जा निगम की माली हालात दिनों दिन कमजोर होते जा रहे हैं। इसका बड़ा कारण ऊर्जा निगम की लचर व्यवस्थाएं हैं, जिसके चलते निगम घाटे में जा रहा है। यही वजह है कि पिछले साल (वित्तीय वर्ष 2018-19) ऊर्जा निगम को बिजली कंपनियों से करीब चार फीसद अधिक दर पर बिजली खरीदनी पड़ी। निगम ने अपना घाटा कम करने के लिए इसका बोझ विद्युत दरों में वृद्धि कर जनता के सिर डाल दिया।
राजाजी टाइगर रिजर्व में छह बिगड़ैल हाथी चिह्नित
राजाजी टाइगर रिजर्व से लगे हरिद्वार के पथरी क्षेत्र में हाथी के हमले में दो लोगों की मौत की घटना के बाद बिगड़ैल हाथियों को चिह्नित किया जा रहा है। अभी तक अलग-अलग झुंडों के ऐसे छह हाथी चिह्नित किए गए हैं। निगरानी के लिए इन पर भारतीय वन्यजीव संस्थान (डब्ल्यूआइआइ) के सहयोग से रेडियो कॉलर लगाने की तैयारी है।