साइबर ठग ऐसे देते हैं घटना को अंजाम; इस तरह बच सकते हैं आप
उत्तराखंड के साइबर ठगी के मामले बढ़ गए हैं। इससे साइबर थाना पुलिस ने कार्रवाई तेज कर दी है। साइबर थाना के हेल्पलाइन नंबर 155260 पर आने वाली शिकायतों पर तत्परता से कार्रवाई करते हुए पुलिस ने साढ़े आठ लाख 36 हजार रुपये वापस करवाएं हैं।
जागरण संवाददाता, देहरादून। उत्तराखंड में साइबर क्राइम के मामले बढ़ते जा रहे हैं। बीते तीन सप्ताह की बात करें तो ठगों ने 26 व्यक्तियों को अपना शिकार बनाया। ये ठग केवाइसी, विदेश भेजने, शादी, फेसबुक और लाटरी आदि तरीकों से अपने जाल में फंसाते हैं। वहीं, पुलिस इन पर अंकुश लगा रही है। साइबर थाना पुलिस ने प्रदेश के 13 जिलों में पीड़ितों के आठ लाख 36 हजार रुपये वापस करवाए हैं। आप इन ठगों से बच सकते हैं, लेकिन आपको थोड़ी सावधानी बरती पड़ेगी।
हेल्पलाइन 155260 पर करें तुरंत फोन
एसएसपी एसटीएफ अजय सिंह ने बताया कि साइबर अपराधियों की ओर से भोले भाले लोगों को अलग-अलग तरीके से जालसाजी कर व्यक्तियों से ठगी की गई थी। ठगी के शिकार व्यक्तियों ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के 155260 हेल्पलाइन पर तुरंत फोन किया। साइबर थाना पुलिस की ओर से तुरंत बैंकों से संपर्क करके जिस खाते में यह रकम गई उसमें फ्रीज करवा दिया। ऐसे में ठगों ने पीड़ितों से रकम ट्रांसफर करवा ली, लेकिन वह निकाल नहीं पाए, ऐसे में पुलिस ने दोबारा पीड़ितों के खातों में धनराशि डलवा दी।
ऐसे देते ठगी की घटना को अंजाम
एसएसपी ने बताया कि इन दिनों ठग खुद को परिचित बताकर, सिमकार्ड की केवाइसी, नौकरी लगाने, विदेश भेजने, फेसबुक की फर्जी प्रोफाइल बनाकर, वाट्सएप पर वीडियो काल, विदेशी व्यक्ति की ओर से शादी का झांसा देकर अन्य कई प्रकार से ठगी की घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है। लोग साइबर ठगों के झांसे में आकर ठगी के शिकार हो जाते हैं।
ये सावधानी बरतें आप
- साइबर ठगों से बचने के लिए फोन काल, एसएमएस या अन्य किसी माध्यम से ओटीपी, यूपीआइ पिन या एटीएम पिन किसी के साथ शेयर न करें।
- केवाइसी के लिए एसएमएस पर ध्यान न दें। एसएमएस में दिए गए मोबाइल नंबर पर काल न करें।
- फोन पर आए किसी भी लिंक को फालो न करें
- फोन पर आए किसी भी एसएमएस को अपरिचित व्यक्ति द्वारा बताए गए नंबर पर फारवर्ड न करें।
- एटीएम से निकासी के समय किसी की सहायता न ले। एटीएम के पीछे सफेद पट्टी पर अपना जरुर लिखें ताकि कार्ड बदलने पर तत्काल पहचान हो सके।
- फोन, इमेल, एसएमएस, वाटसअप के माध्यम से नौकरी, पॉलिसी बोनस, लॉटरी, सस्ता लोन आदि पर भरोसा न करें। बताए गए किसी भी पेटीएम वॉलेट या खाते में रुपये ट्रांसफर न करें।
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