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    रामसर साइट आसन वेटलैंड में बसने लगा विदेशी परिंदों का संसार, यहां पहुंचे तीन हजार विदेशी परिंदे

    By Sunil NegiEdited By:
    Updated: Thu, 04 Nov 2021 12:45 PM (IST)

    देहरादून जनपद के विकासनगर में स्थित रामसर साइट आसन वेटलैंड में विदेशी परिंदे पहुंचने लगे हैं। यहां अब तक 16 प्रजातियों के परिंदे प्रवास को पहुंच चुके हैं। बता दें कि जैसे ठंड बढ़ेगी वैसे यहां परिंदों की संख्या में इजाफा होगा।

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    देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व व उत्तराखंड के पहले रामसर साइट आसन नमभूमि में प्रवास को आए सुर्खाब। जागरण

    जागरण संवाददाता, विकासनगर (देहरादून)। रामसर साइट आसन वेटलैंड में विदेशी परिंदों का संसार बसने लगा है। यहां अब तक 16 प्रजातियों गैडवाल, यूरेशियन विजन, टफ्ड डक, रुडी शेलडक, कामन कूट, नार्दन शावलर, कामन पोचार्ड, ग्रे हेरोन, ग्रेट कारमोरेंट, लिटिल ग्रेब, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, फेरीजिनियस डक, नार्दन पिनटेल, मलार्ड, नोब बिल्ड डक, कामन टील के परिंदे प्रवास को पहुंच चुके हैं। जैसे-जैसे ठंड बढ़ रही है, वैसे परिंदों की संख्या में इजाफा हो रहा है। चकराता वन प्रभाग की स्थानीय गणना में प्रवास को आने वाले विदेशी परिंदों की संख्या तीन हजार के करीब आंकी गई है।

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    उत्तराखंड के पहले रामसर साइट आसन वेटलैंड में आठ अक्टूबर से विदेशी परिंदों का प्रवास शुरू हो जाता है, जो अप्रैल प्रथम सप्ताह तक यहां रहते हैं। साइबेरिया, कजाकिस्तान समेत अन्य देश जहां अधिक ठंड होती है, वहां से आने वाले परिंदों का कलरव आसन में गूंजता है। नमभूमि की इससे रौनक बढ़ जाती है। आसन के अलावा भीमगौड़ा बैराज हरिद्वार और वीरभद्र बैराज ऋषिकेश तक परिंदे परवाज और प्रवास करते हैं। आसन वेटलैंड का कंजरवेशन रिजर्व व रामसर साइट होने के कारण विशेष महत्व है। वर्तमान में 16 विदेशी प्रजातियों की आमद से झील गुलजार हो गई है। सभी परिंदों की आकर्षित करने की अपनी शैली है।

    सुर्खाब अपने सोने से दमखते पंखों की वजह से पक्षी प्रेमियों को आकर्षित करता है, वहीं पलास फिश इगल का उड़ते समय एकदम से नीचे झील से मछली पकड़ता है, जो काफी रोमांचक होता है। रंगविरंगे पंखों वाले विदेशी परिंदों की वजह से गढ़वाल मंडल विकास निगम के आसन रिसोर्ट की भी आय बढ़ने लगी है। पक्षी देखने के लिए आने वाले पर्यटकों के बोटिंग से जीएमवीएन को भी मुनाफा होता है। ठंडे देश से आने वाले प्रवासी परिंदों को आसन नमभूमि में मड टापू, टाइफा ग्रास के झुरमुट, पास ही कलकल बहती यमुना नदी, हरे भरे पहाड़ बेहद भाते हैं। चकराता वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी नीतिश मणि त्रिपाठी के निर्देश पर रेंजर राजेंद्र हिंगवाण व वन दारोगा प्रदीप सक्सेना ने आसन रेंज टीम की रात दिन की गश्त बढ़ा दी है।

    आसन वेटलैंड में ये परिंदे डालते हैं डेरा

    रुडी शेलडक यानि सुर्खाब, लिटिल ग्रेब, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, ग्रेट कारमोरेंट, लिटिल कारमोरेंट, इंडियन सैग, व्हाइट बिल्ड हेरोन, मीडियन इग्रेट, येलो बिटर्न, ब्लैक बिटर्न, पेंटेड स्ट्रोक, एशियन ओपन बिल, ब्लैक स्ट्रोक, ब्राह्मणी रुडी शेलडक, कामन शेलडक, मलार्ड, नार्थन पिनटेल, कामन टील, स्पाट बिल डक, कामन पोचार्ड, टफ्ड पोचार्ड, यूरेशियन विजन, गैडवाल, नार्दन शावलर, रेड क्रेस्टेड पोचार्ड, वूली नेक्टड, ब्लैक आइबीज नया नाम रेड कैप्ट आइबीज, प्लास फिश ईगल, ग्रे लेग गूज, गैडवाल, इरोशियन विजन, टफ्ड डक, पर्पल स्वेप हेन, कामन मोरहेन, कामन कूट, ब्लैक विंग्ड स्किल्ड, रीवर लोपविंग, ब्लैक हेडेड गल, इरोशियन मार्क हेरियर, लिटिल ग्रेबी, डारटर, लिटिल कोरमोरेंट, लिटिल इ ग्रेट, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन, कामन किंगफिशर, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, पाइज्ड किंगफिशर आदि प्रजातियों के परिंदे डेरा डालते हैं।

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