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हरिद्वार में बुखार से तीन और मौत, उत्तराखंड में अब तक 6412 में डेंगू की पुष्टि

उत्तराखंड में डेंगू कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं हरिद्वार की भगवानपुर तहसील क्षेत्र के छापुर और सिकंदरपुर भैंसवाल गांव में बुखार से तीन और लोगों की मौत हो गई है।

By BhanuEdited By: Published: Sat, 05 Oct 2019 12:20 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 12:20 PM (IST)
हरिद्वार में बुखार से तीन और मौत, उत्तराखंड में अब तक 6412 में डेंगू की पुष्टि

देहरादून, जेएनएन। उत्तराखंड में डेंगू कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं, हरिद्वार की भगवानपुर तहसील क्षेत्र के छापुर और सिकंदरपुर भैंसवाल गांव में बुखार से तीन और लोगों की मौत हो गई है। दोनों गांव में एक माह के अंदर अब तक 14 लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि ग्रामीण इसे डेंगू की वजह से मौत बता रहे हैं। वहीं शुक्रवार को छापुर के तीन ग्रामीणों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। तीनों मरीजों में डेंगू के प्रारंभिक लक्षण मिले हैं। 

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एक माह से भगवानपुर तहसील क्षेत्र के छापुर और सिकंदरपुर भैंसवाल गांव में बुखार ने कहर बरपाया हुआ है। छापुर गांव निवासी मुस्तकिमा (50) साल कई दिन से बुखार से पीड़ित थी। गांव में ही महिला का उपचार चल रहा था। रात को अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई। परिजन उसे लेकर रुड़की के एक निजी नर्सिंग होम में पहुंचे, जहां इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई है। इस गांव में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है। 

वहीं, गांव के तीन और लोगों में डेंगू के प्रारंभिक लक्षण मिले हैं। सभी को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं सिकदंरपुर भैंसवाल गांव निवासी सुखराम (40) को कई दिन से बुखार आ रहा था। रुड़की के एक फिजिशयन के यहां उसका इलाज चल रहा था। तबीयत बिगड़ने पर मेरठ स्थित हॉयर सेंटर ले जाते समय मरीज की मौत हो गई। 

इसके अलावा इसी गांव के हुसैब (80) की भी बुखार से मौत हो गई। इस गांव में एक माह के दौरान तीन लोगों की मौत पहले ही चुकी है। भगवानपुर के सामुदायिक चिकित्सा केंद्र प्रभारी डॉ. विक्रांत सिरोही ने बताया कि इस संबंध में कोई जानकारी नहीं मिली है। स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार गांव का दौरा कर रही है। इंडोर स्प्रे किया जा चुका है। 

आवासीय विद्यालय में 11 बच्चे बुखार से पीड़ित 

भगवानपुर छापुर गांव स्थित आदर्श आवासीय विद्यालय में 11 बच्चे बुखार से पीड़ित हैं। इन बच्चों को शुक्रवार को रुड़की सिविल अस्पताल में लाया गया है। भगवानपुर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ. विक्रांत सिरोही ने बताया कि बच्चों को अस्पताल में उपचार दिलाया जा रहा है। इससे पहले भी इस विद्यालय के कई बच्चों को बुखार हो चुका है।

नहीं थम रहा डेंगू का प्रकोप 

उत्तराखंड में डेंगू का प्रकोप थम नहीं रहा है। अक्टूबर का पहला सप्ताह भी बीतने को है पर मच्छर पहाड़ व मैदान में लगातार कहर बरपा रहा है। ताजा मामले में भी प्रदेश में 271 और लोग डेंगू की चपेट में आए हैं। इनमें सबसे अधिक 84 मरीज नैनीताल से और 78 मरीज देहरादून से हैं। 

राज्य में अब तक 6412 लोगों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। स्थिति यही रही तो यह आंकड़ा जल्द ही सात हजार तक पहुंच जाएगा। स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार देहरादून में जिन 78 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है,  वे अलग-अलग क्षेत्र के रहने वाले हैं। यहां पर अब मरीजों की संख्या बढ़कर 3809 हो गई है।

नैनीताल जिले में भी डेंगू का मच्छर खूब कहर बरपा रहा है। यहां पर डेंगू के मरीजों का आंकड़ा बढ़कर 1917 हो गया है। इसी तरह ऊधमसिंहनगर में 65 और हरिद्वार में 42 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। इसके बाद ऊधमसिंहनगर में डेंगू मरीजों की सं या बढ़कर 318 और हरिद्वार में 271 हो गई है। वहीं टिहरी में 54, अल्मोड़ा में 17, पौड़ी में 12 व रुद्रप्रयाग में भी छह मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। प्रदेश में डेंगू अब तक बारह से अधिक मरीजों की जान भी लील चुका है। 

हालांकि, स्वास्थ्य महकमा मृतकों का आंकड़ा आठ बता रहा है। बहरहाल, वातावरण में सुबह व शाम को ठंड की दस्तक होने के बाद भी डेंगू के मच्छर की सक्रियता कम नहीं हो रही है। ऐसा एक दिन नहीं जबकि पहाड़ व मैदान में डेंगू के नए मरीज सामने नहीं आ रहे हैं। इससे स्वास्थ्य महकमे की नींद उड़ी हुई है। 

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सात और लोगों में डेंगू के लक्षण 

रुड़की सिविल अस्पताल में सात लोगों में डेंगू के लक्षण मिले हैं। इसमें से चार को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जबकि दो को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया है। वहीं डेंगू वार्ड मरीजों से फुल हैं।  

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