एटीएम क्लोनिंग गैंग के तीन सदस्य गिरफ्तार, जानिए कैसे करते थे ठगी
पुलिस ने एटीएम क्लोनिंग के जरिए धामावाला के ज्वेलर्स को दो लाख रुपये का चूना लगाने वाले तीन जालसाजों को गिरफ्तार कर लिया है।
देहरादून, जेएनएन। एटीएम क्लोनिंग के जरिए धामावाला के ज्वेलर्स को दो लाख रुपये का चूना लगाने वाले तीन जालसाजों को कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। एक आरोपित को दिल्ली में गिरफ्तार कर पुलिस ट्रांजिट रिमांड उसे लेकर दून पहुंची। शनिवार देर शाम को बाकी के दोनों आरोपितों को दून के रेलवे स्टेशन के बाहर से दबोच लिया गया। ट्रांजिट रिमांड पर लाए गए आरोपित को पुलिस ने शनिवार को कोर्ट में पेश कर किया, जबकि बाकी के दोनो को रविवार को कोर्ट में पेश किया गया।
पुलिस अधीक्षक नगर श्वेता चौबे ने बताया कि सिमरनजीत सिंह की धामावाला बाजार में सिमरन ज्वेलर्स नाम से दुकान है। बीते 21 दिसंबर को उनके खाते से दो लाख पांच हजार रुपये निकल गए। उन्होंने इस संबंध में पुलिस में शिकायत कर बताया कि उनका एटीएम कार्ड उन्हीं के पास है लेकिन उनके खाते से दो लाख पांच हजार रुपये किसी ने निकाल लिए। उनके खाते का डिटेल निकलवाने पर पता चला कि रकम रोहिणी दिल्ली के एक एटीएम से निकाली गई है।
वारदात के पीछे अंतरराज्यीय गैंग का हाथ होने के पुख्ता सबूत मिलने के बाद कोतवाल एसएस नेगी, एसएसआइ अशोक राठौड़ व लक्खीबाग चौकी इंचार्ज प्रदीप रावत की अगुवाई में दस सदस्यीय टीम गठित कर सभी को अलग-अलग टास्क सौंपा गया। सीसीटीवी में रोहिणी दिल्ली के एटीएम में दो युवक पैसा निकालते दिखे, लेकिन उसमें से एक वहां लगी पैसे जमा करने की मशीन (कैश डिपॉजिट मशीन) में कुछ रकम डाल रहा है। संबंधित बैंक ने बताया कि यह रकम नवादा बिहार की रहने वाली बबीता के खाते में डाली गई है। नवादा गई टीम ने हिसवा में रह रही बबीता से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसका यह खाता उसका भाई रोहित उर्फ चमन पुत्र सुनील कुमार निवासी ग्राम दौलतपुर थाना सीतामढ़ी जिला नवादा बिहार इस्तेमाल करता है।
बीती नौ जनवरी का बबीता के जरिए रोहित को बुलाया गया और हिसवा थाने में उससे पूछताछ की गई। उसने बताया कि इस वारदात में रंजीत सिंह पुत्र पिंटू सिंह निवासी कुष्ठ आश्रम देवी तालाब चौक जालंधर पंजाब व उसी के गांव का आयुष कुमार पुत्र अनमोल कुमार भी शामिल था। आरोपित के पास से मैग्नेटिक कार्ड रीडर, एंटीना युक्त कैमरा, पोर्टबल एटीएम कार्ड रीडर, तीन बैंक एटीएम कार्ड व एक डेबिट कार्ड भी बरामद किया गया है।
होटल कीकार्ड स्वैप मशीन में लगाया था स्कीमर
एसएसआइ कोतवाली अशोक राठौड़ ने बताया कि आयुष कुमार दिल्ली में रहकर पढ़ाई करता है। जबकि रंजीत कक्षा दस पास है। रंजीत दून में रहकर पहले रायपुर के एक नर्सिग होम में नौकरी करता था उसके बाद वह मोती महल होटल में नौकरी करने लगा। आयुष और रंजीत की मुलाकात कुछ साल पहले मेरठ में हुई थी। रंजीत ही इस ठगी का मास्टरमाइंड है। अधिक कमाई के लालच में उसने एटीएम क्लोनिंग में हाथ आजमाने की सोची और विक्की नाम के शख्स से तकनीकी जानकारी हासिल की।
ऑनलाइन स्कीमर मंगाने के बाद रोहित को एक बैंक अकाउंट का बंदोबस्त करने को कहा गया तो उसने अपनी बहन का अकाउंट डिटेल ले लिया। साजिश के तहत दिसंबर में तीनों दून आए। इसी बीच सिमरनजीत सिंह मोती महल होटल आए और यहां हुए बिल का भुगतान एटीएम कार्ड के जरिए किया। कार्ड स्वैप कराने के दौरान रंजीत ने मशीन में स्कीमर लगा दिया। साथ ही कार्ड का पिन भी गौर से देख लिया। डाटा चोरी करने के बाद रंजीत दिल्ली चला गया, जहां रोहित के साथ मिलकर उसने पैसे निकाल लिए।
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